आज बुधवार है, तारीख 1 सितंबर 2021; भादों मास, कृष्ण पक्ष, दशमी तिथि
1- भारत में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने कल, मंगलवार को फिर एक और नया रिकॉर्ड कायम किया, कल देशभर में करीब सवा करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। इससे पहले 27 अगस्त को एक करोड़ आठ लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया था। 5 दिन में ये दूसरी बार है जब एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई हो। कल हुए रिकॉर्ड वैक्सीनेशन की जानकारी देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान के तहत एक और उपलब्धि हासिल की गयी। 50 करोड़ लोग कोविड 19 वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं। इस उपलब्धि को हासिल करने में मददगार रहे, कोविड योद्धाओं और लोगों की लगन की तारीफ करता हूं। बता दें कि मंगलवार को देशभर में 1.28 करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनशन हुआ है जो अबतक एक दिन में हुआ सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन है। इसके साथ ही देश में 65 करोड़ 26 लाख 32 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई है, जिनमें करीब 15 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है, यानि ये लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, जबकि 50 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक अब तक दी जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ साइंटिस्ट डॉ. स्वामिनाथन ने भी ट्वीट भारत की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा, भारत ने वयस्क आबादी में 50 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगा दी गई हैं। इस अभियान में शामिल लोगों को बधाई। वैक्सीन के साथ पब्लिक हेल्थ और कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करके हम सभी सुरक्षित रहेंगे।
2- देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है जीडीपी, जिसमें घटत और बढ़त देश की अर्थव्यवस्था को दर्शाती है। कोरोना काल के दौरान औंधे मुह गिरी देश की जीडीपी में फिर से बढ़त देखी जा रही है, पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में बड़ा उछाल देखा गया है, बीते वर्ष जून तिमाही में -24.4% तक लुढ़की जीडीपी मार्च 2021 में सिर्फ 1.6% थी लेकिन 2021 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में 20.1% पर पहुंच गई है, जो किसी भी तिमाही में अभी तक की रिकॉर्ड हाई ग्रोथ है, जो इस बात का संकेत है कि कोरोना काल के दौरान चरमराई देश की अर्थव्यवस्था में दोबारा तेजी से सुधार हो रहा है। मंगलवार को सरकार की तरफ से जीडीपी के ताजा आंकड़े जारी किए गए। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के पहली तिमाही में जीडीपी 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते साल यानि 2020-21 की पहली तिमाही में 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। RBI ने भी जून तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 21.4% रहने का अनुमान दिया था। जबकि SBI की ईकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान था कि पहली तिमाही में देश की जीडीपी की दर 18.5 फीसदी रह सकती है, लेकिन जारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक के अनुमानित आंकड़ों के काफी करीब रही है।
3- अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और वहां की सत्ता तालिबान के हाथों में आने के साथ ही भारत ने भी अपने कूटनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए तालिबान से कल, मंगलवार को पहली औपचारिक बातचीत की। भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनेकजई से कल कतर में मुलाकात की। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि इस मुलाकात का आग्रह तालिबान की तरफ से आया था जिसके बाद दोहा स्थित भारतीय दूतावास में बैठक हुई। बताया जा रहा है कि भारतीय राजदूत से मुलाकात करने वाला मोहम्मद अब्बास, तालिबान की पॉलिटिकल विंग का हेड है और भारत से उसका पुराना संबंध है, वो 80 के दशक में भारत में रहकर देहरादून स्थित मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ले चुका है, अफगान मिलिट्री में था, लेकिन फिर मोहम्मद अब्बास ने अफगानिस्तान छोड़ दिया और तालिबान चला गया। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने अफगानिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल होने की खबरों को लेकर चिंता जाहिर की, साथ ही ये भी कहा कि अफगानिस्तान में किसी भी सूरत में भारत विरोधी गतिविधियों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। जिसपर तालिबानी सरकार भरोसा दिलाया है कि मामले को वो पूरी संजीदगी से देखेंगे। इस दौरान अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा, सुरक्षा और उनकी शीघ्र वापसी के साथ साथ अफगानिस्तान के अलसंख्यक जो भारत आने के इच्छुक हैं, उनके बारे में भी बातचीत की गई। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसने कई बार भारत के साथ सामान्य रिश्ते रखने के संकेत दिए हैं। जिसके बाद भारत ने भी सीधे तौर पर तालिबान के साथ संवाद शुरू किया है, लेकिन इसके बाद भी भारत अपनी सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को पूरी तरह सतर्क है।
4- पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान फिलहाल शांत होता नजर नहीं आ रहा, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू के बीच अभी भी तल्खियां बरकरार हैं, पार्टी में मची इस उथलपुथल के समाधान के लिए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज, बुधवार को कैप्टन अमरिंदर से मुलाकात करेंगे। मंगलवार को हरीश रावत ने कैप्टन से मुलाकात को लेकर कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इस पर कुछ कमेटियां बनानी हैं। इसलिए, चर्चा के लिए पीसीसी प्रमुख और उनकी टीम से मिलना मेरा कर्तव्य था। कहा जा रहा है कि इस दौरान वो कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रही अनबन को हल करने की भी कोशिशें करेंगे, क्योंकि इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी उन्ही के कंधों पर है। दो गुटों में बंटी पंजाब की सियासत में और ज्यादा खलबली इस बात को लेकर मची है कि कुछ वक्त पहले ही हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब विधानसभा का चुनाव अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जिसके बाद महासचिव और विधायक परगट सिंह ने कहा कि पार्टी के राज्य मामलों के प्रभारी हरीश रावत को ये बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कब लिया गया। अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले इस विवाद से पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू खेमे और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तनातनी में बीच का रास्ता निकालने के लिए हरीश रावत कई मीटिंग्स कर भी चुके हैं, लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं है, ऐसे में वो एक बार फिर दो दिन के चंडीगढ़ दौरे पर पंजाब पहुंच रहे हैं। यहां वह पहले कैप्टन से मुलाकात करेंगे और फिर सिद्धू के साथ मीटिंग करेंगे।
5- उत्तर प्रदेश में भी सियासी सरगर्मियां जोर पकड़ने लगीं हैं, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में विपक्षी पार्टियों पर निशानेबाजी का दौर और गर्माने लगा है। कल, मंगलवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कई जिलों के मुख्य सेक्टर प्रभारियों, जिला सेक्टर प्रभारियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक की, चुनाव संबंधी कामों की समीक्षा करने के साथ साथ उन्होंने सभी कामों को युद्धस्तर पर एक से डेढ़ माह में पूरा करने का निर्देश दिए। इस दौरान मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हाथ से प्रदेश की सत्ता जाती हुई दिख रही है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी, हमारी पार्टी के बढ़ते जनाधार और प्रदेश में एक बेहतर विकल्प के रूप में बसपा के उभरने से काफी घबराई हुई हैं, इसलिए बसपा नेतृत्व के खिलाफ तमाम हथकंड़े अपना रही हैं, ऐसे में पार्टी को ज्यादा सजग-सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान मायावती ने किसान हित में भी आवाज उठाते हुए कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों की जायज मांगों में पार्टी उनके समर्थन में हमेशा खड़ी है, इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि पार्टी को अपनी सत्ता जाती दिख रही है इसलिए ऐसे फैसले ले रही है, जिनका जनहित से वास्ता नहीं है।