स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
70-80 के दशक के चॉकलेटी हीरो और बॉलीवुड के जंपिंग जैक, यानि जीतेन्द्र आज पूरे 79 साल के हो गए हैं, आईये उनके जन्मदिन के मौके पर जीतेन्द्र के रील और रीयल लाइफ से जुड़ी कुछ इंटरस्टिंग बातें आपको बताते हैं।
7 अप्रैल 1942 को अमृतसर में एक व्यापारी परिवार में जन्मे जीतेन्द्र का असली नाम रवि कपूर है। जीतेन्द्र के फिल्मों में आने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। उनके पिता आर्टिफिशियल जूलरी के व्यापारी थे, वे फिल्मों की शूटिंग के लिए फेमस फिल्ममेकर वी शांताराम के यहां भी जूलरी भेजा करते थे। वहीं उन्होंने फिल्में देखने के शौकीन अपने बेटे जीतेन्द्र की सिफारिश वी शांताराम से की, शुरुआत में छोटे-मोटे रोल करने के बाद साल 1964 में जीतेन्द्र को वी.शांताराम की फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ बतौर मुख्य कलाकार काम करने का मौका मिला। वैसे तो जीतेन्द्र ने अपने फिल्मी सफर का आगाज किया फिल्म ‘नवरंग’ से, 1959 में आई इस फिल्म में उन्हें काफी छोटा रोल मिला था। इसके बाद फिल्म ‘सेहरा’ में भी उन्हें काफी छोटी भूमिका मिली, 5 साल की मेहनत मशक्कत के बाद उन्हें फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों’ में काम करने का मौका मिला। साल 1964 में आई इस फिल्म के जरिए जीतेन्द्र बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने में सफल हुए।
सफेद जूतों ने बदली ज़िंदगी
इसके बाद साल 1967 में उन्होंने अपनी पहली हिट फिल्म दी, जिसका नाम था ‘फर्ज’। इस फिल्म में जीतेन्द्र के लिए सफेद जूते काफी लकी साबित हुए, फिल्म में जीतेन्द्र ने गोपाल किशन पांडे की भूमिका निभाई, इसी फिल्म में एक गाना था, मस्त बहारों का मैं आशिक… इस गाने में जीतेन्द्र ने सफेद रंग के जूते पहने थे जो एक सस्ती सी दुकान से काफी कम कीमत में खरीदे गए थे, लेकिन इस फिल्म में उनके सफदे जूते और उनके डांस को दर्शकों ने काफी पसंद किया, इतना कि ये उनका ट्रेडमार्क स्टाइल बन गया, ये फिल्म जीतेन्द्र की पहली हिट फिल्म बनी और इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में सफेद जूते पहने। जीतेन्द्र के फिल्मी करियर में ‘जीने की राह’, ‘मेरे हुजूर’, ‘फर्ज’, ‘हमजोली’, ‘कारवां’, ‘धरमवीर’, ‘परिचय’, ‘खुशबू’, ‘तोहफा’ और ‘हिम्मतवाला’ जैसी फिल्में, यादगार फिल्मों में शुमार की जाती हैं।
हेमा मालिनी से था इश्क
अपने फिल्मी करियर की शुरुआत में जीतेन्द्र के इश्क के चर्चे यूं तो कई हिरोइनों के साथ सुनाई दिए लेकिन उनका सच्चा प्यार तो वही था, जो हमसफर बना। जीतेन्द्र और हेमा मालिनी का प्यार भी उन दिनों खूब चर्चाओं में रहा, एक तरफ धर्मेंद्र और संजीव कुमार, हेमा मालिनी पर जान छिड़कते थे तो दूसरी तरफ जीतेन्द्र भी उनके दीवाने थे। फिल्म दुल्हन की शूटिंग के दौरान उन्हें हेमा मालिनी से इतनी मोहब्बत हो गई कि दोनों ने तुरंत शादी का फैसला किया। हेमा और जीतेन्द्र चुपचाप मंदिर में शादी करने ही वाले थे कि शोभा कपूर जो कि जीतेन्द्र की अच्छी दोस्त या कहिए गर्लफ्रेंड थीं, उन्होंने ये शादी रुकवा दी और फिर हेमा, धर्मेंन्द्र की हो गई और जीतेन्द्र की शादी हुई अपनी बचपन की मोहब्बत शोभा कपूर से।
14 साल की उम्र से ही शोभा, जीतेन्द्र को चाहती थीं और अक्टूबर 1974 में उन्होंने अपनी बचपन की इस मोहब्बत को हमसफर बनाया। शादी के बाद 1975 में 7 जून को वो एकता कपूर के पिता बने, जिन्हें जीतेन्द्र अपना लकी चार्म मानते हैं। इसके बाद 20 नवंबर 1976 को जीतेन्द्र और शोभा के घर में बेटे, तुषार का जन्म हुआ हिन्दी सिनेमा में तो जीतेन्द्र का बोलबाला था ही, साउथ इंडियन फिल्ममेकर्स को भी जीतेन्द्र अपनी हिन्दी फिल्मों के लिए पहली पसंद लगते थे। यही वजह थी कि जीतेन्द्र ने कई साथउ इंडियन फिल्म्स के रीमेक में काम किया वे अकेले ऐसे स्टार हैं जिन्होंने अपने फिल्मी करियर में 80 से ज्यादा रीमेक मूवीज में काम किया है।
वहीं बॉलीवुड में जीतेन्द्र ने ज्यादातर वुमेन ऑरिएंटिड फिल्मों में काम किया। जो पारिवारिक होती थीं, और पूरी कहानी ज्यादातर हीरोइन के इर्द गिर्द घूमती थी शायद यही वजह थी कि उन्हें बॉलीवुड में कभी एक बेहतरीन एक्टर नहीं माना गया लेकिन दर्शकों को प्यार ने उन्हें सदा फिल्मों में सक्रिय और सिने जगत में सफल बनाए रखा। महिला प्रधान फिल्मों में काम करने की वजह से वे महिलाओं के बीच काफी फेमस एक्टर रहे, रेखा, हेमा मालिनी, जया प्रदा, रीना रॉय, और श्रीदेवी जैसी एक्ट्रेसिज के साथ बहिग स्क्रीन पर उनकी जोड़ी काफी सराही गई।
श्रीदेवी से खराब हो गये रिश्ते
ऑन स्क्रीन जीतेन्द्र की जोड़ी सबसे ज्यादा हिर रही श्रीदेवी के साथ रही। श्रीदेवी और जीतेन्द्र ने एकसाथ 30 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। कहा जाता है कि श्रीदेवी शुरुआत में जीतेन्द्र की बड़ी फैन थी, उन्हें पसंद करती थी। फिल्म हिम्मतवाला में जब जीतेन्द्र के अपोजिट श्रीदेवी को कास्ट किया गया तो ये खबर उनकी पत्नी शोभा तक पहुंची और दोनों के बीच काफी तनाव आ गया। इसके बाद जीतेन्द्र ने श्रीदेवी को घर बुलाकर अपनी पत्नी शोभा से मिलवाया लेकिन इस मुलाकत के बाद जीतेन्द्र और श्रीदेवी का रिश्ता खट्टा हो गया।
60 से 90, चार दशक तक फिल्मों में काम करने वाले जीतेन्द्र ने 250 से ज्यादा फिल्में कीं, और अपने जुदा डांसिंग स्टाइल से दर्शकों के दिलों पर राज किया। अपने डांसिंग स्टाइल और जुदा अंदाज की फिल्मों मे अभिनय के लिए जितेन्द्र आज भी अपनी अलग पहचान रखते हैं।