कोरोना से बचाव के लिए सतर्क और जागरुक रहें लेकिन महामारी के बारे में इतना भी न सोचे कि ये सोच आपको तनाव जैसी गंभीर समस्या का शिकार बना दे। मुश्किल वक्त में तनाव से बचाव के लिए करें योग, ताकि दूर रहे तनाव नाम का मानसिक रोग।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच बिगड़ती स्थिति के चलते स्वास्थ्य सेवाएं जिस तरह से शिथिल हुई हैं आम जनमानस के मन-मस्तिष्क पर उसका गहरा असर हुआ है। इतना कि एक स्वस्थ व्यक्ति भी इस स्थिति में खुद के बीमार होने के महज ख्याल से भी कांप रहा है। कोरोना संक्रमण खतरनाक है, लेकिन उससे भी ज्यादा खतरनाक है वो डर, जो लोगों के मन में घर कर रहा है, खासकर घरों में बंद हमारे उम्रदराज वो बुजुर्ग और वो नन्हे, जिनके लिए पार्क, स्कूल, आउटडोर गेम्स, सैर सपाटा ये सब एहतियातन बंद किए गए हैं।
समस्या गंभीर है, और संक्रमण से बचाव के लिए ये सब जरूरी भी है, लेकिन साथ ही जरूरी है घरों में रहकर स्वस्थ बने रहना। किसी भी बीमारी से बचाव के लिए सिर्फ शरीर का स्वस्थ रहना पर्याप्त नहीं, शारीरिक सबलता के साथ साथ मानसिक सबलता और दृढ़ इच्छा शक्ति भी जरूरी है, और मौजूदा समय की विषम परिस्थितियों में तनाव और गिरते मनोबल से बचाव का उपाय है योग। विशेषज्ञों का कहना है कि कठिन और विषम परिस्थितियों में लोग जिस तनाव का शिकार हो ररहे हैं उससे बचाव के लिए जानुशीर्षासन बेहद कारगर है। तनाव, अवसाद जैसे मानसिक विकारों से बचे रहने के लिए योग के जानकार जानुशीर्षासन की सलाह देते हैं। जानुशीर्षासन का अर्थ है घुटनों के बल पर आसन करना। इस आसन को करने से मानसिक तनाव से बचाव होता है। आप जानुशीर्षासन के बारे में किसी योग के जानकार से बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस आसन के अलावा भी सामान्य योग-व्यायाम और मेडिटेशन इस विपरीत समय में मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं।
अभी हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में लोग तरह-तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लॉकडाउन के चलते नौकरी जाना, आर्थिक तंगी होना, परिवार में किसी अपने का बीमारी का शिकार हो जाना, या संक्रमण से जूझना, ये कुछ ऐसी वजह हैं जो दिमाग को तनाव का शिकार आसानी से बना सकती हैं और इसमें कोई संदेह नहीं कि तनाव भी एक गंभीर समस्या है, जिससे बचे रहना बेहद जरूरी है। इसलिए ध्यान रखें कि हमें एक वक्त में दो महामारियों से अपना और अपनों का बचाव करना है, एक कोरोना और दूसरा तनाव।