Guru Tegh Bahadur Shaheedi Divas: सिखों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस आज 24 नवंबर 2020 को है । इस दिन को 400वां प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। धर्म की रक्षा के लिए गुरू तेग बहादुर जी ने हंसते हंसते खुद का भी बलिदान दे दिया था। सदैव मानवीय मूल्यों, धर्म, आदर्श एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए तैयार रहने वाले गुरु तेग बहादुर के बलिदान के लिए ही उन्हें ‘हिंद दी चादर’ कहा जाता है जिसका अर्थ है ‘भारत का ढाल’।
गुरु तेग बहादुर का जन्म 18 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ था।
तेग बहादुर का अर्थ तलवार की ताकत होता है।
उनका असली नाम त्यागमल था।
गुरु तेग बहादुर के पिता गुरु हरगोबिंद साहिब सिखों के छठवें गुरु थे।
सिखों के आठवें गुरु श्री हरिकृष्ण जी की अकाल मृत्यु के बाद श्री तेग बहादुर जी को गुरु बनाया गया।
बचपन से ही वो धार्मिक, निडर और दयालु थे।
14 वर्ष की आयु में वीरता का परिचय देते हुए मुगलों के खिलाफ हुए युद्ध किया था।
24 नवंबर 1675 को औरंगजेब ने चांदनी चौक पर उनका शीश काटने का हुक्म जारी किया था।
गुरु तेग बहादुर की शहादत को हर साल 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।