एक्टिंग, राइटिंग औऱ प्रोडक्टशन-डायरेक्शन जैसे तमाम कामों में माहिर फिल्म जगत की जानी पहचानी शख्सियत राकेश रोशन आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। पढ़िए उनके जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
फिल्मी पर्दे पर कभी नायक तो कभी खलनायक के किरदार निभाने वाले राकेशन रोशन अपनी बहुमुखी प्रतिभा की बदौलत फिल्म जगत में कामियाबी की मिसाल बने। 6 सितंबर 1949 को मुंबई में जन्मे राकेश रोशन, म्यूजिक डायरेक्टर रोशनलाल के बेटे हैं। राकेश रोशन के बड़े भाई राजेश रोशन भी म्यूजिक डायरेक्शन में फिल्म जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं, और राकेश रोशन के बेटे रितिक रोशन तो हैं ही बॉलीवुड के हिट स्टार्स में शामिल।
राकेश रोशन की सफलता की वजह रही, हर काम में हाथ आजमाना, एक्टिंग से शुरुआत की, कहानियां लिखीं, निर्देशन किया, निर्माता भी हैं, और कभी कभी तो सारे काम खुद कर बिग स्क्रीन के महारथी रहे हैं। राकेश रोशन ने बतौर अभिनेता अपने करियर की शुरुआत की साल 1970 में, फिल्म थी ‘कहानी घर घर की’, इस फिल्म में उनके अभिनय को लोगों ने खूब सराहा और इसके बाद वो ‘पराया धन’, ‘जख्मी’, ‘खानदान’, ‘हमारी बहू अल्का’, ‘महागुरू’ जैसी फिल्मों में नजर आए। 70 के दशक से लेकर 80 के दशक तक उन्होंने 80 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग की है और पर्दे पर पॉजिटिव-निगेटिव दोनों तरह के किरदार निभाए, दर्शकों ने भी दोनों ही रोल्स में काफी पसंद किया।
एक्टिंग में एक दशक तक बिग स्क्रीन पर अपने अभिनय के हुनर का दमखम दिखाने के बाद राकेश रोशन ने 1980 में अपना प्रोडक्शन हाउस फिल्मक्राफ्ट खोला, जिसके बैनर तले बनाई फिल्म आप की दीवानी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी। इसके बाद फिल्म कामचोर बनाई जो कि सफल साबित हुई। फिर ‘शुभ कामना’, ‘भगवान दादी’, ‘बहू रानी’, ‘मक्कार’, ‘एक और सिकंदर’ जैसी फिल्मों में भी राकेश रोशन ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
एक्टर, निर्माता की पारी के बाद उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा और 1987 में उनके निर्देशन में बनी फिल्म ‘खुदगर्ज’ पर्दे पर उतरी। फिर उन्होंने ‘खून भरी मांग’, ‘किशन-कन्हैया’, ‘करण अर्जुन’ और ‘कोयला’ बनाई। इन तमाम फिल्मों में ‘क’ फैक्टर दिखाई दिया। डायरेक्शन के दौरान राकेश रोशन ने अपना ध्यान एक्टिंग से एकदम हटाकर सिर्फ निर्देशन पर केन्द्रित किया, हां कुछ एक फिल्मो में वो कैमियो रेल में नजर आए।
फिर आया बेटे को स्टार बनाने का दौर, जब राकेश रोशन ने फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के जरिए साल 2000 में अपने बेटे रितिक रोशन को बिग स्क्रीन पर उतारा। ये फिल्म इतनी सफल हुई कि रितिक रातों रात स्टार बन गए। ये फिल्म साल 2000 की सबसे ज्य़ादा कमाई करने वाली फिल्म बनी और सबसे ज्यादा अवॉर्ड्स जीतने के लिए ये फिल्म लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई। फिर तो ‘क’ नाम से शुरु होने वाली फिल्मों के सिलसिले ने खूब जोर पकड़ा और ‘कोई मिल गया’, ‘कृष’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफलता की कहानियां लिखती गईं। कोई मिल गया फिल्म ने फिल्मफेयर का बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड हासिल किया, इस फिल्म के सीक्वल्स ने लोगों को खूब लुभाया और रितिक के चाहने वालों की गिनती भी बढ़ाई। इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के परचम भी लहराए, दर्शकों का दिल भी जीते और अवॉर्ड्स भी। इसके बाद ‘क्रेजी’, ‘काइट्स’, ‘काबिल’ जैसी फिल्में बनाई।
राकेश रोशन बतौर डायरेक्टर अपनी हर फिल्म का नाम क से रखने के लिए पहचाने जाते हैं। बताया जाता है कि राकेश ऐसा न्यूमरोलॉजी को ध्यान में रखकर करते हैं, क्योंकि वो ‘क’ अक्षर को लकी मानते हैं, जाहिर है आगे भी उनकी फिल्मों के नामों की शुरुआत ‘क’ से ही होगी।
अपनी बहुमुखी प्रतिभाओं के चलते काबियाबी हासिल करने वाले राकेश रोशन को साल 2003 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में मुख्यधारा के सिनेमा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया, वहीं साल 2006 में उन्हें फिल्म जगत में अपने 3 दशक से ज्यादा के
योगदान के लिए ग्लोबल इंडियन फिल्म अवार्ड्स (GIFA) में भी सम्मानित किया गया। राकेश रोशन साल 2018 में कैंसर को मात दे चुके हैं। उन्हें जीभ का कैंसर हुआ था और ऐसा कहा गया था कि उनकी जीभ काटनी पड़ सकती है, लेकिन उन्होंने इस बीमारी को मात देने में कामियाबी पाई। फिल्मी दुनिया के इस चमकते सितारे को नेशनल खबर की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, आप हमेशा हर काम में कामियाबी पाएं।