14 जून की तारीख को पूरे विश्व में World Blood Donor Day यानि विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जानिए इस दिन से जुड़ी कुछ अहम बातें।
विश्व रक्तदान दिवस मनाने की घोषणा सविश्वस्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई और साल 2004 में पहली बार 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया गया। इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का उद्देश्य है लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना और सुरक्षित रक्त की जरूरत व जीवन रक्षक उपहार के तौर पर स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों के महत्वपूर्ण योगदान के प्रति लोगों को जागरुक करना।
तमाम दुर्घटनाओं के बीच ऐसे भी केस होते हैं जिनमें खून की कमी के चलते लोगों को अपने जीवन से हाथ छोना पड़ता है, ऐसी स्थिति में स्वेच्छा से किया गया रक्तदान उन लोगों के लिए जीवनदान बन सकता है जिन्हें जीवन के लिए खून की जरूरत पड़ती है। रक्तदान के इसी अहम पहलू की तरफ लोगों का ध्यान खींचने के उद्देश्य से World Health Organization 2004 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की।
विश्व रक्तदान दिवस के लिए 14 जून की तारीख को इसलिए चुना गया क्य़ोंकि 14 जून 1868 को नोबल प्राइज विजेता कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन होता है, जिन्होंने ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी।एबीओ रक्त समूह प्रणाली की खोज के लिए ही उन्हें प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, आज ब्लडग्रूप मैच करके ही जरूरतमंद लोगों को खून देकर उन्हें नया जीवन दिया जाता है, इसलिए लैंडस्टीनर के जन्मदिन को रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर मनाये जाने वाले अन्य दिवसों की तरह ही विश्व रक्तदान दिवस भी हर साल एक खास विषय के साथ मनाया जाता है। इस साल यानि 2021 में World Blood Donor Day की थीम चुनी गई है, Give Blood and Keep The World Beating यानि रक्त दो और दुनिया को धड़काते रहो। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस साल विश्व रक्तदान दिवस की मेजबानी इटली कर रहा है।
रक्त दान को लेकर ये समझना जरूरी है कि आप का स्वेच्छा से किया गया रक्तदान किसी दम तोड़ते व्यक्ति के दिल को फिर से धड़कन दे सकता है, इसलिए जीवन बचाने और स्वास्थ्य के सुधार में अपना योगदान देते हुए रक्तदान जरूर करें क्योंकि रक्त के इस दान से आप जीवन बचा कर महादान करते हैं।
रक्त दान को लेकर कुछ अहम बातों की जानकारी होनी चाहिए जैसे, व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर यानि 10 यूनिट खून होता है, और रक्तदान करने वाले व्यक्ति के शरीर से सिर्फ एक यूनिट ब्लड ही लिया जाता है और सबसे अहम बात वो एक यूनिट का रक्तदान 3 मरते लोगों को जीवन दे सकता है। ब्लडग्रुप से जूड़ी एख अहम बात ये कि O नेगेटिव ब्लडग्रुप वाले लोग खास होते हैं, ये यूनिवर्सल डोनर होते हैं, जो किसी बी ब्लडग्रुप के व्यक्ति को खून दे सकते हैं, भारत में केवल 7 फीसदी लोग O नेगेटिव ब्लडग्रुप के हैं, यानि यूनिवर्सल डोनर।
- रक्तदान को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांति और डर है, लेकिन वास्तव में रक्तदान के वक्त कोई परेशानी नहीं होती, हां जरूरी है कि आप स्वस्थ हों। 18 से 60 साल तक के स्वस्थ रक्तदान कर सकते हैं। जिसमें पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतर से रक्तदान कर सकती हैं। यदि आप स्वस्थ हैं, एक यूनिट ब्लड डोनेट कर सकते हैं, तो जरूर करें, क्योंकि आपके खून से किसी के जीवन में फिर से सांसे लौट सकती हैं, एक वाक्त में विश्व रकत्दान दिवस की यही परिभाषा है। इसके महत्व को समझें और यदि सक्षम हैं, यानि स्वस्थ हैं तो जीवन दान के लिए रक्तदान सा महादान जरूर करें।