आने वाले दो महीनों में तीन ग्रहण लगेंगे। जून महीने में ही सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही हैं, 5 जुलाई को भी एक चंद्र ग्रहण लगेगा।
5 जून को इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा । यह ग्रहण भी भारत में दृश्य होगा। चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरु होगा और 6 जून को रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
21 जून को सूर्य ग्रहण है। बता दें कि इससे पहले 10 जनवरी को साल का पहला ग्रहण लग चुका है.
क्या है चंद्र ग्रहण का सूतक काल?
ग्रहण में लगने वाला सूतक काल समय की अशुभ अवधि होती है। सूतक काल का आरंभ चंद्र ग्रहण लगने से तीन पहर पहले ही हो जाता है। एक पहर तीन घंटे का होता है, जिसके अनुसार, तीन पहर का अर्थ है नौ घंटे। सूतक काल ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।
सूर्य ग्रहण
तारीख: 21 जून
शुरूआत: 09.15 सुबह
समाप्ति का समय: 02.02 दोपहर
21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह वर्ष 2020 का पहला सूर्य ग्रहण होगा जो भारत में दृश्य होगा। 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा जो दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयकार होगा, जो कि मिथुन राशि में लगेगा। इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस ग्रहण से मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रहण के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-
ग्रहण काल के दौरान खाना-पीना उचित नहीं माना जाता है। इस समय कोशिश करें की कोई भी शुभ कार्य ना करें। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान भगवान की पूजा-आरती नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में मंदिर या घर में बने पूजा के स्थान पर लगे पट को बंद करना चाहिए। सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खास घ्यान देना चाहिए। उन्हें घर में रहना चाहिए ताकि नकारात्मक शक्तियां उन्हें नुकसान ना पहुंचा सकें। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण खत्म होने के उपरांत स्नान करना अच्छा होता है, इससे नकारात्मक शक्तियों का नाश होताहै। आपने अक्सर अपने घर में यह देखा होगा कि नानी-दादी ग्रहण काल में पके खाने में तुलसी की पत्तियां डाल देती है, ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि भोजन अशुद्ध ना हो।
5 जुलाई को चंद्र ग्रहण:
5 जुलाई को चंद्र ग्रहण सुबह 08:38 बजे से 11:21 बजे तक रहेगा.