गुजरात में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद भूपेंद्र पटेल सोमवार को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बीजेपी राज्य में लगातार सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है।
15 जुलाई 1962 को पैदा हुए भूपेंद्र पटेल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उनके पिता का नाम रजनीकांत और माता का नाम हेतल पटेल है. उनका एक भाई है, जिसका नाम केतन पटेल है. उनके बेटे का नाम अनुज पटेल और बहू का नाम देवांशी है. पाटीदार समाज से आने वाले भूपेन्द्र पटेल ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई में डिप्लोमा हासिल किया है। वे कडवा पाटीदार में आते हैं। लोग भूपेंद्र पटेल को प्यार से ‘दादा’ कहते हैं। वहीं पीएम मोदी स्नेहपूर्वक उन्हें मक्कम (अडिग) और मृदु सीएम कहते हैं. भूपेंद्र पटेल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लेने के बाद बिल्डर भी रहे। वह आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
संघ से मुख्यमंत्री तक का सफर
भूपेन्द्र पटेल सबसे पहले आरएसएस से जुड़े। 1995 में मेमनगर नगर पालिका के सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1999 और फिर 2004 में फिर से भूपेन्द्र पटेल पालिका के सदस्य बने। इसी दौरान उन्हें 1999 से 2004 तक नगर पालिका प्रमुख बनने का भी मौका मिला। इसके बाद भूपेंद्र पटेल 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम के उपाध्यक्ष बने। 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे। फिर 2017 में उनकी जिंदगी में एक टर्न आया। वह पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल की सीट घाटलोडिया से चुनावी अखाड़े में उतरे और 1.17 लाख वोटों से बंपर जीत हासिल की. उन्होंने 83 फीसदी वोट हासिल किए।
‘बुलडोजर दादा’
अपने मृदु स्वभाव के कारण भूपेंद्र पटेल न सिर्फ जनता को प्रिय हैं बल्कि पीएम मोदी भी उनके काम की तारीफ करते हैं। उनके काम करने का स्टाइल पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों को ही बहुत पसंद है। वह पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है आनंदीबेन पटेल उनकी राजनीतिक गुरु रही हैं। अपने 15 महीने के कार्यकाल में भूपेंद्र पटेल ने बतौर सीएम पोरबंदर में अवैध निर्माणों पर सख्त एक्शन लेते हुए बुल्डोजर चलवा दिया था। तब उन्हें ‘बुलडोजर दादा’ भी कहा गया। उनके काम की पीएम मोदी ने भी खूब तारीफ की थी। इसके बाद उन्होंने नरेंद्र और भूपेन्द्र की सरकार, डबल इंजन की सरकार का स्लोगन दिया।
बैडमिंटन खेलने और क्रिकेट देखने का शौक
मृदु और सरल स्वभाव के भूपेंद्र पटेल पैंट-शर्ट या कभी कभार कुर्ता पहनना पसंद करते हैं। उन्हें बैडमिंटन खेलना और क्रिकेट देखना बहुत पसंद है। पिछले 15 महीने के कार्यकाल में भूपेन्द्र पटेल कई बार प्रोटोकॉल तोड़ सामान्य लोगों के बीच रोड के किनारे बैठकर चाय पी चुके हैं। दादा के इस अंदाज पर काफी सुर्खियों भी बनी थीं।