स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
शौक बड़ी चीज है लेकिन कुछ शौक बुरी आदतों में गिने जाते हैं और स्मोकिंग यानि धूम्रपान उन्हीं नवाबी शौकों में से एक है, जिसकी गिरफ्त में आज हर उम्र के लोग हैं, इस विषय की गंभीरता को समझते हुए और लोगों को इस विषय के प्रति जागरुक कराने के उद्देश्य से ही मार्च के दूसरे सप्ताह के बुधवार को हर साल धूम्रपान निषेध दिवस यानि No smoking Day के रुप में मनाया जाता है। विश्वभर में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो स्मोकिंग के शौक, लत या आदत के शिकार हैं। दुनिया के दूसरो देशों से अलग इस शौक के शिकार भारतीयों के बात करें तो एक रिसर्च के मुताबिक भारत में पुरुषों की करीब-करीब आधी आबादी और 20 फीसद महिलाएं स्मोकिंग करते हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि अधिकतर लोग पढ़े-लिखे होने के बाद भी लोग स्मोकिंग के बैड इफेक्ट्स को इग्नोर करते हैं, क्योंकि उन्हें ये स्ट्रेस कम करने का अच्छा साधन लगता है लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि स्मोकिंग से पुरुष की औसत उम्र करीब 13 साल कम हो जाती है वहीं स्मोकिंग करने वाली महिला की उम्र भी तकरीबन 14 साल घट जाती है। स्मोकिंग का इतना भयंकर दुष्प्रभाव होने के बाद भी लोग स्मोकिंग को रईसी शौक मानते हैं।
स्मोकिंग एक स्लो पॉइजन है इससे सिर्फ उम्र कम होती है ऐसा भी नहीं है, इस शौक के शिकार लोगों का गिनती ही फेफड़ों के कैंसर से ग्रसित मरीजों की गिनती में भी इजाफा कर रही है और आपको जानकर हैरानी होगी कि फेंफड़ों के कैंसर की एक बड़ी वजह स्मोकिंग है। लोग स्मोकिंग के इस कड़वे सच से वाकिफ हों, इस बुरी लत या आदत से दूरी बना सकें, छुटकारा पा सकें और स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित हों, इसी मकसद से नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है।
विश्व भर के लोगों को स्मोकिंग की लत से आजादी दिलाने के लिए जहां वैश्विकस स्तर पर तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं वहीं भारत सरकार भी देश के लोगों को इस लत से मुक्त कराने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है तो वहीं विभिन्न संस्थाओं ने भी जनमानस को इस विषय के प्रति जागरुक करने और इस लत से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया है। विश्वभर में तंबाकू और धूम्रपान के दुष्प्रभावों को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के सदस्य देशों के प्रस्ताव के बाद हर साल 31मई को तंबाकू निषेध दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
हर साल एक खास विषय के साथ मनाया जाने वाला नो स्मोकिंग डे इस साल जिस थीम के साथ मनाया जा रहा है वो है “quitting smoking doesn’t have to be stressful.” यानि स्मोकिंग या कहें धूम्रपान छोड़ना तनावपूर्ण नहीं होता। तो यदि आप स्ट्रेस यानि तनावमुक्त रहने के लिए स्मोकिंग का सहारा लेते हैं, तो आज से ये बिल्कुल भूल जाएं कि स्मोकिंग छोड़ने से आप तनाव से घिर जाएंगे, बल्कि यदि आप आज स्मोकिंग को क्विट करते हैं तो आप एक स्वस्थ जीवन का
आगाज कर सकेंगे।