स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
21 जून की तारीख को विश्वयोग दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन के महत्व और योग से जुड़ी तमाम जरूरी बातें जानने के लिए पढ़िए ये लेख।
आज 21 जून को 7वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी थीम रखी गई है, योग फॉर वेलनेस। इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई साल 2015 में और तब से वैश्विक स्तर पर योग दिवस मना कर इस योग के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है, और तमाम कार्यक्रमो के जरिए लोगों को दैनिक प्राणायाम और योग करने के लिए उत्साहित किया जाता है। इस बार 190 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन कोरोना के चलते सार्वजनिक योग कार्यक्रम नहीं किए जा रहे।
विश्व को योग दिया है भारत ने, और भारत की पहल पर ही विश्व योग दिवस मनाने की शुरुआत भी हुई, जब 2015 में 21 जून को पहला विश्व योग दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में नई दिल्ली के राजपथ पर मनाया गया। इस योग दिवस पर एकसाथ करीब 35 हजार 985 लोगों ने 35 मिनट तक 21 तरह के अलग-अलग योगासन किए थे, जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बना बल्कि दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने, पहला रिकॉर्ड इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकसाथ एक जगह पर योगासन करने का और दूसरा रिकॉर्ड 84 अलग-अलग राष्ट्रीयता वाले लोगों द्वारा इस आयोजन में शामिल होने का।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के लिए भी एक दिन तय हो, इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्योंकि International Day of Yoga यानि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने की अपील प्रधानमंत्री नरनेद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में की गई थी, और हर साल 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था जिसे महज 90 दिनों में 193 में से 177 देशों का समर्थन मिला और 11 दिसंबर 2014 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुहर लग गई जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 21 जून का दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की और इस तरह योग वैश्विक स्तर पर मान्य हुआ।
योग के अस्तित्व की बात करें तो संस्कृत भाषा ये लिया गया शब्द योग एक ऐसी शक्ति है जिसके निरंतर अभ्यास से हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक सूत्र में पिरो सकते हैं। मानव सभ्यता की शुरुआत से ही योग का विधान है। योग के विज्ञान की उत्पत्ति आस्था और धर्म से भी पहले हुई है और जहां तक बात है योग के पहले गुरु के नाम की तो योग विद्या में भगवान शिव को आदि योगी या पहले योग गुरु के रूप में माना जाता है।
योग के तमाम गुणों और चमत्कारी परिणामों के लिए योग को दैनिक जीवन में शामिल करना आज समय की मांग है इशलिए इसके प्रति योग दिवस आज वैश्विक स्तर पर 21 जून को मनाया जाता है, लेकिन 21 जून ही क्यों तो ये दिन चुना गया सूर्य के महत्व को ध्यान में रखकर और इसी को देखते हुए 21 जून के दिन को योग दिवस के लिए उत्तम माना गया क्योंकि ये दिन पूरे साल का सबसे लंबा दिन होता है। जी हां, भारतीय संस्कृति के मुताबिक 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति के दिन दक्षिणायन हो जाता है, इस दिन सूर्य की रोशनी सबसे ज्यादा पड़ती है, इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है जिसकी वजह से ये साल का सबसे लंबा दिन होता है, और ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। ऐसे में योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है. इसलिए इस दिन को योग दिवस मनाने के लिए चुना गया है।
कोरोना काल के कठिन समय में जब हमें न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, बल्कि सकारात्मक विचारों को सबल बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है, ऐसी स्थिति में योग ही सर्वोत्तम है। योग शरीर को स्वस्थ तो रखता ही है, साथ ही गंभीर समस्या अवसाद और तनाव से भी मुक्त करता है। योग एक ऐसा वरदान और विज्ञान है जो इंसान को न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सबल बनाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी संयम को योग का पैरामीटर कहा है, और आज जब विश्व एक ऐसे संकट की चपेट में है जिससे जीतने के लिए योग सहायक सिद्ध हो रहा है तब विश्व के तमाम देश भारत के इस सांस्कृतिक पर्व का अनुसरण कर रहे हैं। योग दिवस के मौके पर निरोग रहने के लिए योग का संकल्प लें और अपनों को भी योग से जोड़ें ताकि बीमारियों के साथ साथ चिंता व तनाव जैसी समस्याओं से भी निजात मिले।