1- नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को एक महीना बीत चुका है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है, लेकिन इस बीच कई किसानों की ठंड व तबीयत खराब होने के चलते मौत हो चुकी है वहीं अब तक तीन लोगों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में आत्महत्या भी की है। 16 दिंसबर को संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारी थी और 20 दिसंबर को बठिंडा के गुरलाभ सिंह ने जहर खाकर अपनी जान दी वहीं आंदोलन के समर्थन में तीसरी आत्महत्या रविवार को एक वकील ने की। पंजाब के फाजिल्का जिसे के वकील अमरजीत सिंह ने रविवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन स्थल से थोड़ी दूरी पर जहर खाकर खुदकुशी की। अमरजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वो कृषि कानूनों के खिलाफ, किसान आंदोलन के समर्थन में जान दे रहे हैं, प्रधानमंत्री के नाम लिखे इस सुसाइड नोट में अमरजीत ने लिखा है कि प्रधानमंत्री कुछ लोगों के ही बनकर रह गए। तीनों कृषि बिल किसान, मजदूर और आम आदमी का जीवन तबाह कर देंगे। किसानों, मजदूर और आम आदमी की रोजी-रोटी मत छीनो। इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के दौरान ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- जैसे PM ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान कृषि कानूनों को भगाने के लिए थाली बजा रहें हैं। कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर 29 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच बातचीत होनी है, यदि इस बातचीतमें कोई हल नहीं निकलता तो किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की रणनीति पहले से बना ली है। इस बीच ट्विटर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है।
2- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कोरोना महामारी के चलते ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और फिटनेस प्रमाणपत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की वैधता एक बार फिर बढ़ा दी है, चौथी बार बढ़ाई गई ये वैधता अब 31 मार्च, 2021 तक कर दी गई है। इससे पहले सरकार ने अगस्त में ये अवधि 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाई थी लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर अहतियात बरतते हुए एक बार फिर इन सभी दस्तावेजों की वैधता अवधि 31 मार्च तक के लिए बढ़ाई गई है और सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में इसे तत्काल लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।
3- नितीश कुमार ने अहम फैसला लेते हुए अपने विश्वस्नीय रामचन्द्र प्रसाद सिंह यानि आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रय अध्यक्ष बनाया है। अरुणाचल में पार्टी के 6 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद रविवार को पटना में JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, साथ ही उन्होंने दो टूक शब्दों में सीएम पद से मोह न होने की बाद साफ करते हुए ये भी कह दिया कि मुझे अब सीएम नहीं रहना। एनडीए गठबंधन जिसे चाहे सीएम बना दें। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया जो सर्वसम्मति से मंजूर हुआ। नितीश के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये उनकी पारी समाप्ति की घोषणा है। इधर JDU के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद आरसीपी सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान अरुणाचल की घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम साजिश नहीं रचते, ना ही धोखा देते हैं, लेकिन हमारे संस्कार को हमारी कमजोरी न समझें।
4- कोरोना वैक्सीन का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है, टीकाकरण को लेकर युद्ध स्तर पर सरकार की तरफ से तैयारियां की जा रही हैं जिसके तहत आज और कल, 28-29 दिसंबर को देश के चार राज्यों पंजाब, असम, आंध्रप्रदेश और गुजरात में कोरोना वैक्सीन का ड्राइ रन किया जाएगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस पूर्वाभ्यास प्रक्रिया से कोविड-19 टीके को जुटाने और टीकाकरण की जांच प्रक्रिया, क्षेत्र में को-विन के उपयोग, नियोजन, क्रियान्वयन, रिपोर्टिंग के बीच तालमेल, चुनौतियों की पहचान और वास्तविक क्रियान्वयन के बारे मे मार्गदर्शन होगा, ताकि यदि किसी सुधार की जरूरत हो तो उसे टीका करण की प्रक्रिया शुरु होने से पहले पूरा किया जा सके। मंत्रालय ने कहा है कि हर राज्य, दो जिलों में ये ड्राइ रन कराएगा, खासकर पांच अलग-अलग टीकाकरण केंद्रों में, जैसे जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी केंद्र, निजी अस्पताल और ग्रामीण पहुंच केंद्र आदि।
5- उत्तरप्रदेश की सड़कों पर जातिसूचक स्टीकर लगाकर दौड़ने वाले वाहनों पर अब परिवहन विभाग शिकंजा कसेगा। दो पहिया और 4 पहिया वाहनों पर जातिसूचक शब्दों के स्टीकर लगाकर घूमने वालों पर कार्रवाई करते हुए परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को सीज करने के साथ उनके चालान भी काट रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के एक सोशल वर्कर और शिक्षक, हर्बल प्रभुन ने उत्तर प्रदेश की सकड़ों पर चलने वाले वाहनों पर लगे हुए जातिवादी स्टीकर्स को लेकर पीएमओ को पत्र भेजकर शिकायत दर्ज की थी औऱ इन जातिवादी वाहनों से समाज को होने वाले खतरों से अवगत कराया था, जिसके बाद पीएमओ के निर्देश पर परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को जब्त करने या धारा 177 के तहत चालान के आदेश दिए हैं।