दलेर मेहंदी, संगीत और गायन की दुनिया का ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है, उनके गाए गीतों के हर बोल में वो जोश है, जो किसी को भी थिरकने पर मजबूर कर दे। दलेर मेहंदी आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं, उनके जन्मदिन पर पढ़िए दलेर मेहंदी की लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें।
18 अगस्त 1967 को पटना, बिहार में जन्मे दलेर मेहंदी की बचपन से ही संगीत में दिलचस्पी थी और संगीत में अपना भविष्य बनाने के लिए उन्होंने महज 11 साल की छोटी सी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था, और जा पहुंथे थे गोरखपुर के रहने वाले उस्ताद राहत अली खान के पास। सालभर राहल अली खान साबह से संगीत के गुर सीखने के बाद 13 साल के दलेर मेहंदी ने 20 हजार लोगों के सामने पहली दफा उत्तर प्रदेश के जोनपुर में स्टेज परफॉर्मेंस दी और सबके दिलों पर छा गए दलेर।
अपने यूनिक लुक और डिफरेंट स्टाइल के लिए जाने जाने वाले दलेर मेहंदी, सिंगर मीका सिंह के भाई हैं। वैसे उनके नाम के पीछे भी एक काफी दिलचस्प कहानी है, दरअसल दलेर मेहंदी का नाम उनके माता पिता ने एक डाकू दलेर सिंह के नाम पर रखा था, बचपन में उनका नाम दलेर सिंह ही था लेकिन जब वो बड़े हुए और गायकी में मशहूर हुए तो फेमस सिंगर परवेज मेहंदी के नाम पर उनके सरनेम सिंह की जगह उनके परिवार वालों मे मेंहदी सरनेम लगा दिया और इस तरह दलेर सिंह, दलेर मेहंदी हो गए।
अपनी एलबम रिलीज से पहले साल 1994 में दलेर मेहंदी ने कजाकिस्तान के एक म्यूजिक कॉपंटीशन में दूसरा स्थान हासिल किया, इस शो में उन्हें पिछले तीन दशक की सबसे ओरिजिनल आवाज़ के सम्मान से नवाजा गया, और अगले साल यानि 1995 में लॉन्च हुई उनकी पहली एलबम। दलेर मेहंदी का पहला एलबम था बोलो ता रा रा… जो आते ही दर्शकों की जुबां पर छा गया, इस एलबम की 20 मिलियन से ज्यादा कॉपीज सेल हुई और इस तरह दलेर अपने डेब्यू एलबम से ही दर्शकों के बीच पहचान बनाने में सफल हुए।
इसके बाद उनकी दूसरी एलबम थी दर्दी रब रब… इस एलबम के टाइलट सॉन्ग ना ना ना ना ना रे… को अमिताभ बच्चन की फिल्म मृत्युदाता में लिया गया। गाने में बिग बी और दले मेहंदी साथ थिरकते भी नजर आए। आते ही लोगों की जुबां पर छाने वाले पॉप स्टार बने दलेर मेहंदी अपने हुनर के लिए कई अवॉर्ड से भी नवाजे गए। दलेर को लोगों के बीच मशहूर बनाने और संगीत की दुनिया का बादशाह बनाने में रब-रब, तुनक-तुनक, हो जाएगी बल्ले बल्ले, जैसे गानों ने खास भूमिका निभाई। साढे दिल ते छुरियां चलाइयां और टुटैया जैसे गानों के आज भी लोग दीवाने हैं।
एलबम सॉन्ग्स की सफलता के साथ साथ दलेर मेहंदी ने कई फिल्मों में भी हिट गाने दिए हैं, हालांकि उम्दा आवाज के धनी दलेर मेहंदी के गाने फिल्मों में कम ही सुने जाते हैं, और जितने सुने गए हैं, सब हिट रहे हैं, दरअसल दलेर फिल्मों में गाने के लिए अपनी रिस्पेक्ट से समझौता नहीं
करते, वे खुद को एक ऑप्शन की तरह देखा जाना पसंद नहीं करते, इसलिए ऐसे गानों में दिलचस्प नहीं रखते जिसे 10 और सिंगर गा रहे हैं। वे बस ऐसे ही गाने फिल्मों के लिए गाते हैं जो उन्हें लगता है कि ये उनके लिए है, अश्लील गाने गाने में भी उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
दलेर मेहंदी ने अभी तक बॉलीवुड फिल्मों के लिए जो गाने गाने हैं उनमें मृत्युदाता के ना ना नाना गीत के अलावा, रंग दे बसंती का टाइटल सॉन्ग, कुड़ियां शहर दियां, धन धना धन गोल हल्ला बोल, भूतनी के, जोर का झटका, दंगल का टाइटल सॉन्ग, और जियो रे बाहुबली जैसे गाने शामिल हैं। दलेर मेहंदी ने आखिरी गाना 2019 में आई विक्की कौशल की फिल्म उरी में जग्गा जितेया गाया था, फिल्म के साथ साथ दर्शकों ने इस गाने को भी खूब पसंद किया था।
गायक होने के साथ ही दलेर मेहंदी कंपोजर, राइटर और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं। उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो दलेर ने आर्किटेक्ट और सिंगर तरनप्रीत से शादी की है, जिन्हें निक्की मेहंदी के नाम से भी जाना जाता है। दलेर और निन्की चार बच्चों के माता-पिता हैं। जिनके नाम गुरदीप, अजीत, प्रभजोत और रबाब हैं।
सितारों की दुनिया में बेशुमार नामो-शोहरत कमाने वाले दलेर मेहंदी विवादों का भी हिस्सा रहे हैं, साल 2003 में उनपर गैर कानूनी तरीके से लोगों को विदेश भेजने के आरोप लगे थे, इस मामले में पंजाब के पटियाला कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था। करीब 15 साल इस मामले में उनपर केस चला हालांकि बाद में उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। 90 के दशक में दलेर मेहंदी ने संगीत जगत को तमाम सुपर हिट गाने दिए हैं, जिन पर लोग आज भी झूम उठते हैं। शादी पार्टियों के मन को मस्त करने वाले संगीत का पर्याय बन चुके दलेर मेहंदी के गीतों के बिना मानो खुशी का हर कार्यक्रम अधूरा होता था इतना ही नहीं आज भी दलेर मेहंदी के गाने हर शादी पार्टी में सुनाई देते हैं।