पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया पर निशाना साधते हुए कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने परिवार की इच्छा के बगैर इलाज के दौरान की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। दमन सिंह का कहना है कि मां की इच्छा के विपरीत मांडविया मेरे पिता के कमरे में फोटोग्राफर को लेकर गए। उन्होंने कहा, मेरी मां ने कई बार फोटोग्राफर को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। फोटोग्राफर ने पूर्व प्रधानमंत्री के कमरे में मंडाविया और गुलेरिया तथा डॉ मनमोहन सिंह की तस्वीरें ली।
दमन सिंह ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को डाले जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में दमन सिंह ने कहा कि मेरे पेरेंट्स कठिन हालात का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं। वे बुजुर्ग लोग हैं। चिड़ियाघर के जानवर नहीं हैं।
बता दें कि, मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया शुक्रवार मनमोहन सिंह का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। और फिर मांडविया मनमोहन सिंह से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर दी।
दमन ने कहा, “मेरे पिता का एम्स में डेंगू का इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। हमने संक्रमण के जोखिम के कारण आने वालों पर रोक लगाई है। स्वास्थ्य मंत्री का आना और अपनी चिंता जताना अच्छा लगा। हालांकि, मेरे पेरेंट्स उस समय फोटो खिंचवाने की स्थिति में नहीं थे। मेरी मां ने जोर देकर कहा कि फोटोग्राफर को कमरे से बाहर जाना चाहिए, लेकिन उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इसे लेकर वह बहुत परेशान थीं।”
बता दें कि किसी भी अस्पताल की यह जिम्मेदारी होती है कि वो रोगियों की प्राइवेसी को बनाए रखे। ऐसे में स्वास्थ मंत्री द्वारा, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की उपस्थिति नेम अगर रोगी की गोपनियता की रक्षा नहीं हो सकी है तो यह निंदा की बात है। परिवार की सहमति के बगैर ली गई तस्वीरें और फिर उसे सोशल मीडिया पर डालना नैतिकता का उल्लंघन है।
मांडविया द्वारा शेयर की गई तस्वीरों पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यूजर्स ने लिखा कि स्वास्थ मंत्री ने मीडिया की सुर्खियां पाने के लिए ऐसा किया गया, जो कि निंदनीय है। हालांकि मांडविया ने यूजर्स के रिएक्शन को देखते हुए तस्वीरें डिलीट कर दीं लेकिन यह एक सवाल है कि डॉक्टर्स और एम्स मैनेजमेंट ने फोटोग्राफर को अंदर जाने की अनुमति कैसे दी। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि एम्स के निदेशक गुलेरिया खुद वहां मौजूद थे।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे पर मांडविया आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के मौके को फोटो खिंचाने के अवसर में बदल दिया। पार्टी ने मंडाविया से माफी मांगने के लिए कहा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा वालों के लिए हर चीज फोटो खिंचवाने का अवसर है। स्वास्थ्य मंत्री को अपनी इस शिष्टाचार यात्रा को पीआर का अवसर में बदलने पर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये पूर्व प्रधानमंत्री की निजता का हनन और स्थापित परंपराओं का अपमान है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि फोटो ऑप मोदी सरकार का हॉलमार्क बन गया है।