मानव जीवन के लिए पर्वतों का संरक्षण है जरूरी
जब भी हम प्राकृतिक खूबसूरती की बात करते हैं तो जहन में खुद-ब-खुद पहाड़ों की सुंदरता आ जाती हैं, हरी भरी वादियों की खूबसूरती जन्नत सा अहसास कराती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी की इस जन्नत को यानि पहाड़ों की सुंदरता को बरकरार रखने का दायित्व हम सभी का है, पहाड़ों में बसर करने वाली आबादी के अलावा हमारा भी ये दायित्व बनता है कि हम सभी पर्वतीय पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरुक हो और पर्वतीय क्षेत्रों के सतत विकास में अपनी भागीदारी दें। पहाड़ों में बसर करने वालों से अलग मैदानी क्षेत्र के लोग भी पहाड़ों को सिर्फ छुट्टियां बिताने की एक खूबसूरत जगह के अलावा उनके संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी का अहसास रखें इसी को ध्यान में रखते हुए साल का एक दिन पर्वतों के नाम लिख गया है।
11 दिसंबर को मनाया जाता है International Mountain Day यानि अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस, विश्वभर में इस दिन को पर्वतों/पहाडों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। धरा का 22 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ों से सजा है और विश्व की कुल आबादी की 15 फीसद आबादी का बसेरा इन्हीं पहाड़ों में है, साथ ही प्राचीन संस्कृतियों और परंपराओं की बहुत सी पूंजी भी इन पर्वतों की गोद में है, ऐसे में पहाड़ों का संरक्षण और उनकी सुरक्षा भी हमसभी के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र ने पहाड़ों की स्थिति पर चिंता जताते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें ये माना गया कि पहाड़ों में बसर करने वाली आबादी का विकास व संरक्षण विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इसके बाद यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने साल 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया और 11 दिसंबर को 2003 को पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया गया, जिसके बाद हर साल इस दिन को एक विशेष थीम के साथ दुनियाभर में मनाया जाता है और विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को पर्वतों के महत्व से अवगत कराया जाता है ताकि सभी पहाड़ों के महत्व को समझ इनसे संरक्षण के प्रति जागरुक हों। इस साल यानि 2020 में अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस की थीम यानि विषय है mountain biodiversity, क्योंकि पहाड़ों को जीवित रखने के लिए उनमें बसे जंगल और जीवों को बचाना होगा, जो हम सभी का कर्तव्य है।
अब ज्यादातर लोगों के दिमाग में एक प्रश्न उठ रहा होगा कि पहाड़ों को सहेजना सभी का कर्तव्य क्यूं है? इसलिए क्योंकि पहाड़ सिर्फ पहाड़ में रहने वालों के लिए ही नहीं बल्कि धरती के हर जीव के लिए खास हैं। प्रकृति की सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक ये पर्वत ही हैं जो विश्व की प्रमुख नदियों का स्त्रोत हैं, अर्ध शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में करीब 90 फीसदी नदी इन्हीं पहाड़ों से आती हैं और 70 फीसदी जनसंख्या किसी न किसी माध्यम से पहाड़ों से निकलने वाली इन नदियों से ही पानी पाती है। वॉटर साइकिल में अहम भूमिका निभाने वाले ये पहाड़ भूमिगत जल के भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। पानी के अलावा विकासशील देशों में पहाड़ ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत हैं जहां से लकड़ी का इंधन प्राप्त होता है और सबसे खास जैव विविधता, पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत बनाए रखने में पहाड़ों की अहम भूमिका है।
अब सवाल उठता है कि आम जनमानस पहाड़ों के संरक्षण में अपना योगदान कैसे दें? तो इसका जवाव है पेड़ लगाकर, क्योंकि पहाड़ों को जीवंत बनाए रखने में, पहाड़ों की आंतरिक और बाहरी संरचना में, भूस्खल को रोकने और मिट्टी को स्वस्थ बनाने में पेड़ अहम भूमिका निभाते हैं, और पेड़ों से पानी, पानी से अन्न और अन्न से मानव को जीवन मिलता है। ऐसे में पहाड़ों में वनों का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि वनों में ही जीव होते हैं और इसी से पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है। पहाड़ों में पेड़ों और जंगलों की घटती तादाद की वजह से ही कई बार मानव को प्राकृतिक आपदाओं का दंश भी झेलना पड़ता है और इसमें कोई दोराय नहीं कि किसी भी प्राकृतिक आपदा से पहाड़ ही सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और उस प्रभाव से मानव अधूता करे, ये संभव नहीं।
इंसान के विनाशकारी विकास और बेपरवाह व्यवहार ने बहुत कुछ विषैला किया है, अब जरूरत है समय रहते पर्वतों के महत्व को समझने की। तो अगली बार जब भी आप पहाड़ों का रुख करें, प्लास्टिक बोतल, चिप्स के रैपर, खाने-पीने की चीजों का कचरा-पॉलीथिन आदि पहाड़ों में फेंकने की बजाएं सीड बॉल्स फैंक कर आएं, ताकि वहां कुछ और पेड़ों को अस्तितव मिले और हमारा भविष्य भी पहाड़ों की सुंदरता को देखने का सौभाग्य पा सके। अपने स्तर पर दी गई आपकी ये छोटी सी भागीदारी भी पहाड़ों के अस्तितव को लंबे समय तक स्वस्थ और कायम रख सकेगी और शायद तभी हमारा इस दिन को मनाना भी सार्थक होगा, जब हम सभी अपने-अपने स्तर पर पर्वतों के पोषण में अपनी भागीदारी देंगे।