बिहार पुलिस को नया डीजीपी मिल गया है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी(1988 batch IPS officer) एसके सिंघल(SK Singhal) के बिहार पुलिस के नये डीजीपी(new DGP of Bihar) बनने की अधिसूचना गृह विभाग ने शनिवार को जारी कर दी।
बता दें कि IPS सिंघल पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद 23 सितंबर से डीजीपी के प्रभार में थे। साथ ही ये बिहार होम गार्ड्स एंड फायर सर्विसेज के डीजी-कम-कमांडेंट भी थे।
कौन हैं एस के सिंघल
संजीव कुमार सिंघल, पंजाब के जालंधर छावनी के रहने वाले, 1987 में आईएफएस बने थे। 1988 में वो आईपीएस बने। इनके पिता सत्यप्रकाश सिंघल शिक्षक रहे हैं। जालंधर से ही स्कूली शिक्षा हासिल करने वाले एस के सिंघल ने जालंधर के ही डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। पढ़ाई में सदैव अव्वल, सिंघल ने गणित ऑनर्स किया और इन्हें गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ। पंजाब विवि, चंडीगढ़ से इन्होंने गणित में ही स्नातकोत्तर किया। तब भी इन्हें गोल्ड मेडल मिला।
पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक एस के सिंघल पंजाब के खालसा कॉलेज वीमेंस में लेक्चरर रहे। पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट विषय में एमबीए करने वाले सिंघल फिलहाल मगध विवि से मैनेजमेंट में डॉक्टरेट कर रहे हैं। प्री-पीएचडी में ये मगध विश्वविद्यालय के टॉपर थे।
बिहार में इनका कार्यकाल
एसके सिंघल दानापुर में एएसपी का पद संभाल चुके हैं। नालंदा, सीवान, कैमूर, रोहतास और भोजपुर जिलों में भी इन्होंने एसपी का पद संभाला हैष वर्ष 2005 में यह डीआईजी प्रशासन बने। सिंघल की कार्यशैली और कार्य क्षमता को देखते हुए इन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जगह मिली है। बतौर एडीजी मुख्यालय के महत्त्वपूर्ण दायित्व भी संभाल चुके हैं।
शहाबुद्दीन के सक्रीय दिनों में सिवान के एसपी रह चुके हैं
जब सिवान में शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी तब एस के सिंघल वहां के एसपी के रूप में तैनात थे। 1996 में एस के सिंघल बेहद चर्चा में आये, जब सिवान के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन ने उनपर हमला किया था। इस मामले को लेकर वर्ष 2007 में विशेष अदालत ने शहाबुद्दीन को 10 साल की सजा सुनाई थी।
विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करते हुए, BJP के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मतदाताओं को याद दिलाया था कि कैसे शहाबुद्दीन द्वारा सिंघल पर हमला किया गया था।