दिल्ली एम्स में आज से के बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन, कोवैक्सिन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है।इस ट्रायल के पहले चरण में कुल 16 बच्चे शामिल होंगे।
इससे कुछ दिन पहले एम्स पटना में भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू हो चुका है जिसमें भारत बायोटेक ने 12 से 18 के बच्चों को लेकर पटना एम्स में वैक्सीन ट्रायल किया गया था। जहां 3 जून को बच्चों को टीके की डोज लगाई गई। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 11 मई को वैक्सीन का बच्चों पर मानव परीक्षण करने की मंजूरी दी थी।
एम्स दिल्ली कोवैक्सीन का मानव परीक्षण ये जांचने के लिए करने जा रहा है कि क्या यह टीका 2-18 साल की उम्र के बीच बच्चों के लिए उपयुक्त है। वैक्सीन के ट्रायल से पहले बच्चों की अच्छी तरह स्क्रीनिंग की जाएगी जिससे पता लगाया जा सके कि वो पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं। वैक्सीन का ट्रायल स्वस्थ होने का पता लगाने के बाद ही किया जाएगा। ट्रायल सफल होने पर बच्चों में टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी।
हाल में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था कि कोवैक्सीन को डीसीजीआई ने मंजूरी दी है। उसे 2 से 18 साल के आयु वर्ग के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी गई है।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल 525 हेल्थी वॉलेंटियर्स पर होगा। इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से लिया जाएगा। ट्रायल में इस बात पर अध्ययन किया जाएगा कि यह वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से लेकर तमाम और जरूरी बातों पर इस ट्रायस के माध्यम से अध्ययन किया जाएगा।
देश में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए पड़ेगी लगभग 25 करोड़ डोज की जरुरत
डॉ. वीके पॉल का मानना है कि एक बार बच्चों के टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाता है तो एक ही समय में सबके लिए टीके उपलब्ध कराने की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें लगभग 25 करोड़ डोज की जरुरत होगी।
डॉ. वीके पॉल ने कहा, “बच्चों के लिए किस वैक्सीन का इस्तेमाल होगा ये सवाल बहुत सी बातों के साथ साथ इनकी आबादी पर भी निर्भर करता है। देश में बच्चों की जनसंख्या छोटी नहीं है। यदि हम केवल 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग की बात करें तो इनकी जनसंख्या लगभग 13 से 14 करोड़ होगी। इतनी बड़ी आबादी के वैक्सीनेशन के लिए हमें लगभग 25 से 26 करोड़ डोज की जरुरत होगी। हमें ये सभी डोज एक बार में ही उपलब्ध करानी होगी। कुछ बच्चों को वैक्सीन लगे और कुछ इस से वंचित रह जाए हम ऐसा बिल्क़ुल नहीं होने दे सकते।”