अयोध्या में राम लला की मूर्ती देखने के बाद क्या आपके मन में भी ये सवाल आया है कि मूर्ती आखिर काले रंग की क्यों है? तो चलिए आपको बताते हैं रघुराई के मूर्ति काले रंग की क्यों बनाई गई है।
दरअसल राम लला की मूर्ती का निर्माण शिला पत्थर से किया गया है, इसे कृष्ण शिला के नाम से जाना जाता है। यही वजह है कि राम लला की मूर्ती काले रंग की है, जिसे हम श्यामल भी कहते हैं। आपको जान कर हैरानी होगी कि शिला पत्थर के अपने कई गुण भी हैं।
रामलला की पूजा के समय उनका दूध से अभिषेक किया गया। अब इस पत्थर के गुण के कारण दूध में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। इस दूध को पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है। श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस पत्थर का हजार साल तक कुछ भी नहीं बिगड़ता है। इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा।
वैसे एक और बात यह है कि वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जिस रूप के बारे में बताया गया है, उसमें उन्हें श्यामवर्णी, बेहद सुंदर, कोमल और आकर्षक बताया है। इसलिए रामलला की मूर्ती का रंग श्यामल रखा है।