अयोध्या के नजदीक ही धन्नीपुर गांव (Dhannipur Masjid) में 5 एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद की डिजाइन आपके सामने है। इस मस्जिद में एक समय में दो हजार लोगों के नमाज अदा करने की क्षमता होगी। विश्व में सबसे अलग मॉडर्न डिजाइन की इस मस्जिद का डिजाइन जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट प्रोफेसर एसएम अख्तर ने तैयार किया है। ये जानकारी मस्जिद की ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने दी है। इसका निर्माण कार्य 26 जनवरी से शुरू होगा। दो मंजिला मस्जिद 3500 वर्ग मीटर में बनेगी। इसमें महिलाओं के लिए अलग से स्थान होगा।
मस्जिद अत्याधुनिक ईको फ्रेंडली बिल्डिंग के रूप में नजर आएगी। फुटबाल जैसी गोल दिखने वाली मस्जिद को जीरो एनर्जी बिल्डिंग के रूप में बनाया जाएगा। इमारत की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। ईको फ्रेंडली इस इमारत के बाहरी हिस्से में हरियाली के लिए दुर्लभ पौधे लगाये जाएंगे।
मस्जिद में बाबरी मस्जिद की झलक नहीं दिखेगी
मस्जिद को पूरी तरह से सोलर लाइट से ही पावर सप्लाई मिलेगी। मस्जिद निर्माण के पहले चरण में मस्जिद की आधारशिला रखी जाएगी। मस्जिद के साथ ही एक अस्पताल भी होगा। दूसरे चरण में अस्पताल के विस्तार की योजना है।
हालांकि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ट्रस्ट ने मस्जिद का नाम अभी तक तय नहीं किया गया है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इस मस्जिद का नाम किसी भी सम्राट या राजा के नाम पर नहीं होगा। लेकिन मस्जिद का नाम धन्नीपुर मस्जिद रखा जा सकता है। इसमें सुपर स्पेशिऐलिटी हॉस्पिटल, कल्चरल रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और किचन भी बनेगा।
आर्किटेक्ट रिलीज होने के बाद इसका नक्शा पास करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। मस्जिद की उपरी परत कांच की तरह दिखाई देगी। मस्जिद के पीछे ही एक फ्यूचरिस्टिक डिजाइन वाला अस्पताल बना हुआ है। अतहर हुसैन ने कहा कि मॉडर्न डिजाइन की इस मस्जिद में बाबरी मस्जिद के ढांचे की झलक नहीं दिखाई देगी।
क्या-क्या खास होगा इस मस्जिद में
जानकारी के मुताबिक इस मस्जिद में सुपर स्पेशिऐलिटी हॉस्पिटल होगा। पूरे परिसर को सोलर लाइट से ही पावर सप्लाई मिलेगी। अयोध्या की इस मस्जिद में गुंबद नहीं होगा। बाबरी मस्जिद की कोई झलक नहीं होगी। ना ही इसका नाम किसी बादशाह के नाम पर रखा जाएगा। परिसर में ही हॉस्पिटल होगा। इसके अलावा मस्जिद में लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन और कल्चरल रिसर्च सेंटर भी होगा।
मस्जिद परिसर में अस्पताल चैरिटी मॉडल पर काम करेगा