स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
कल, सोमवार 30 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी है। कृष्ण लला के जन्मदिन के इस पावन पर्व को मनाने के लिए देशभर के धार्मिक स्थलों की साज सज्जा की जा रही है, हालांकि हर बार के मुकाबले दो बार से, बीते साल और इस वर्ष भी कोरोना के चलते जन्माष्टमी की रौनक थोड़ी फीकी रहेगी, लेकिन इस पावन पर्व का ज्योतिषीय महत्व इस वर्ष बेहद खास है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इस शुभ संयोग में सच्ची आस्था-विश्वास व स्वच्छ मन-मान से कृष्ण की पूजा आराधना करने वालों की हर मुराद पुरी होगी।
ये तो हम सभी जानते हैं कि रक्षाबंधन के त्योहार के आठ दिन बाद यानि भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार ने देवकी की कोख से जन्म लिया था, जिन्हें कृष्ण नाम से पुकारा
गया। धरती पर अधर्मियों के संहार के लिए आए कृष्ण अवतार ने ही कंस का वध कर पावन धाम मथुरा को पाप मुक्त किया था, कृष्ण की तमाम लीलाओं, उनके चमत्कारों की कथाएं मथुरा के अनगिनत मंदिरों में आज भी सुनी जाती हैं, यूं तो जन्माष्टमी का पर्व देश भर में हर्षो उल्लास से मनाया जाता है, लेकिन कृष्ण की नगरी मथुरा में इस पर्व की एक अलग ही छटां नजर आती है।
कृष्ष भक्त जन्माष्टमी के दिन व्रत कर रात 12 बजे उनके जन्म के बाद उन्हें भोग लगाकर, पूजा अर्चना कर अपना व्रत खोलते हैं। हर मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के नजारे अद्भुत होते हैं, ऐसे में अगर अद्भुत संयोग भी हो, तो महत्व और बढ़ जाता है। इस साल जन्माष्टमी के इस पावन पर्व का अद्भुत संयोग के साथ आना इसे और विशेष बना रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है, कृष्ण जन्म के समय बना था। कल, जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसी को जयंती योग माना जाता है। कहा जाता है कि द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था। वही नक्षत्रों की स्थिति के बारे में ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि चंद्रमा, वृष राशि में रहेगा, और नक्षत्रों की ये स्थिति भक्तों के लिए विशेष फलदायी है। इस समय में जो भी भक्त कृष्ण की पावन मन-भाव से प्रेमपूर्वक पूजा अर्चना करेगा, कृष्ण कन्हैया उन भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करेंगे। तो जाहिर है इस योग के चलते इस बार की कृष्ण जन्माष्टमी और भी खास है।
कल, सोमवार 30 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां आप पहले ही पढ़ लें, ताकि आप विधि विधान से समय पर उनकी आराधना कर, पूर्ण फल प्राप्त करें। आपको बता दें कि जन्माष्टमी की तिथि आज, 29 अगस्त रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरु होकर 31 अगस्त के प्रारंभ यानि 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। रोहिणी नक्षण जन्माष्टमी के दिन यानि 30 अगस्त की सुबह 6 बजकर 39 मिनट से 31 अगस्त की सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगा, तो इस लिहाज से पूरा दिन ही आराधना के लिए विशेष है लेकिन ज्योतिष जानकारों के मुताबिक अभिजीत मुहूर्त है 30 अगस्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से 31 अगस्त की शुरुआत होने तक यानि रात 12 बजकर 47 मिनट तक। तो शुभ मुहूर्त में कीजिए कृष्ण की पूजा आराधना ताकि पूरी हो आपकी हर मनोकामना।