आज बुधवार है, तारीख 18 अगस्त 2021; श्रावण मास, शुक्ल पक्ष और एकादशी तिथि
1- पेगासस का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सरकार ने माना कि देश की सुरक्षा के मद्देनजर संदिग्ध संगठनों की मॉनिटरिंग की जाती है लेकिन ये मॉनिटरिंग किस सॉफ्टवेयर के जरिए होती है, उसका नाम बताने से केन्द्र ने मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले को लेकर दायर की गई याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सरकार बताए कि वे मॉनिटरिंग के लिए किन सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करते हैं और किसका नहीं, लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया कि सॉफ्टवेयर का नाम बताकर हम उन संगठनों को सतर्क नहीं करेंगे जिनकी मॉनिटरिंग की जाती है, क्योंकि सॉफ्टवेयर का नाम पता चलते ही वे अपने सिस्टम को सिक्योर कर लेंगे। सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ताओं की बात पर कहा कि कोई भी देश ये इनफॉर्मेशन पब्लिकली नहीं देता कि कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहा है और कौन सा नहीं, ना की सुप्रीम कोर्ट से ये उम्मीद की जाती है कि वो सरकार को इस जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए कहे। सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि इस मामले की पूरी जानकारी वो कोर्ट के डायरेक्शन के काम करने वाली एक्सपर्ट कमेटी को देंगे, किन सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल हो रहा है और किसका नहीं, इस बावत हर जानकारी कमेटी को दी जाएगी लेकिन सार्वजनिक नहीं करेंगे। जिस पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता भले ऐसी मांग करें लेकिन देश की सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे।
2- अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत काबिज होने के बाद भारत कल वहां से भारतीय राजदूत और दूतावास के बाकी सभी कर्मचारियों सहित 150 लोगों को सुरक्षित अपने वतन ले आया है। इसके लिए एयरफोर्स के C-17 विमान को भेजा गया था, हालांकि अभी भी बहुत से भारतीय अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं जिन्हें जल्द भारत लाने के लिए सरकार प्लानिंग कर रही है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि जैसे ही काबुल एयरपोर्ट कमर्शिल फ्लाइट्स के लिए खुल जाएगा, तब भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार फ्लाइट की व्यवस्था करेगी। अफगानिस्तान में तालिबानी राज कायम होने के बाद वहां के नागरिकों और अफगानिस्तान में रह रहे दूसरे देश के लोगों में अफरातफरी और दहशत का माहौल है, लेकिन इस बीच पहली बार दुनिया के सामने आए तानिबाल के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को भरोसा देना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में सब महफूज हैं। हम सबकी सुरक्षा की गारंटी लेते हैं। जो अफगानिस्तान में पैदा हुए हैं वो यहीं रहें और देश की सेवा करें। साथ ही तालिबानी प्रवक्ता ने ये भी कहा कि हम किसी पड़ोसी मुल्क को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। किसी से बदला नहीं लेंगे, अफगानिस्तान में इस्लामी राज कायम करेंगे। प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में महिलाओं को शिक्षा व स्वास्थ्य के अधिकारों के साथ शरियत के हिसाब से रहने की बात कही। मुजाहिद ने अंतर्राष्ट्रीय
समुदाय से अफगानिस्तान में निवेश की भी अपील की। वहीं, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई ने अफगानिस्तान के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। अमेरिका को अफगानिस्तान के लोगों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। मलाला ने पाकिस्तान सरकार से अफगान शरणार्थियों को जगह देने की अपील भी की है।
