1- बीते 3-4 दिन से जारी सियासी उठापटक के बाद मंगलवार को उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसके बाद आज बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में राज्य के नए सीएम का फैसला होगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच कल शाम चार बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को त्यागपत्र सौंपा, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया, लेकिन राज्यपाल के आदेश के मुताबिक, नई सरकार के गठन तक त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी मंत्रिपरिषद अपनी जिम्मेदारियों को निभाती रहेगी। वैसे राज्य के अगले मुख्यमंत्री के लिए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के नाम की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि विधायकों का असंतोष, कर्मचारियों में नाराजगी और बीजेपी का गिरता हुआ ग्राफ त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के कुछ मुख्य कारण हैं, और नए मुख्यमंत्री का चुनाव भी इन्ही शर्तों पर होगा कि वो इन सभी चुनौतियों पर पार पाने में सक्षम हों। हालांकि जब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफा देने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब लेने के लिए आपको दिल्ली जाना होगा।
2- पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक अहम कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने राज्य के DGP वीरेन्द्र कुमार का तबादला कर उनकी जगह IPS पी निरंजयन को राज्य का नया DGP नियुक्त किया है। चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को ये निर्देश भी दिया है कि DGP वीरेन्द्र कुमार को चुनाव से जुड़ी किसी भी तरह की कोई भी जिम्मेदारी ना दी जाए। आपको बता दें कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में आठ चरण में होने वाले चुनाव के पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा, जबकि आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होंगे, इसके बाद 2 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल के चुनाव काफी अहम माने जा रहा हैं, जहां बीजेपी और टीएमसी में टक्कर का मुकाबल है। ममता बनर्जी ने मंगलवार को अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए नंदीग्राम में मंच पर चंडी पाठ किया और जनसभा को संबोधित करतेहुए कहा कि भाजपा पुरानी CPM को लेकर वापस आई है। हमें एक अप्रैल को उन्हें अप्रैल फूल बनाना है। उन्होंने कहा कि मैं गांव की बेटी हूं, हर नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम को नहीं।
3- किसान आंदोलन से जुड़े ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने एडवोकेट निकिता जैकब और इंजीनियर-एक्टविस्ट शांतनु मुलुक के खिलाफ राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया है, जिसके तहत दोनों की गिरफ्तारी होनी थी, पुलिस का कहना है कि निकिता औऱ शांतनु दोनों के खिलाफ टूलकिट मामले में पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी के लिए लगाई गई याचिका खारिज होनी चाहिए लेकिन कल हुई सुनवाई के बाद दोनों की गिरफ्तारी पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 मार्च तक के लए रोक लगा दी है। इन दोनों ने ही कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी जिसपर मंगलवार को सुनवाई की गई। आपको बता दें कि इससे पहले टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई बेंगलुरु की एक्टिविस्ट दिशा रवि को भी कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
4- मार्च की शुरुआत में ही अपना असर दिखा रही गर्मी कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन शांत हो गई है, कल रात हुई दिल्ली एनसीआर में झमाझम बारिश ने एक बार फिर मौसम के मिजाज को ठंडा किया है। मंगलवार को दिन के तापमान ने गर्मी के मामले में पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा, मंगलवार का दिन 2012 से अबतक का सबसे गर्म दिन दर्ज हुआ, जब तापमान 34 डिग्री के पार हो गया, लेकिन देर रात हुई बारिश के बाद दिल्ली एनसीआर में हल्की ठंडक की वापसी हुई। आपको बता दें कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से मौसम में ये बदलाव आया है, जिसके चलते पहाड़ों में भी बर्फबारी हो रही है और मैदानी इलाकों में भी तापमान कम हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि दूसरा विक्षोभ 11 मार्च को आएगा जो सबसे ताकतवर बताया जा रहा है, 12 मार्च को मौसम पर इसका असर दिखाई देगा।
5- 19 मई 2018 को एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक शख्स एक जिंदा मुर्गे को पकड़कर शेरनी को लालच दे रहा था और उसके साथ के लोग वीडियो बना रहे थे, जो अहमदाबाद के रहने वाले थे। ये वीडियो एशियाटिक लॉयंस के लिए मशहूर गुजरात के गिर-गड्ढा फॉरेस्ट में बनाया गया था। जब वीडियो वायरल हुआ तो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने शेरनी को परेशान करने वाले शख्स और वीडियो बनाने वाले, सभी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (16) बी, 2(36), 9, 27 और 51 के तहत गिरफ्तार किया। जिनके नाम इलियास, अद्रेमान, रवि पाटडिया, घनश्याम गज्जर, रथिन पोपट और मांगीलाल मीणा हैं, हालांकि बाद में इन्हें जमानत भी मिल गई लेकिन कल मंगलवार 9 मार्च 2021 को कोर्ट ने इन सभी दोषियों को सजा सुनाई है, जिनमें 5 लोगों को 3 साल की जेल और एक दोषी को 1 साल की जेल व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा मिली है जबकि एक को सबूत न मिलने की वजह से केस से बरी किया गया है।