आज मंगलवार है, तारीख 28 सितंबर 2021; आश्विन मास, कृष्ण पक्ष और सप्तमी तिथि।
1- लास्ट टाइम पर एग्जाम का पैटर्न बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की। दरअसल सरकार ने सुपर स्पेशलिटी कोर्सों के लिए इस साल 13 और 14 नवंबर 2021 को होने वाली NEET परीक्षा का पैटर्न बदलने का फैसला लिया है, जिसे लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से कहा कि सत्ता के खेल में सरकार डॉक्टरों को फुटबॉल न समझे। कोर्ट ने सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। बता दें कि NEET एग्जाम का नोटिफिकेशन 23 जुलाई को ही जारी कर दिया गया था, लेकिन फिर एक महीने बाद 31 अगस्त को NBE ने एग्जाम पैर्टन में बदलाव की घोषणा करते हुए एक बुकलेट जारी किया। एग्जाम पैटर्न में बदलाव की जानकारी मिलने पर परीक्षा की तैयारी कर रहे 41 डॉक्टर्स ने NBE के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी वजह है कि डॉक्टर नीट-एसएस परीक्षा की तैयारी 2018 के निर्धारित पैर्टन के आधार पर कर रहे थे और लास्ट टाइम पर एग्जाम पैटर्न में बदलाव से परीक्षा में बैठने वाले केंडीडेक्टस के लिए मुश्किलें खड़ीं होगीं। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कल सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से सवाल किया कि नोटिफिकेन जारी होने के बाद परीक्षा पैटर्न में बदलाव क्यों किया जा रहा है, क्या सिर्फ इसलिए कि आपके पास अधिकार है। सत्ता के इस खेल में डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझिए। कोर्ट ने केन्द्र को इस फैसले पर विचार के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। कोर्ट ने सरकार से संबंधित अफसरों की मीटिंग बुलाने का निर्देश दिया। साथ ही 4 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने को कहा है।
2- योगी कैबिटेन में शामिल हुए सात नए मंत्रियों को सोमवार को विभाग बांटे गए। जिसकी जानकारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर दी। रविवार को मंत्री बने सभी 7 विधायकों में सिर्फ जितिन प्रसाद को कैबिनेट और बाकी को राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। जितिन प्रसाद को जहां प्राविधिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो वहीं राज्य मंत्री पल्टू राम को सैनिक कल्याण, होमगार्ड, प्रान्तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग दिया गया है। राज्य मंत्री बनी डॉ. संगीता बलवंत को सहकारिता विभाग और धर्मवीर प्रजापति को औद्योगिक विकास विभाग दिया गया है। इसके अलावा राज्यमंत्री बने छत्रपाल सिंह गंगवार को राजस्व विभाग और संजीव कुमार को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग का जिम्मा दिया गया है और दिनेश खटीक को जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि इन सात नए मंत्रियों को मिलाकर योगी कैबिनेट में कुल 60 सदस्य हो गए हैं, यही मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या है। इन 60 सदस्यों में 24 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 27 राज्य मंत्री हैं। जिनमें चार महिला मंत्री शामिल हैं।
3- कोरोना महामारी से बचाव का एक कारगर हथियार है वैक्सीन, जिसके लिए युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम जारी है। सरकार का लक्ष्य है आबादी को संक्रमण की भयावह स्थिति से बचाना जिसके लिए हर दिन वैक्सीनेशन प्रोग्राम की रफ्तार बढ रही है। इसी कड़ी में कल एक बार फिर एक दिन में 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गईं। ये महीनेभर में 5वीं बार है जब एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई हैं। इसी के साथ देश में वैक्सीनेशन कवरेज 86 करोड़ के पार हो गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। देश की 47% आबादी को पहला और 17% को दोनों डोज लग चुके हैं।
4- कोरोना वैक्सीन में भारत बायोटैक की कोवैक्सिन का टीका लगवाने वाले ऐसे लोग जो विदेश यात्राएं करते हैं, उन्हें कुछ और वक्त इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय वैक्सीन कोवैक्सिन को इंटरनेशनल लेवल पर अभी मान्यता नहीं मिली है और इसे मान्यता मिलने में अभी और वक्त लग सकता है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक से कोवैक्सिस से संबंधित कुछ और तकनीकी जानकारियां मांगी हैं। भारत बायोटेक इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) के लिए WHO को पहले ही वैक्सीन से जुड़े सभी डेटा मुहैया करा चुकी है। कोवैक्सिन की अलावा कोविशील्ड को लेकर भी ऐसी ही समस्या सामने आई है, जहां ब्रिटेन ने कोविशील्ड को मान्यता तो दी है, लेकिन साथ ही कुछ शर्ते भी जोड़ दी हैं। जिस पर भारत सरकार ने आपत्ति जाहिर कर ब्रिटेन सरकार से अपने निर्देशों पर पुनर्विचार करने को कहा। हालांकि ब्रिटेन का कहना है कि उन्हें कोवीशील्ड लगवाने वालों से कोई परेशानी नहीं है। वे भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं कर सकते, इसलिए कोवीशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके भारतीयों को ब्रिटेन पहुंच 10 दिन क्वारंटीन रहने और टेस्ट करान के निर्देश हैं।
5- कल, सोमवार 27 सितंबर को किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वाहन किया था। इस बंद का असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ जगहों के अलावा बिहार, यूपी, राजस्थान और दक्षिण के कई राज्यों में भी दिखाई दिया, लेकिन यहां राजनीतिक दलों की भागीदारी ज्यादा रही। किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया कि किसानों का बुलाया भारत बंद पूरी तरह सफल रहा है, अब सरकार इस आंदोलन को छोटा दिखाने की कोशिश नहीं करेगी। राकेश टिकैट ने ट्वीट कर कल के भारत बंद को ऐतिहासिक बताया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे का हल सरकार द्वारा किसानों से बातचीत और आपसी समझ से ही निकल सकता है, अदालत के हस्तक्षेप से नहीं। वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री ने एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान आंदोलन छोड़ बातचीत का रास्ता अपनाएं, सरकार किसानों से बातचीत को पूरी तरह तैयार है।