अपने हर किरदार में अभियन से जान फूंकने वाली किरण खेर फिल्मीं दुनिया में ही नहीं समाजसेवा और राजनीति में भी सफल रही हैं, उनके जन्मदिन पर जानिए उनकी जिन्दगी से जुड़ी कुछ खास बातें।
14 जून 1955 को पंजाब के चंडीगढ़ में जन्मी किरन खेर की शुरुआती पढ़ाई भी चंडीगढ़ में ही हुई, इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के ही इंडियन थिएटर ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया। ये बात शायद कम ही लोगों को पता होगा कि अभिनय की धुरंधर किरन खेर बेडमिंटर की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उन्होंने एक्ट्रेस ने दीपिका पादुकोण के पिता प्रकाश पादुकोण के साथ नेशनल लेवल पर बेडमिंटन खेला है।
अनुपम से किरण की दोस्ती शुरुआती दिनों में ही यानि साल 1974 में हो गई थी, जब उन्होंने चंडीगढ़ में थियेटर ज्वाइन किया, फिर बॉलीवुड में करियर बनाने के लिए किरण मुंबई आ गई और साल 1983 में आई पंजाबी फिल्म आसरा प्यार दा से उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की। मुंबई आकर किरण की मुलाकात बिजनेसमैन गौतम बेरी से हुई और 1980 में दोनों नें शादी कर ली, शादी के सालभर बाद ही किरण एक बेटे की मां बनीं, लेकिन दोनों की शादी ज्यादा वक्त नहीं चली और साल 1985 में दोनों का तलाक हो गया।
सिकंदर खेर, किरण और गौतम के ही बेटे हैं, वो भी एक अभिनेता हैं जो जिन्होंने दिल चाहता है, खेले हम जी जान से जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
अनुपम और किरण बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन जब हम सफर बने तब दोनों तलाकशुदा थे, अनुपम ने भी परिवार के कहने पर 1979 में मधुमालती नाम की लड़की से शादी की, लेकिन वो भी अपनी गृहस्थी से खुश नहीं थे। इस दौरान किरण और अनुपम थिएटर करते ही थे, तो दोनों की मुलाकात होती रहती थी और इन्हीं मुलाकातों में दोनों की दोस्ती प्यार बनी।
साल 1985 में ही अनुपम खेर को पहला ब्रेक मिला, फिल्म थी सारांश, इसी फिल्म के बाद अनुपम खेर का भी अपनी पत्नी से तलाक हुआ और फिर 1985 में ही किरण और अनुपम ने शादी कर ली। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों से ब्रेक ले लिया और अपने बेटे सिकंदर की परवरिश पर ध्यान दिया। फिर एक दशक बाद किरण ने फिर से फिल्मों में वापसी की और साल 1996 में आई फिल्म सरदारी बेगम में किरण खेर ने अमरीश पुरी के साथ काम किया, इस फिल्म के लिए उन्हें स्पेशल जूरी अवार्ड दिया गया और फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसके बाद उन्होंने ऋतुपर्णा घोष की बंगाली फिल्म बैरीवाली की, इस फिल्म के लिए भी उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया और फिर देवदास जैसी फिल्म में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से उन्होंने दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। इसके बाद किरण ने कई फिल्में की और ज्यादातर में वो मां की भूमिका में नजर आईं। जिनमें देवदासके अलावा ओम शांति ओम, अपने, कभी अलविदा न कहना, रंग दे बसंदी, फ़ना, हम तुम, वीर ज़ारा और मैं हूं ना जैसी फिल्में शामिल हैं।
अभिनय की दुनिया में एक दमदार पहचान बनाने वाली किरण खेर फिल्मों के बाद अब राजनीति में पहचान बना चुकी हैं, अभी वे चंडीगढ़ से सांसद हैं। किरण खेर 2009 में भारतीय जनता पार्टी शामिल हुईं और 2014 के लोकसभा चुनाव में चंड़ीगढ़ से मैदान में उतरीं और जीत हासिल की। साल 2019 में भी किरण ही इस सीट पर जीतीं।
फिल्मों और राजनीति में अपनी दमदार पहचान बनाने वाली किरण खेर सामाजिक कामों से भी जुड़ी रहती हैं उन्होंने भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए गए लाडली अभियान में अहम भूमिका निभाई, वहीं रोको कैंसर अभियान के साथ भी वो जुड़ी रहीं।साल 2011 में उन्होंने अन्ना हजारे के चलाए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया।
इसी साल अप्रैल में अनुपम खेर ने जानकारी दी थी कि किरण खेर इन दिनों कैंसर से जूझ रही हैं, उन्हें मल्टीपल माइलोमा की शिकायत है जो एक तरह का ब्लड कैंसर है। उनका मुंबई में इलाज चल रहा है, और उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। किरण खेर के जन्मदिन पर नेशनल खबर कामना करता है कि आप जल्द स्वस्थ हों, सेहतमंद जीवन जीएं।