कोलकाता:
भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिनों के बंगाल दौरे के पहले दिन गुरुवार को बांकुड़ा में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर फूल अर्पित किये। आदिवासी बहुल बाकुड़ा में प्रतिमा पर फूल चढ़ाने के मामले को लेकर विवाद शुरू हो गया। दरअसल. केंद्रीय मंत्री जिस मूर्ति पर फूल माला चढ़ाने जा रहे थे, वह बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी। दरअसल वह एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी। विवाद की शुरुआत टीएमसी (TMC) के एक ट्वीट से हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि वह मूर्ति बिरसा मुंडा की नहीं थी, बल्कि एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी।
गलत मूर्ति की भनक लगते ही भाजपा के नेताओं ने आनन-फानन में बिरसा मुंडा की तस्वीर मंगवा कर मूर्ति के नीचे पैरों के पास रखकर उसे फूल माला पहनाई। अमित शाह ने एक ट्वीट कर लिखा, “आज पश्चिम बंगाल के बांकुरा में प्रसिद्ध आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा जी को पुष्पांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा जी का जीवन हमारे आदिवासी बहनों और भाइयों के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित था। उनका साहस, संघर्ष और बलिदान हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे।”
आजादी की लड़ाई में एक नायक बने बिरसा मुंडा की 25 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी।
Paid floral tributes to legendary tribal leader Bhagwan Birsa Munda ji in Bankura, West Bengal today.
Birsa Munda ji’s life was dedicated towards the rights and upliftment of our tribal sisters & brothers. His courage, struggles and sacrifices continue to inspire all of us. pic.twitter.com/1PYgKiyDuY
— Amit Shah (@AmitShah) November 5, 2020
कई आदिवासी संगठन इसे बिरसा मुंडा का अपमान बता रहे हैं। बांकुड़ा में तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव कर उसका शुद्धीकरण किया। तृणमूल नेताओं का कहना है कि शाह द्वारा माल्यार्पण किए जाने से भगवान बिरसा की मूर्ति अपवित्र हो गई थी, इसीलिए उन लोगों ने इसका शुद्धीकरण किया है। टीएमसी ने शाह को बाहरी करार देते हुए ट्वीट किया है, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल की संस्कृति से इतने अनभिज्ञ हैं कि उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को एक गलत मूर्ति की माला पहनाकर अपमानित किया और उनकी तस्वीर को किसी और के पैर में रख दिया। क्या वह कभी बंगाल का सम्मान करेंगे?”