1- आम बजट, आम को खास रास नहीं आया
आम बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें जुड़ी होती हैं मध्यम वर्गीय लोगों की, क्योंकि ये वो वर्ग है
जिसकी आमदनी अठन्नी और खर्जा रुपैया होता है। मिडिल क्लास लोगों पर कमाई की इतनी रौनक
नही होती जितना टैक्स का बोझ होता है और इस बार तो मध्यम वर्गीय आम आदमी को टैक्स में
छूट मिलने की उम्मीद भी ज्यादा थी लेकिन सोमवार को आया आम बजट, आम को खास रास नहीं
आया। खासकर नौकरीपेशा लोगों को ये बजट निराश करके गया। इसलिए क्योंकि निर्मला सीतारमण
के इस बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए न तो इनकम टैक्स रिबेट का कोई ऐलान हुआ, न ही
टैक्स स्लैब में कोई राहत दी गई और न ही निवेश पर छूट की सीमा बढी। हां बजट में राहत भरी
घोषणा हुई सीनियर सिटिजन के लिए, क्योंकि 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अब इनकम
टैक्स रिटर्न नहीं भरना पड़ेगा।
2- बजट के माध्यम से किसानों को खुश करने की कोशिश
एक तरफ तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार से नाराज किसान, दो महीने से ज्यादा वक्त से
कानूनों को निरस्त कराने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डालें हैं तो दूसरी तरफ
किसानों को मनाने की कोशिशों में जुटी सरकार ने बजट के माध्यम से भी उन्हें खुश करने की
कोशिश की है। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए भी कई बड़े ऐलान
किए। 2021-22 के केन्द्रीय बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट यानि कृषि
ऋण लक्ष्य को बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-22 में किसानों को ज्यादा कृषि कर्ज
मुहैया कराने का लक्ष्य है, पिछली बार ये 15 लाख करोड़ रुपये था जिसे इस वर्ष बढ़ा कर 16.5
लाख करोड़ रुपये किया गया है। निर्मला सीता रमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार किसानों
के कल्याण के लिए प्रतिबद्द है और किसानों को सभी फसलों के उत्पादन पर लागत से डेढ़ गुना
अधिक एमएसपी दी जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये
ज्यादा दिए हैं और किसानों को दिए जा रहे भुगतान में भी तेजी आई है। एग्री प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट
के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि उत्पादो के निर्यात में 22 और उत्पादों को
शामिल करने की तैयारी में है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून
बनाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों को आम बजट के माध्यम से बड़ा संदेश देते हुए वित्त
मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी।
3- किसान आंदोलन – कई ट्विटर अकाउंट्स अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड
दिल्ली की सीमाओं पर हो रहा किसान आंदोलन सोशल मीडिया पर भी खुब छाया है। सोशल
साइट्स पर किसान आंदोलसन से जुडे ट्वीट्स भी किए जा रहे हैं कई किसान नेता भी अपने ट्विटस
अकाउंट के माध्यम से आंदोलन से संबंधित जानकारिया साझा कर रहे हैं। इस दौरान ट्विटर के
माध्यम तमाम नए-नए हैशटैग्स चलाए जा रहे हैं और कई ट्विटर अकाउन्स पर पीएम को लेकर
आपत्तिजनक ट्वीट्स और हैशटैग्स चलाए जाने का आरोप है। इसी को लेकर सोमवार को ट्विटर ने
एक सख्त एक्शन लेते हुए कई ट्विटर अकाउंट्स को अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया है।
आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69-
ए के तहत करीब 250 ट्वीट्स/ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश ट्विटर को दिया था।
मंत्रालय ने बताया कि ये अकाउंट्स 30 जनवरी को #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग का
इस्तेमाल कर फर्जी, डराने वाले, उत्तेजक ट्वीट्स कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो ब्लॉक किए गए ये
अकाउंट्स देश से बाहर काम कर रहे हैं।
4- सोशल मीडिया की फेक न्यूज पर अंकुश
सोशल मीडिया पर कोई भी खबर तेजी से वायरल होने लगती है, खबर सही है या गलत, जब
तक इस बात की पुष्टि हो पाती है खबर के असर या उस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं उमड़ने लगती हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दायर की गई जिसमें सोशल मीडिया को नियंत्रित
कर कानून के दायरे में लाने की मांग की गई। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई
के दौरान सोशल मीडिया की फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए नोटिस जारी कर केन्द्र सरकार से
सोशल मीडिया को नियम बद्ध करने के विषय पर जवाब मांगा है। सोशल मीडिया को कंट्रोल कर
कानून के अंतर्गत लाने के लिए दायर की गई इस याचिका में केन्द्र को ये निर्देश देने का अनुरोध
किया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के माध्यम से गलत अफवाहें फैलाने वाली विषय वस्तु
और फेक न्यूज को ब्रॉडकास्ट करने वाले लोगों पर कार्रवाई के लिए सरकार कानून बनाए। साथ ही
अथॉरिटीज को एक ऐसा तंत्र सथापित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है जिससे कम समय
में फेक न्यूज और नफरत व अफवाहें फैलाने वाले कॉन्टेंटे प्लेटफॉर्म्स से अपने आप हट जाएं। सुप्रीम
कोर्ट ने इस याचिका को उस लंबित याचिका के साथ जोड़ा जिसमें मीडिया चैनल्स और नेटवर्क्स के
खिलाफ शिकायतों पर फैसले लेने के लिए मीडिया ज्यूडीशियरी बनाने का अनुरोध किया गया है।
5- एक फरवरी 2021 को ठंड ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
जनवरी में कड़ाके की ठंड के बाद फरवरी की शुरुआत भी ठिठुरती ठंड के साथ ही हुई, स्काईमेट
की वेदर रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी महीने के पहले दिन की ठंड ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
है, रिपोर्ट के मुताबिक साल 2009 में 1 फरवरी को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री
सेल्सियस दर्ज किया गया था और कल एक फरवरी 2021 को राजधानी दिल्ली का न्यूनतम तापमान
5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली एनसीआर में अभी कुछ और
दिन ठंड की ठिठुरन बरकरार रह सकती है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रीय होने की वजह से पहाड़ी इलाकों
में बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है, जिसके चलते ठंड बढ़ सकती है। मौसम विभाग का
कहना है कि इस विक्षोभ के असर के चलते मैदानी इलाकों में भी हल्की बारिश हो सकती है, जो ठंड
को बढ़ाएगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में इस विक्षोभ के असर की वजह से ठंड बढ़ेगी।
वहीं दिल्ली में भी 3 से 5 फरवरी के बीच हल्की बारिश होने की संभावना है। दिल्ली एनसीआर में
बादल छाए रहने की वजह से सुबह के दौरान कोहरा हो सकता है लेकिन दिन में धूप की चमक ठंड
को थोड़ा कम करेगी।