3- CAA में मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नहीं करने पर ईरान, यूएई, बांग्लादेश और तुर्की ने भारत का काफी विरोध किया था लेकिन आज जब अफगानिस्तान पर तालिबान काबिज है तो तुर्की खुद ही मुस्लिम शरणार्थियों के लिए अपने देश की सीमाएं सील करने में लगा है। अफगानिस्तान के शरणार्थी ईरान के रास्ते तुर्की में दाखिल न को सकें इसके लिए तुर्की, ईरान से लगती अपनी 295 किलोमीटर की सीमा पर दीवार लगाने के काम में जुटा है। जबकि ठीक इसके उलट भारत ने अफगानिस्तानियों के लिए ई वीजा जारी रखा है, इतना ही नहीं भारत ने इस मुश्किल दौर में अफगानिस्तान से अपने गारिकों के साथ साथ अफगानिस्तानियों को भी एयरलिफ्ट कराया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के साथ बैठक की और अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित अपने वतन वापस लाने के निर्देश दिए। साथ ही भारत से मदद की आस लगाए बैठे अफगानी नागरिकों को भी हर संभव मदद देने और अफगानिस्तान में रह रहे इच्छुक अल्पसंख्यक सिखों व हिंदुओं को भारत में शरण देने को कहा है। अफगानिस्तान पर काबिज हुआ तालिबान भले खुद को दुनिया की निगाहों शिष्टाचारी दिखाने की कोशिशे कर रहा हो, लेकिन तालिबानियों के लिए लोगों के जहन में जो दहशत है उसका अंदाजा अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरों को देख कर लगाया जा सकता है, जिनमें अपनी जान जोखिम में डालकर भी लोग किसी तरह उस मुल्क से निकलने पर आमादा हैं।
4- जम्मू कश्मीर में खौफ फैलाने की मंशा से बीते कुछ दिनों से आतंकी लगातार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को निशाना बना रहे हैं, अभी कुछ वक्त पहले ही बीजेपी नेता गुलाम रसूल और उनकी पत्नी को आतंकियों ने गोली मारी थी, और कल जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों ने जावेद अहमद डार नाम के एक और बीजेपी नेता की हत्या की है। जावेद अहमद डार, कुलगाम के होमशालीबाग इलाके में बीजेपी के निर्वाचन इंचार्ज थे। लगातार हो रही इन घटनाओं पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया, कुलगाम से बुरी खबर है, जावेद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मैं इस आतंकी हमले की निडरता से निंदा करता हूं और जावेद के परिवार और सहयोगियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं, अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे।
5- देश में तेजी से चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम ने कल एक नया रिकॉर्ड बनाया है, इसकी जानकारी देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश ने एक दिन में 88 लाख कोरोना वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड बनाया है। रिकॉर्ड वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, भारत ने एक दिन में कोरोना के टीके लगाने में सर्वोच्च रिकार्ड हासिल किया है। कल का दिन दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में दर्ज होगा। बधाई हो। बीते 24 घंटे में देश में 88 लाख 13 हजार लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है, जो कि नया रिकॉर्ड है, इससे पहले 21 जून को 87 लाख से ज्यादा डोज लगाई गई थीं। वैक्सीन लगाने के इस नए रिकॉर्ड से ये उम्मीद भी मजबूत हो गई है कि साल के अंत तक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव का कारगर हथियार वैक्सीन ही मानी जा रही है, और तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच जल्द से जल्द, ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन जरूरी है। वैसे राहत की बात ये है कि कल देश में 24 घंटे में बीते 154 दिनों में सक्रमण के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि 25 हजार 166 हैं।
6- पाकिस्तान में एक बार फिर कट्टरपंथियों द्वारा तोड़फोड़ की खबर आई है, इस बार एक कट्टरपंथी ने लाहौर के किले में स्थित महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ा है। मूर्ति को नुकसान पहुंचाने वाला शख्स कट्टरपंथी बैन किए गए कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से बताया जा रहा है। मूर्ति की तोड़फोड़ की इस घटना पर खुद पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी गुस्सा जाहिर किया है, फवाद हुसैन ने सोशल मीड़िया पर मूर्ति को तोड़ते शख्स के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, शर्मनाक, अनपढ़ों का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वाकई खतरनाक है। बता दें कि लाहौर किले में जून 2019 स्थापित की गई 9 फीट ऊंची महाराजा रणजीत सिंह की इस मूर्ति के साथ तीसरी बार तोड़फोड़ की गई है, इससे पहले भी कट्टरपंथियों ने मूर्ति को ये कहकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी कि इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है। इससे पहले हाल ही में कट्टरपंतियों ने एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की थी।