स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
खुशी बिन खाक है जीवन, प्रसन्नता पैसे से नहीं संभव
दुनिया में जितनी वेल्यू पैसे की है उससे कहीं ज्यादा है खुशी की, क्योंकि खुशी को अहसास है जिसे आप पैसे से नहीं खरीद सकते, शायद खुशी की इसी खूबी को समझाने और इस भाव को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हर साल 20 मार्च को International Day of Happiness यानि अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। ये बात तो जगजाहिर है कि खुशी से खूबसूरत कुछ नहीं, यदि इंसान मन-मस्तिष्क से खुशहाल है तो कितनी भी बड़ी चुनौती को जीत सकता है, खुशी के इंसानी जीवन में बहुत मायने हैं, लेकिन खुशी के इस महत्व को समझाने के लिए 20 मार्च के दिन का चुनाव क्यूं हुआ, और इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और किसने की। इन तमाम सवालों के जवाबों के साथ साथ प्रसन्नता की सही परिभाषा और इसका महत्व समझने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
International Day of Happiness यानि अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के लिए कैलेंडर में एक तारीख निर्धारित है 20 मार्च। तो सबसे पहला सवल भी यही कि इस दिन को मनाने की शुरुआत किसने की, और कब से इस दिन को मनाया जा रहा है। तो आपको बता दें कि भूटान विश्व का एक ऐसा देश है जो राष्ट्रीय आय की तुलना में राष्ट्र की आवाम की खुशहाली को ज्यादा महत्व देता है, इसी देश ने साल 2012 में प्रसन्नता दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था, वैसे इस दिन को मनाने का श्रेय जाता है यूएन के विख्यात समाजसेवी जेमी इलियन को, जिन्होंने कहा कि खुश रहने को अपनी जिंदगी का मकस बनाकर व्यक्ति हर बुलंदी को फतह कर सकता है, उनके विचारों से संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन सेक्रेटरी जनरल बान की मून भी प्रभावित हुए और संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तब संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 12 जुलाई 2012 को हर साल 20 मार्च को International Day of Happiness के रूप में मनाने का ऐलान किया। जिसके बाद साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वभर की आवाम की जिन्दगी में खुशी के महत्व को जानने-समझने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई। इस दिन को विश्वभर के 7.8 बिलियन लोगों और सभी 206 देशों व क्षेत्रों की एकजुटता व खुशहाली के उद्देश्य से मानाया जाता है।
साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र ने गरीबी मिटाने, असमानता के उन्मूलन और पृथ्वी की रक्षा के लिए के लिए 17 संवहनीय विकास लक्ष्यों का ऐलान किया और इन तीनों की पहलुओं को स्वस्थ व खुशहाल जीवन ते लिए जरूरी माना गया और वैश्विक स्तर पर इस दिन को मनाने का यूएन का उद्देश्य भी यही है कि दुनिया के नीति निर्धारकों व निर्माताओं का ध्यान खुशी/प्रसन्नता जैसे लक्ष्य पर कायम रहे। हर साल एक विशेष थीम यानि विषय के साथ सेलिब्रेट किया जाने वाला International Day of Happiness इस साल भी एक खास थीम के साथ मनाया जा रहा है, साल 2021 में इस दिन के लिए जो विषय यानि थीम रखी गई है वो है “Keep Calm. Stay Wise. Be Kind” जिसका अर्थ है शांत रहें, समझदार बने रहें और दयालु रहें। इस साल इस थीम को रखने का उद्देश्य है कोविड 19 जैसी वैश्वविक महामारी के चलते लोगों के मनों में घर बनाए बैठी निराशा और हताशा को खत्म कर खुशी की तलाश के लिए सफर को जारी रखना और इसके लिए लोगों को प्रेरित करना।
वैश्विक महामारी के इस साल में लोगों ने ऐसे तमाम संकटों और मुश्किलों का सामना किया है जिनके चलते मानसित शांति भंग हुई है, लोग सूझबूझ से काम नहीं ले पा रहे, और दया भाव के अभाव में कुछ जगहों पर अक्षम लोग सक्षम लोगों की मदद से महरूम हैं। ऐसे में ये विषय उन्हें सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करेगा और विश्व की आवाम इस कठिन समय में भी एकजुट होकर इस समस्या पर फतह पाते हुए अपनी खुशी को सहेजे रख सकेगी। दोस्तों सरल शब्दों में कहें तो खुशी को जीवन में जीवंत बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है सकारात्मक सोच। लक्ष्य निर्धारित करना गलत नहीं, महत्वाकांक्षाओं के लिए संघर्ष भी जायज है, लेकिन इस सफल में ये ध्यान रखें कि खुशी को न खोएं, क्योंकि जीवन में खुशी से मूल्यवान कुछ नहीं। खुशी मन का वो ख्याल है जो मस्तिष्क को शांत और जीवन को सकारात्मक रूप से चलाने की दिशा देता है, ये एक ऐसी अनुभूति है जिसको धन खर्च करके नहीं कमाया जा सकता, इसलिए सबसे ऊपर खुद की खुशी, मन की प्रसन्नता को रखें। तभी इस दिन को मनाना सार्थक माना जाएगा।