कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन गुरुनानक पर्व मनाया जाता है। इसी दिन गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। सिख समाज की नींव रखने वाले गुरुनानक देव को भक्तगण बाबा नानक और नानकशाह के नाम से भी पुकारते हैं। इस बार 30 नवंबर 2020 को प्रकाश पर्व पड़ेगा।
सिख समुदाय के संस्थापक और प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 को राय भोई की तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब (Nankana Sahib) में पड़ता है।
अपना संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा में लगाने वाले गुरु नानक देव की शादी 16 साल की उम्र में सुलक्खनी नाम की कन्या से हुई थी। उनके दो बेटे थे- श्रीचंद और लखमीदास। 1539 ई. में उनकी मृत्यु करतारपुर (जो अब पाकिस्तान में है) की एक धर्मशाला में हुई थी। शरीर त्यागने से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी बनाया था जो आगे चल कर गुरु अंगद देव नाम से जाने गए।
नानक जी ने आजीवन सत्य और धर्म के राह पर चलने के लिए, ज्ञान के प्रकाश को फैलाने के लिए चार धार्मिक यात्राएं कीं थीं। उन चार यात्राओं में पहली धार्मिक पटना साहिब की थी। अनेक शहरों से गुजरते हुए नानक देव जी के पटना आकर चार महीने तक रहे।
हर साल गुरु पूरब को के दिन गुरुद्वारों को रोशनी से सजाया जाता है। गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन किये जाते हैं, भक्तों के लिए लंगर लगता है। भक्त इस दिन गुरुवाणी का पाठ करते हैं। इस दिन सुबह-सुबह ‘वाहे गुरु, वाहे गुरु’ जपते हुए प्रभात फेरी निकाली जाती है।