यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri violence) में किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए संघर्ष के बाद प्रदेश में तनाव और सियासत तेज हो गई है। लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। मृतकों में चार किसान हैं। किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्र टेनी के खिलाफ लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार को हुई हिंसा को लेकर केस दर्ज कराया है। किसान नेताओं का आरोप है कि मंत्री के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी और 4 किसानों के अन्य अलावा काफिले में शामिल चार अन्य लोग भी मारे गए।
आइए जानते हैं कौन हैं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ जिनका रसूख, पिता के राजनीतिक कद के साथ बढ़ता चला गया।
आशीष मिश्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के छोटे पुत्र हैं। पिता की तरह उनकी राजनीति में गहरी दिलचस्पी बचपन से ही है। आशीष मिश्र ने पिता छत्रछाया में ही राजनीति के गुर सीखे। वो परिवार का बिजनेस जैसे की राइस मिल, पेट्रोल पंप भी संभालते हैं। बता दें कि जब अजय मिश्र टेनी 2012 भाजपा के टिकट से निघासन विधानसभा सीट से चुना लड़ रहे थे तो चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी आशीष मिश्र ने ही संभाली थी। जिला पंचायत सदस्य से राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय मिश्र के सिर जीत का सेहरा बंधा था। अजय मिश्र के विधायक बनने पर आशीष मिश्र राजनीति में और भी एक्टिव हो गये।
अजय मिश्र भाजपा के धुंआधार नेता के तौर पर आगे बढ़े और फिर आई लोकसभा चुनाव की बारी। भाजपा ने उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव का टिकट लखीमपुर से दिया। अजय मिश्र की उम्मीदें भी उफान मार रही थी। वो एक बार फिर चुनाव जीत गए। इस बार भी बेटे ने पिता को संसद तक पहुंचाने के लिए जी तोड़ मेहनत की। इधर पिता तरक्की कर रहे थे तो चुनावी दंगल में भागेदारी निभा कर आशीष मिश्र भी सियासी समझ को तेज कर रहे थे। अब आशीष भी राजनीति के मैदान में पुरजोर तरीके से अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे। 2017 विधानसभा चुनावों में अजय मिश्र ने बेटे के लिए टिकट भी मांगा, लेकिन बात कुछ बन नहीं पाई। इससे आशीष की सियासी महत्त्वकांक्षा को धक्का तो लगा लेकिन वो अपने पिता के लिए मेहनत करते रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में पिता अजय मिश्र टेनी फिर मैदान में उतरे। जीत एक बार फिर उनके हिस्से आई। जुलाई में हुए केंद्रीयय मंत्रीमंडल के विस्तार में उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया गया। भाजपा का यह फैसला उत्तर प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर था क्योंकि भाजपा को सेंट्रल यूपी में ब्राह्मण चेहरे की दरकार थी। तब यह भी बात सामने आई थी कि अजय मिश्र के केंद्रीय मंत्री बनने से 2022 विधानसभा चुनाव में बेटे आशीष को निघासन विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मिल सकता है।