स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
27 सितंबर को पूरी दुनिया World Tourism Day यानि विश्व पर्यटन दिवस मनाती है, क्यों मनाया जाता है ये दिन, क्या है इस दिन को मनाने का उद्देश्य, पढ़िए विश्व पर्यटन दिवस से जुड़ी हर जरूरी बात।
Tourism यानि पर्यटन, आसान शब्दों में कहें तो मन को खुश करने के लिए देश-दुनिया की विभिन्न जगहों को घूमना, प्रकृति की सुंदरता का दीदार करना, विभिन्न जगहों की संस्कृति, वेशभूषा, रहन-सहन को देखने-जनने के लिए अपने घर से बाहर निकल कुछ वक्त भिन्न माहौल में बिताना, लेकिन जैसे जैसे हम आधुनिक जीवन शैली में खुद को ढालते जा रहे हैं ये खुशी हमसे छूटती जा रही है, जरूरतों की लंबी लिस्ट हमें खुद के लिए जीने का वक्त ही नहीं देती, वहीं ठीक इसके उलट किसी भी देश के आर्थिक विकास में टुरिज्म एक अहम भागीदारी निभाता है।
लोग अपनी रोज की भागमभाग भरी जिंदगी से कुछ वक्त ऐसे सैर सपाटों और भ्रमण-पर्यटन के लिए भी निकालें, इसी उद्देश्य से WTO द्वारा हर साल विश्व पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत की गई, ताकि लोग इस विषय के प्रति जागरुक बनें कि किसी देश अच्छे आर्थिक विकास के लिए पर्यटन कितना महत्वपूर्ण है जिसमें प्रत्येक अपनी भागीदारी दे सकता है।
कैसे हुई विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत
इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने साल 1980 में की, और इस विषय के लिए 27 सितंबर की तारीख का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि साल 1970 में 27 सितंबर के दिन ही विश्व पर्यटन संगठन का संविधान को मंजूरी मिली थी। वैश्विक स्तर पर पर्यटन दिवस की शुरुआत होने के बाद साल 1997 में इस्तांबुल टर्की में बारहवीं UNWTO महासभा ने यह फैसला किया कि हर साल संगठन का कोई एक देश विश्व पर्यटन दिवस मनाने में सहयोगी की भूमिका निभाएगा, जिसके बाद साल एक देश इस दिन को मनाने में संगठन के सहयोगी की भूमिका अदा करता है और हर साल के लिए एक विशेष थीम यानि विषय संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा निर्धारित की जाती है।
पर्यटन के फायदे
पर्यटन से मानसिक सुख और मनोरंजन तो होता ही है साथ ही एक से माहौल से कुछ वक्त भिन्न माहौल में जीना मनोरंजन का अनुभव कराता है, वही दूसरी तरफ पर्यटन वैश्विक रूप से, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने में,उनका विकास करने
में तथा आपसी समझ बढ़ाने में भी सहायक बनता है। पर्यटन से पूरे होने वाले ऐसे तमाम उद्देश्यों से हर आमोखास वाकिफ हो और पर्यटन के
लिए जरूर निकले, इसी को ध्यान में रखते हुए साल का ये एक दिन 27 सिबंर पर्यटन के नाम समर्पित किया गया है जिसे हर साल एक खास विषय के साथ सेलिब्रेट किया जाता है, और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए विश्वभर की आवाम को पर्यटन की महत्ता से अवगत कराया जाता है। इस साल यानि 2021 में विश्व पर्यटन दिवस का विषय यानि थीम है Tourism For Inclusive Growth यानि समावेशी विकास के लिए पर्यटन।
बात करें भारत की, तो पर्यटन की दृष्टि से अपने देश के हर कोने में कुछ ऐसा है जो देखने लायक है और लोगों को वहां आने के लिए आकर्षित करता है, लेकिन देश के कई ऐसे कोने हैं जो पर्यटकों की निगाहों से छूटे हुए हैं, जहां यदि पर्यटन को बढ़ावा मिले तो उन जगहों के आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। साहसिक पर्यटन को रोजगार से जोड़कर नए स्थलों को विकसित करने पर काम किया जा रहा है।
लंबे वक्त से दुनियाभर पर कहर बन कर टूटी कोरोना महामारी ने विश्व पर्यटन को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत में भी विभिन्न पर्यटन स्थलों पर इसके उदाहरण देखे जा सकते हैं, जाहिर है राज्य सकारों के सामने अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटक सुविधाओं के विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारने की बड़ी चुनौती है, लेकिन कोरोना काल में औंधे मुंह गिरी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस क्षेत्र की सफलता काफी सहायक सिद्ध हो सकती है।
दोस्तों पर्यटन सिर्फ किसी देश, राज्य या क्षेत्र के आर्थिक मूल्यों को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि देश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रभावित करता है। जिसके माध्यम से हम विभिन्न जगहों की गतिविधियों, माहौल, सांस्कृतिक मूल्यों, राजनीतिक-सामाजिक परिवेशों से अवगत होते हैं। ये एक ऐसा माध्यम है जो हमें दुनिया से जोड़ता है। देश-दुनिया के हर कोने के प्रति अपना ज्ञान बढ़ाने में सक्षम बनाता है और भ्रमण कुछ किलोमीटर का हो या लंबी यात्राएं मन को तमाम खुशमिजाज यादों से भरती हैं। इस तरह पर्यटन प्रत्येक के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है।