देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बढ़ रहे कोरोना केसों ने सभी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, विषय की गंभीरता को देखते हुए आज की टॉप 5 न्यूज में सभी खबरें कोरोना से ही संबंधित हैं।
1- देश के कुछ राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार और केरल ये देश के ऐसे राज्यहैं जहां कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है और संक्रमितों की हर दिन आ रही नई संख्या हर पिछले दिन का रिकॉर्ड तोड़ रही है। कल रविवार को भी 24 घंटे में अब तक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। महाराष्ट्र के साथ साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी संक्रमितों की संख्या का रिकॉर्ड टूटा। पूरे देश में जहां 1 लाख 70 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए तो वहीं महाराष्ट्र में पहली बार 63 हजार से ज्यादा संक्रमित पाए गए। महाराष्ट्र में कल रविवार को 63 हजार 294 नए मामले सामने आए और संक्रमण के चलते 24 घंटे में 349 मौतें हुई। वहीं दिल्ली में रविवार को 10 हजार 774 नए केस मिले और 48 कोविड मरीजों की मौत हुई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 15 हजार 353, मध्य प्रदेश में 5 हजार 939, कर्नाटक में 10 हजार 250, केरल में 6 हजार 986 और तमिलनाडु में 6 हजार 618 नए कोविड संक्रमित मिले।
2- देश में एक तरफ कोरोना संक्रमितों की गिनती तेजी से बढ़ रही है, दूसरी तरफ बढ़ते संक्रमण से लोगों को डर सता रहा है कि फिर से लॉकडाउन न लग जाए। ऐसे में लोग रोजी रोटी के संकट का सामना कर सकते हैं, आम लोगों की इन दुविधाओं के बीच कुछ राज्यों में जनता की चिंता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों ने साफ किया है कि पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। हालांकि प्रधानमंत्री भी ये कह चुके हैं कि अब पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहींहैं, इसके अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी राजधानी में और पाबंदियां न लगाने की बात कही, लेकिन फिर मरीजों की बढ़ती संख्या पर उन्होंने आगाह भी किया है कि अस्पतालों में बेड भरे तो लॉकडाउन लगाना होगा। अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की समीक्षा बैठक में कहा है कि मध्य प्रदेश में लॉकडाउन नहीं है और न ही प्रदेशभर में लॉकडाउन लगाया जाएगा। आर्थिक गतिविधियां चलती रहनी चाहिए, ताकि लोग रोजी-रोटी कमा सकें। कुछ जिलों में लोगों के सहयोग से कर्फ्यू लगाया गया है। हालांकि देश में सबसे ज्यादा कोरोना विस्फोट सामने आ रहा है महाराष्ट्र से जहां कुल मामलों के 48 फीसदी से ज्यादा नए मामले हैं। वहां बार फिर अहतियातन 8 से 15 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगने की संभावना है।
3- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि देशभर में 11 से 14 अप्रैल के बीच चलने वाले टीकाकरण अभियान को टीका उत्सव का नाम दिया गया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 से 14 अप्रैल तक पूरे देश में टीका उत्सव मनाने और वैक्सीन के दायरे में आने वाले लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। जिसके बाद टीकाकरण उत्सव के पहले दिन यानि रविवार 11 अप्रैल को देशभर में 27 लाख से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन ली। इसके साथ ही देश में अब तक टीके की 10,43,65,035 खुराक दी जा चुकी है। आपको बता दें कि इसी बीच कुछ राज्यों से वैक्सीन की कमी की खबरें भी सामने आ रही हैं। राजस्थान में भी वैक्सीन की कमी का संकट गहराता जा रहा है, एक तरफ राज्य में कोरोना मरीज बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ वैक्सीन खत्म हो चली हैं, वैक्सीन की कमी के चलते यहां रविवार को करीब 60% केंद्रों पर वैक्सीनेशन नहीं हुआ। केंद्र ने रविवार को 4 लाख वैक्सीन की डोज राजस्थान भेजी हैं, लेकिन ये सिर्फ एक ही दिन की डोज है।
4- देश में कोविड 19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से कोविड मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की देश में कमी हो गई है। इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए केन्द्र सरकार ने रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन और इसे बनाने में लगने वाले एपीआइ यानि कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी है और अधिकारियों को स्टॉक वैरिफिकेशन करने के साथ-साथ इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सरकार ने इस इंजेक्शन को बनाने वाली कंपनियों से कहा है कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट्स पर स्टॉकिस्ट और डिस्ट्रीब्यूटर्स के नाम डिस्प्ले करें। केंद्र ने रविवार को ये फैसला तब किया जब देश के कई हिस्सों में एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर की कमी होने की सूचनाएं आने लगीं। वैसे कोरोना महामारी से जुड़ी किसी दवा या इंजेक्शन के निर्यात पर भारत ने आधिकारिक तौर पर पहली बार रोक लगाई है।
5- बढ़ते कोविड संक्रमण के बीच प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर CBSE बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है, साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा है कि बढ़ते कोविड संक्रमण के बीच छात्रों को परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करने पर, किसी भी परीक्षा केंद्र पर बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने की स्थिति में सरकार और CBSE यानि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने लिखा कि सरकार और CBSE को इस पर विचार करना चाहिए। प्रियंका ने लिखा कि ‘राजनीतिक दलों के नेता के तौर पर बच्चों की सुरक्षा और उनका मार्गदर्शन करना हमारी जिम्मेदारी है। मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार स्कूलों, छात्रों और उनके माता-पिता के साथ इस विषय में सुरक्षित रास्ता निकालने के लिए बातचीत करेगी। आपको बता दें कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों के लिए युवा सुपर स्प्रेडर बन रहे हैं। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि इस बार कम उम्र के लोगों में संक्रमण ज्यादा हो रहा है। ऐसे में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन देने की शुरुआत करनी चाहिए।