1- ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है लेकिन सरकार ने इसे लेकर आश्वस्त करते हुए कहा है कि वायरस के नए रूप को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये तेजी से फैलता जरूर है लेकिन इससे मरीज गंभीर रूप से बीमार, अस्पताल में मरीजों की ज्यादा संख्या या मौते होने का कोई संकेत नहीं मिला है। नीति आयोग के सदस्य और वैक्सीन पर गठित टास्क फोर्स के सह प्रमुख डॉ. वीके पॉल के मुताबिक वायरस के नए रूप का वैक्सीन की कारगरता पर कोई असर नहीं होगा। इसी बीच एक अच्छी खबर ये है कि कोरोना वैक्सीन की पहली खेप 28 दिसंबर को दिल्ली आ जाएगी, जिसके बाद जल्द ही देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरु हो जाएगा।
2- बोर्ड के एग्जाम्स को लेकर अभी तक तारीख तय नहीं हुई हैं, जिसके बाद ये तय है कि जनवरी फरवरी में तो परीक्षाएं शुरु नहीं होंगी। मंगलवार को देशभर के शिक्षकों के साथ ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कहा है कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द नहीं होगीं लेकिन फरवरी के बाद कराई जा सकती हैँ। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है इस विषय सरकार अभी फैसला करेगी। देश के शिक्षकों से इस ऑनलाइन संवाद में शिक्षा मंत्री ने कई शिक्षकों के सवाल भी लिए और ऑनलाइन क्लासेस व बोर्ड एग्जाम्स लेकर शिक्षकों की शंकाओं का समाधान भी किया।
3- आज राष्ट्रीय किसान दिवस के मौके पर किसानों में हर साल के जैसा उत्साह नजर नहीं आ रहा, वहीं दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि कोई किसान आज दोपहर का खाना नहीं खाएगा और सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजे गए खुले निमंत्रण पत्र का जवाब आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित में देने का फैसला लिया गया है। इस विषय पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े देश के अन्य किसान संगठन बुधवार को निर्णायक बैठक में अंतिम मंत्रणा कर आज सरकार को अपना जवाब भेज सकतै हैं। दरअसल किसानों का कहना के कि सरकार की ओर से भेजे गए इश पत्र में कोई नई बात नया प्रस्ताव नहीं है, किसानों से कौन वार्ता करेगा और किसानों की मांगों पर कौन फैसला लेगा ये भी साफ नहीं है ऐसे में किसान संगठन लिखित सवालों के साथ अपने जवाब सरकार को भेज कर फिर सरकार के ही पाले में गेंद डालने की रणनीति बना रहे हैं।
4- कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच फिलहाल सुलह होती नजर नहीं आ रही है, लेकिन इस बीच किसानों का आंदोलन जोर पकड़ने लगा है, देश के अन्य राज्यों से भी किसान अब दिल्ली कूच कर रहे हैं। सरकार अपने स्तर पर किसानों से सुलह की कोशिशें कर रही है दूसरी तरफ कानूनों की वापसी की किसानों की आवाज को समर्थन दे रही कांग्रेस पार्टी भी कानूनों को वापस कराने के लिए अपने स्तर पर प्रयासरत है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने जानकारी देते हुए कहा है कि 24 दिसंबर को कांग्रेस के पू्र्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृ्त्व में पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। इस मुलाकात में सभी कांग्रेस नेता राष्ट्रपति से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे और इस बाबत करीब 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर भी राष्ट्रपति को सौंपेंगे।
5- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए चार दिवसीय इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टीवल 2020 के छठे संस्करण का उद्घाटन किया। भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी यदि सब तक न पहुंचे, तो ये अधूरे हैं। सरकार किसी भी चुनौती से निपटने और रिसर्च के माहौल को सुधारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत वैज्ञानिक शिक्षा के लिए सबसे विश्वसनीय केन्द्र के रूप में तैयार हो इसके लिए भारत सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि देश में जल का अभाव, प्रदूषण, मिट्टी की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा जैसी कई चुनौतियां हैं और इन सभी का समाधान विज्ञान के पास है। विज्ञान में जो कुछ नया हासिल किया जा रहा है इसका लाभ हमें वाणिज्य में, व्यापार-कारोबार में भी होगा।