स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
भारत सरकार द्वारा 1 सितंबर से 7 सितंबर तक हर साल National Nutrition Week यानि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है। ये विषय इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इस दिन को मनाने की शुरुआत कब से, किस उद्देश्य के सात की गई। National Nutrition Week से जुड़ी तमाम अहम बातें इस आर्टिकल के माध्यम से जानें।
पहला सुख निरोगी काया, ये लाइनें तो आपने सुनी ही होंगी, जी हां जीवन के सोलह सुखों में स्वस्थ शरीर को पहला सुख कहा गया है, यानि धनवान, बुद्धिमान, परिवार, व्यापार आदि कुछ भी होने से पहले व्यक्ति का शरीर स्वस्थ होना सबसे जरूरी है, क्योंकि यदि व्यक्ति स्वस्थ है तो जीवन के अन्य सुख जुटाने में वो सक्षम हो जाता है, बस इसी बात को हर साल सप्ताहभर लोगों को जी तोड़ मेहनत कर समझाने की कोशिशें करती है सरकार। जिसे राष्ट्रीय पोषण सप्ताह नाम दिया गया है।
पोषण के फायदे
National Nutrition Week यानि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, तो ये तो आप समझ ही गए होंगे कि पोषण के विषय के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ये एक सप्ताह निर्धारित किया गया है जो एक सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। इस विषय के लिए पूरा एक सप्ताह समर्पित है, इसलिए ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके, क्योंकि पोषण से ही व्यक्ति के शारीरिक-आर्थिक विकास के साथ साथ राष्ट्रीय विकास प्रभावित होता है, क्योंकि पर्याप्त पोषण का सेवन करने वाला व्यक्ति ज्यादा काम करने में सक्षम होता है जबकि खराब पोषण या पोषण युक्त आहार की कमी से प्रतिरक्षा में कमी, किसी भी बीमारी का ज़ोखिम बढने के साथ साथ व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है और व्यक्ति की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, इस तरह कुपोषण, राष्ट्रीय विकास की राह में रुकावट बनता है।
पोषण का अर्थ सिर्फ पेटभर खाना नहीं
पोषण का अर्थ सिर्फ पेटभर खाना खाने तक सीमित नहीं है, बल्कि पोषण का सही अर्थ है शरीर की जरूरत के मुताबिक आहार का सेवन, जो व्यक्ति के शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोषण की सही परिभाषा को समझाने और इस विषय के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से साल 1982 में सरकार द्वारा पहली बार इस अभियान का श्रीगणेश किया गया, ताकि एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो, इसी के तहत खाद्य पोषण बोर्ड की 43 इकाईयां देशभर में पोषण के प्रति जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान पूरे हफ्ते लोगों को जागरुक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों जैसे- सेमिनार, प्रतियोगिताएं, रोड शो आदि आयोजित किए जाते हैं, ताकि कुपोषण का अंत हो और लोग पोषण युक्त आहार के महत्व से वाकिफ हो सकें। उन्हें ये समझ आए कि शरीर को दैनिक आहार में वसा, विटामिन, प्रोटीन आदि पोषण से भरपूर एक स्वस्थ-संतुलित आहार ही स्वस्थ काया दे सकता है और स्वस्थ शरीर का आधार ही उन्हें जीवन जीने के अन्य साधन दिलाने में सक्षम बनाता है।
कोरोना में बढ़ा पोषण का महत्त्व
ये एक अहम मुद्दा है जिसे समझना होगा कि, देश के विकास में रुकावट बनकर खड़ी तमाम मुश्किलों में एक विकट चुनौती कुपोषण भी है, जिसे दूर किए बिना एक स्वस्थ-सक्षम और विकास की राह में कामयाब देश का सपना साकार नहीं हो सकता। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के माध्यम से संतुलित आहार की अनिवर्यता से लोगों को वाकिफ कराने की अथक कोशिशें लगातार जारी हैं, जिसके लिए हर साल सितंबर के पहले सप्ताह को एक खास विषय के साथ मनाया जाता है। बीते साल इस दिन के लिए थीम रखी गई थी ‘Eat Right, Bite by Bite’ और इस साल यानि साल 2021 में National Nutrition Week की थीम है Feed smart right from the start यानि शुरुआत से ही अच्छा खाना खाएं।
वैसे भी कोरोना काल के कठिन समय ने इतना तो समझा ही दिया है कि सिर्फ पेटभर खाने या महज स्वाद के लिए खाने से कहीं ज्यादा जरूरी है पोष्टिक खाना, क्योंकि यदि शरीर पोषण युक्त भोजन पा रहा है जो व्यक्ति कोरोना जैसी महामारी को भी मात दे सकता है। तो पोषण के महत्व को जानें और पोषण से भरपूर आहार ही लें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्योंकि स्वास्थ्य ही समृद्धि का आधार है।