1- कल गुरुवार को भी देश में 4 हजार के करीब मौतें हुईं, कल 24 घंटे में 3 लाख 43 हजार 288 नए मामले सामने आए तो वहीं इस दौरान देश में 3 हजार 999 लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ा। इसके साथ ही भारत में संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 40 लाख 46 हजार 120 हो गई है, और 2 लाख 62 हजार 350 लोग अब तक इश महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। दिल्ली, यूपी और बिहार जैसे राज्यों में जहां पॉजिटिविटी रेट घटने लगा है तो वहीं केरल कर्नाटक जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या मुश्किले बढ़ा रही है। लॉकडाउन के बाद भी केरल में कल 24 घंटे में 39 हजार 955 नए मामले मिले जबकि 97 लोगों की जान गई। जबकि कर्नाटक में गुरुवार को नए संक्रमितों की संख्या 35 हजार 297 रही और इस दौरान 344 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा तमिलनाडु में 30 हजार 621 और पश्चिम बंगाल में 20 हजार 839 नए मामले दर्ज हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में और कमी लाने के लिए लॉकडाउन 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है, यहां कल 24 घंटे में 42 हजार 582 नए मामले सामने आए लेकिन इस दौरा 850 लोगों ने दम तोड़ा। वहीं राजधानी दिल्ली में कल 10 हजार 489 नए मामले सामने आए तो इस दौरान 308 लोगों की मौत हुई।
2- कोरोना महामारी के बीच जो बिमारी से कम बेरोजगारी से ज्यादा परेशान है वो है गरीब प्रवासी मजदूर, बीते साल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का अपने घर तक का सफर कितना तकलीफों भरा था ये देश ही नहीं दुनिया ने देखा, किसी को रोटी नसीब ही नहीं हुई तो कोई भूखा प्यासा हफ्तों में घर पहुंचा और किसी को घर तक पहुंचने से पहले ही मौत ने बुला लिया। इस समस्या पर समाधान के लिए एक्टिविस्ट हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप चोकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि फूड सिक्योरिटी और कैश ट्रांसफर के अलावा मजदूरों को गुजर- बसर और पेट भर भोजन के लिए कुछ अन्य निर्देश भी तत्काल जारी हों। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लिया। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को रोटी के लिए न तरसना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कुछ अहम निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि NCR में आने वाले जिलों में सार्वजनिक जगहों पर राज्य सरकारें सामूहिक रसोई खोलें ताकि मजदूर व उनके परिवार रोटी के लिए ना भटकें। अदालत ने ये भी कहा कि केंद्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार NCR के प्रवासी मजदूरों को किसी भी योजना के तहत बिना पहचान पत्र आदि की बाध्यता के राशन मुहैया करवाएं।
3- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच एक तरफ जहां दवाओं और ऑक्सीजन की कमी की खबरों ने अफरा-तफरी का माहौल बना दिया है, संक्रमण से बचाव के लिए अहतियात के अलावा वैक्सीन को सुरक्षा कवच माना जा रहा है, ऐसे में ज्यादातर लोग वैक्सीन लेना चाहते हैं लेकिन अब वैक्सीन की कमी की भी खबरें कई राज्यों से आ रही हैं। इसी बीच गुरुवार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर एक राहत भरा ऐलान किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि इस साल अगस्त से दिसंबर तक वैक्सीन की 216 करोड़ डोज तैयार कर ली जाएंगी। इसमें 55 करोड़ डोज कोवैक्सीन, 75 करोड़ कोविशील्ड, 30 करोड़ डोज बायो ई सब यूनिट वैक्सीन, 5 करोड़ डोज जायडस कैंडिला डीएनए, 20 करोड़ डोज नोवावैक्सीन, 10 करोड़ डोज भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन, 6 करोड़ डोज जिनोवा और 15 करोड़ डोज स्पुतनिक की होगी। इसके अलावा दूसरी विदेशी वैक्सीन जो FDA या WHO द्वारा अप्रूव की गई हो उसे भारत आने की अनुमति होगी और इन्हें एक से दो दिनों में इंपोर्ट लाइसेंस भी दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रायल दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली कई कंपनियों से संपर्क में हैं, और फाइजर, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन को कहा गया है कि अगर वे वैक्सीन अपने होम प्रोडक्शन से भेजना चाहते हैं या भारत में आकर प्रोडक्शन करना चाहे तो करें। इसके लिए केंद्र सरकार उन्हें हर सहायता मुहैया करवाने को तैयार है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक के बारे में उन्होंने बताया कि भारत आ चुकी स्पूतनिक कोरोना वैक्सीन अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध होगी।
4- कोरोना संक्रमण अब शहरों के साथ-साथ गांवों में भी पैर पसार रहा है, स्थिति पर जल्द नियंत्रण न पाया गया तो हालात बेहद खराब हो सकते हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना महामारी से बचावों पर चर्चा के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं, और अब वे देश के उन 100 जिलों के कलेक्टरों से बात करेंगे, जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा केस हैं। पीएम 18 और 20 मई को दो चरणों में जिलाधिकारियों के साथ मीटिंग करें। 18 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 46 जिलों के डीएम के साथ बैठक करेंगे और संक्रमण पर नियंत्रण के उपायों पर विचार विमर्श होगा। इस बैठक में डीएम के साथ साथ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इसके बाद 20 मई को भी ज्यादा कोरोना प्रभावित 54 जिलों के डीएम के साथ पीएम की बैठक होगी, और संक्रमण से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले उपायों पर चर्चा की जाएगी। कोरोना काल में अब तक पीएम देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कई बार बैठक कर चुके हैं लेकिन कोरोना संकट के बाद से यह पहला मौका है, जब पीएम नरेंद्र मोदी जिलाधिकारियों से बात करेंगे।
5- कोविशील्ड टीकाकरण की खुराक को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच अभी तक 6 से 8 हफ्तों का अंतर होता था लेकिन अब इस अंतर को बढ़ा कर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया है क्योंकि सरकार को सलाह देने वाले नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने इसकी सिफारिश की थी। पैनल ने साफ किया कि कोवैक्सिन की डोज में कोई बदलाव नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सरकारी समूह एनटीएजीआई की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। अब एनटीएजीआई के ये सुझाव, देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की देखरेख करने वाले कोविड-19 के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह मंजूरी के लिए को भेजे जाएंगे।