कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ को साउथ जोन संस्कृति विभाग की ओर से हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के सहयोग से युवा कलाकार पदमकोष अवार्ड से सम्मानित किया गया। माया को कला महोत्सव के दौरान युवा कलाकार अवार्ड से नवाजा गया।
इस अवॉर्ड को संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन डॉक्टर दीपिका रेडी, साउथ जोन कल्चर डायरेक्टर के द्वारा दिया गया।
माया ने कहा यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जब कथक नृत्य को उत्तर भारत में समझा देखा , सराहा जाने लगे तो एक कलाकार की प्रस्तुति द्वारा तो यह उस कलाकार की उपलब्धि एवं ज़िमेदारी है इसके लिए में तेलंगाना संस्कृति विभाग की आभारी हूं।
माया कुलश्रेष्ठ एक ऊर्जावान और सधी हुई नृत्यांगना हैं जो अपनी प्रस्तुति से दर्शकों पर अपनी गहरी छाप छोड़ती है। माया ने 5 साल की उम्र में नृत्य सीखना शुरु किया। उन्होंने डॉ. मोनिका श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में ग्वालियर से शिक्षा प्राप्त की। माया ने मनोविज्ञान के क्षेत्र में एम.ए करने के उपरांत राजा मान सिंह विश्वविद्यालय से कथक में एम.ए किया। माया ने थिएटर में डिप्लोमा भी किया है। वह पिछले 25 सालों से कथक सीख रही हैं। वो इन दिनों जयपुर घराने की गुरु श्रीमती गीतांजलि लाल के मार्गदर्शन में कथक सीख रही है।