स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
On TV people can see it, On Radio you’ve got to create it
यदि आज किसी से ये सवाल किया जाए कि 13 फरवरी को हम कौन सा दिन मनाते हैं तो आज की युवा पीढ़ी फटाक से जवाब देगी, 13 फरवरी यानि किस डे इतना भी नहीं पता, लेकिन वास्तव में किस डे के अलावा भी 13 फरवरी को एक खास विषय के नाम किया गया है, जिसे रेडियो कहा जाता है। जी हां 13 फरवरी को मनाया जाता है विश्व रेडियो दिवस, लेकिन सवाल फिर वही, रेडियो दिवस क्यूं और इसके लिए 13 फरवरी ही क्यूं तो इन सवालों के जवाब आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान पाएंगे साथ ही ये भी पता चलेगा कि विश्व रेडियो दिवस मनाने का वास्तविक उद्देश्य क्या है।
13 फरवरी की तारीख को विश्व रेडियो दिवस के रूप में साल 2011 से मनाया जाता है यानि आज हम और आप विश्व रेडियो दिवस की दसवीं सालगिरह मना रहे हैं और रेडियो की 110 सालगिरह, क्योंकि अब से 110 साल पहले ही इंसान को ये सुंदर यंत्र रेडियो मिला था, जिसे मिलने के 100 साल बाद हमने इसके नाम एक दिन को समर्पित किया साल 2011 में। साल 2011 में इसे मनाने की शुरुआत हुई लेकिन औपचारिक रूप से पहला विश्व रेडियो दिवस साल 2012 में मनाया गया। स्पेन रेडियो अकेडमी ने 2010 में पहली दफा इसका प्रस्ताव रखा जिसके बाद 2011 में यूनेस्को की महासभा ने 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाने की घोषणा हुई और इसके बाद 14 जनवरी 2013 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने भी 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो डे के रूप में मनाने की यूनेस्कों की घोषणा को मंजूरी दे दी। 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाने की एक और बड़ी वजह ये है कि 13 फरवरी 1946 को ही यूनाइटेड नेशंस रेडियो पर पहली बार समाचार व कहानियों का प्रसारण किया था।
एक दौर था जब रेडियों इंसानी जिंदगी में एक खास जगह रखता था। उस दौर में सूचना-संचार व गीत आदि मनोरंजन के माध्यमों के तौर पर लोग रेडियो का ही इस्तेमाल करते थे। आज आधुनिक होती दुनिया में इस खास यंत्र की जगह टीवी और उसके बाद मोबाइल ने ले ली है, लेकिन वो कहते हैं ना ओल्ड इज गोल्ड। हम आधुनिक कितने भी हो जाएं लेकिन इसकी विशेषताएं जानने वालों के लिए रेडियो की अहमियत आज भी वही है जो दशकों पहले थी। रेडियो सूचना व मनोरंजन का इतना सशक्त माध्यम है कि टीवी, मोबाइल,कंपूयट्र, लैपटॉप व इंटरनेट भी इसकी जगह नहीं ले सके। आज की युवा पीढ़ी भी अपने मोबाइल फोन पर रेडियो की सुविधा का लाभ उठा रही है, जिससे रेडियो सुनने वालों की गिनती में इजाफा हुआ है। प्रशासनिक सूचनाओं के प्रसार-प्रचार के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा भी रेडियो का इस्तेमाल किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम ने तो मानो रेडियो की दुनिया को फिर से नया रूप दिया है। जबतक मोदी मन की बात कार्यक्रम में बोलते हैं लोग कान लगाए चाव से रेडियो सुनते हैं।
विश्व में जानकारियों के विस्तार और जनमानस को ज्ञान व शिक्षा से जोड़ने में रेडियो ने खास भूमिका निभाई है। इसका इस्तेमाल युवाओं को उन विषयों की चर्चा में शामिल करने के लिए भी किया गया, जो उन्हें प्रभावित करते हैं। रेडियो ने प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान लोगों की जिन्दगी को बचाने में मदद की। इसके अलावा रेडियों पत्रकारों के लिए एक प्लैटफॉर्म हुआ करता था जिसके माध्यम से वे अपनी रिपोर्ट देश-दुनिया तक पहुंचाने में सफल हुआ करते थे और अपनी कहानी सुनाते थे। इतना ही नहीं आज भी रेडियो सूचनाओं के विस्तार के लिए सबसे सक्षम व शक्तिशाली और सस्ता माध्यम है। वो अलग बात है कि रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो गया लेकिन अब भी संचार के लिए इसका बहुत इस्तेमाल होता है। रेडियो की इन अहमियतों को देखते हुए हर साल रेडियो दिवस मनाया जाता है।
विश्व रेडियो दिवस 2021 (थीम – इवोल्यूशन इनोवेशन एंड कनेक्शन): World Radio Day 2021 (Theme – Evolution Innovation and Connection)
World Radio Day हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है और लोगों को रेडियो की अहमियतों के प्रति जागरुक करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर विश्व रेडियो दिवस के मौके पर कई तरह की जागरुकता गतिविधियों का आयोजन करता है। रेडियो डे पर संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की अहमियत के बारे में स्वस्थ चर्चा की जाती है और जागरूकता फैलाई जाती है। इस विषय पर भाषण दिये जाते हैं ताकि लोग इस ओल्ड गोल्ड की अहमियत को कभी ना भूलें। जनता व मीडिया के बीच रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराने व इसके विस्तार के उद्देश्य से विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। इस साल 2021 में वर्ल्ड रेडियो डे की थीम है Evolution Innovation and Connection.
बदलते वक्त के साथ रेडियो मनोरंजन के बेहतर विकल्प के तौर पर उभर रहा है। अखबारों की तरह ही रेडियो की विश्वस्नीयता ने इसे लोगो के बीच लोकप्रिय बनाया है। कोरोना काल में जब सोशल मीडिया पर ऊल-जुलूल खबरों की भरमार थी, उस दौर में भी अखबार औऱ रेडियो ही जानकारियों व सूचनाओं के विस्तार को वो माध्यम बने जिन पर जनमानस ने भरोसा किया। रेडियो जानकारियों के विस्तार का एक ऐसा माध्यम है जिस पर सूचनाएं सुनकर ही श्रोता खबरों की तस्वीर समझ पाते हैं। शांति के साथ आवाज देकर सूचनाओं से जोड़ने वाला ये माध्यम वाकई सबसे खास है। तभी तो रेडियो के लिए कहा भी जाता है।
In radio you have two tools, Sound and Silence.
With Radio listener absorbs every things.