उत्तर प्रदेश के बलिया कांड के मुख्य अभियुक्त धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में धीरेन्द्र ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा है कि गोली उसने नहीं बल्कि उसके विरोधियों ने चलाई थी। बलिया कांड का मुख्य आरोपी धीरेन्द्र ने वायरल वीडियो में पूरे मामले केलिए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि प्रशासन उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही। उसने कहा है कि घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं। धीरेंद्र ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो जारी कर कहा है कि वह पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार है। उसने घटना को पूर्व नियोजित करार दिया है और आरोप लगाया है कि आवंटन के लिये बैठक शुरू होते ही उसने उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की आशंका जताई थी लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया।
धीरेंद्र ने कहा है कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता और भाभी पर भी हमला किया गया। हमलावर लाठी डंडे व अवैध असलहा की तैयारी के साथ मौजूद थे। धीरेन्द्र ने कहा है कि घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत हो गई है और एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना में उसके पक्ष के 8 से अधिक लोग घायल हुए हैं। धीरेंद्र ने यह दावा किया है कि जयप्रकाश पाल गामा की मौत को उसने गोली नहीं मारी। आरोपी धीरेंद्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की सही जांच व न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने भी प्रशासन पर मामले की सही जांच ना करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रशासन पर न्याय का गला घोंटने के आरोप लगाये हैं। सुरेंद्र सिंह कहा कि धीरेंद्र प्रताप ने आत्म रक्षा में गोली चलाई है , अन्यथा उसके परिवार और सहयोगी लोग मार दिये गए होते। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र प्रताप के सामने मरने या मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया था इसलिए उसे गोली चलानी पड़ी।
दूसरी ओर, पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता के भाई समेत दो लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। पांच अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। शुक्रवार को एक आरोपी देवेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू का भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह भी पुलिस की गिरफ्त में है।
जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में गुरूवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान पुलिस की मौजूदगी के बावजूद एक व्यक्ति की हत्या के मामले में तीन रेवती थाने पर तैनात तीन उप निरीक्षक सूर्य कांत पांडेय, सदानन्द यादव व कमला सिंह यादव तथा छह आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि आरोपियों के असलहा लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में पहले ही उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल व पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था।
घटना में मृतक जयप्रकाश पाल उर्फ गामा के भाई तेज प्रताप पाल ने भी पुलिस की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाये हैं और कहा कि घटनास्थल पर 10 पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिसमें दो महिला पुलिसकर्मी भी थीं। तेज प्रताप पाल ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मदद से आरोपी भाग निकले।
अब तक किसी भी मामले पर खुल कर सामने नहीं आ रही बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रदेश सरकार पर बिगड़ी व्यवस्था को लेकर कुशासन के आरोप लगाए हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ” उप्र के बलिया में हुई घटना अति-चिन्ताजनक है तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आये दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी हद तक दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर होगा। बसपा की यह सलाह है।”
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ” बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अब देखें कि क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं।”