श्वेता रंजन, नई दिल्ली
World Mental Health Day 2021: दुनिया भर में आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day 2021) मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ के महत्त्व के प्रति जागरुक करना है। मानसिक स्वास्थ के प्रति सजगता जरुरी है क्योंकि यह हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है। यही तय करता है कि हम जीवन को किस अंदाज़ में जीते हैं। हम कैसा सोचते हैं, कैसा महसूस करते हैंऔर जिंदगी का राह में आने वाली बाधाओं का सामना हम कैसे करते हैं। ये बातें आपको छोटी लग सकती हैं लेकिन यही बातें तय करती हैं कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य का स्तर कैसा है।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य
मेंटल प्रोब्लम्स (मानसिक दिक्कतों) को लेकर लोगों की सोच अब भी संकुचित है। मानसिक परेशानियों को लेकर लोग डॉक्टर तक जाने में असहज महसूस करते हैं। हमारे आसपास ऐसे कई लोग होते हैं जो मानसिक परेशानियों से गुजर रहे होते हैं। दोस्तों और परिवार के सदस्य मानसिक समस्याओं को दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
2021 में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम है, ‘सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल: आइये इसे एक वास्तविकता बनाएं’।
मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ी समस्या
कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े संकट में इजाफा हुआ है। विश्व में 9 से 17 वर्ष के हर पांच में से एक युवा का मन किसी न किसी रूप में अस्वस्थ है। वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है। कोरोना महामारी में मानसिक रोगियों की 20% संख्या बढ़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 80 फीसदी मानसिक विकार रोगी वर्षों तक उपचार नहीं ले पाते हैं। दुनिया भर में 97 करोड़ मानसिक विकार से ग्रसित मरीज हैं। दुनिया भर में 20 फीसदी युवा आबादी मानसिक विकार से ग्रसित है। यह और भी चिंताजनक है कि दुनिया में 10 में से पांच मरीज तो समझ ही नहीं पाते की उनका मन बीमार है।
वहीं भारत में 5.6 करोड़ भारतीयों को मानसिक अवसाद ने घेर रखा है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार भारत में 5.6 करोड़ लोग अवसाद से जूझ रहे हैं, वहीं 3.8 करोड़ चिंता से ग्रसित हैं। कुल आबादी में से 7.5 फीसदी लोग मानसिक रोग से जूझ रहे हैं। अनुमान है कि यह आंकड़ा 20% तक जा सकता है। केंद्र सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए इस बार 597 करोड़ का बजट दिया था।
देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर
भारत में खुदकुशी के मामले समय के साथ बढ़े हैं। दुनियाभर में 36.6% खुदकुशी के मामले भारत से हैं। अनुमान है कि युवाओं की मौत और बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य से देश को वर्ष 2030 तक 10.03 खरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है।
कैसे सुधारें मानसिक स्वास्थ्य
सबसे ज्यादा जरुरी है कि हर स्थिति में हम पॉजिटिव रहें। कठिन परिस्थितियों में खुद पर काबू रखें। अच्छा सोचें, दोस्तों और परिवार पर भरोसा रख कर मदद मांगें। अपने जीवन में अच्छी चीजों के लिए आभारी बनें। छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढें। परिवार के अलावा दोस्तों के साथ भी समय बितायें। लोगों से जुड़ें। अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्योंकि आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। खुद के लिए वक्त निकालें, व्यायाम करें।अच्छी नींद लें। नींद की कमी कई समस्याओं को जन्म देती हैं। अच्छा संतुलित आहार लें। पोषक तत्वों की कमी मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती हैं। जैसे विटामिन बी12 की कमी डिप्रेशन बढ़ा सकता है। सोडियम की कमी से मानसिक विकार पैदा हो सकते हैं। थोड़ा वक्त मेडिटेशन और योगा के लिए निकालें।