कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव 2021 के लिए आज यानी बुधवार को नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। नंदीग्राम सीट से बनर्जी का मुकाबला कभी करीबी सहयोगी रहे शुभेंदु अघिकारी के साथ होगा।
मंगलवार को नंदीग्राम में टीएमसी की एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने बताया कि उन्होंने इस बार भोवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला क्यों किया और क्यों नंदीग्राम ही इस बार उनकी कर्मभूमि बनेगी। उन्होंने कहा, ”मैं चाहती तो भोवानीपुर से भी टिकट ले सकती थी। लेकिन सिंगुर और नंदीग्राम आंदोलन की भूमि है। इसलिए ये दोनों सीटों में से किसी एक सीट से मैं लड़ना चाहती थी। जब नंदीग्राम के विधायक ने इस्तीफा दिया था, तब एक रैली से मैंने आप लोगों से जानने की कोशिश की थी कि क्या मैं नंदीग्राम से लड़ सकती हूं ? आप लोगों ने हां कह दिया तो मैंने लड़ने का फैसला लिया।”
बता दें कि सिंगूर और नंदीग्राम बंगाल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन का मुख्य केंद्र रहे थे। इस आंदोलन के जरिए ही 2011 में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं।
ममता का चंडीपाठ:
मुख्यमंत्री ममता ने जनसभा के दौरान चंडीपाठ भी किया। उन्होंने कहा कि इंसान में 70-30 (हिंदू-मुस्लिम) कुछ नहीं होता है। विभाजनकारी राजनीति नंदीग्राम में काम नहीं करेगी। ममता ने कहा, ‘कुछ लोग 70:30 अनुपात की बात कर रहे हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे दोनों समुदायों के लोगों को आपस में लड़ाकर नंदीग्राम के पवित्र आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। नंदीग्राम के लोग मतदान के दिन एक अप्रैल को भाजपा को ‘अप्रैल फूल’ बनाएंगे।’ ममता ने अपने पूर्व सहयोगी और बीजेपी उम्मीदवार शुवेंदु अधिकारी पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा, ”जिन्होंने बाहरी लोगों को अपनी जमीर बेच दी, वे सांप्रदायिकता का सहारा लेकर नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं।”
ममता पर लगने वाले हिंदू विरोधी आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वह एक ब्राह्मण हैं और हिंदू परिवार की बेटी हैं। वो रस्मों के बारे में भगवा पार्टी के नेताओं से कहीं ज्यादा जानती हैं। ममता ने साथ ही चुनौती देते हुए कहा कि अगर किसी को मेरे धर्म के बारे में शक है तो मैं उससे बहस करने और हिंदू श्लोकों के पाठ में प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं। ममता गुरुवार को नंदीग्राम में शिवरात्रि की पूजा भी करेंगी।
इस बीच ममता बनर्जी ने मंगलवार को नंदीग्राम में उन्हें ‘बाहरी’ बताने वालों पर जमकर बरसीं। ममता ने कहा कि वह जनता की भारी मांग पर नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं। क्षेत्र में उन्हें बाहरी बताने वाले लोगों के लिए दूसरे राज्यों से आए नेता स्थानीय हैं। नंदीग्राम से पर्चा भरने से एक दिन पहले ममता ने क्षेत्र में बूथ स्तर के तृणमूल कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बाहरी राज्यों से आए लोगों को अपना जमीर बेच दिया है, वे सांप्रदायिकता का सहारा लेकर नंदीग्राम को बदनाम कर रहे हैं। नंदीग्राम की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी।
बाहरी कहलाने पर हैरान ममता
सीएम ममता ने बाहरी कहलाए जाने पर कहा कि बंगाल की बेटी कैसे बाहरी हो गई? मैं यहां हर तीन महीने में आऊंगी। 1 अप्रैल को यहां वोटिंग होगी। उनका (बीजेपी) अप्रैल फुल कर दीजिएगा। एक अप्रैल को खेला होबे। मैं मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा … सभी का समर्थन चाहतीं हूं। तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘मैंने सुना है कि कुछ लोग मुझे नंदीग्राम में बाहरी बता रहे हैं। मैं हैरान हो गई। मैं पड़ोसी बीरभूम जिले में जन्मीं और पली-बढ़ी हूं। आज मैं बाहरी कैसे हो गई और जो गुजरात से आए हैं, वे बंगाल में स्थानीय हो गए।’
बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें पश्चिम बंगाल में कुल आठ चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को वोटिंग होगी। वहीं, दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें और अंतिम चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं, पांच राज्यों में एक साथ 2 मई को चुनाव के परिणाम सामने आएंगे।