स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
हर साल 12 अगस्त को International youth day यानि अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को मनाने का क्या उद्देश्य है, और इस मनाने की शुरुआत कब से हुई, जानिए इस दिन से जुड़ी जरूरी बातें।
हर देश का युवा ही उस देश के स्वर्णिम भविष्य के सपनों को सच करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अपने देश और समाज को सही दिशा व मार्गदर्शन देने में युवाओं की भागीदारी ही सर्वोच्च होती है, एक सबल-सक्षम-समृद्ध राष्ट्र निर्माण में युवाओं की इसी भागीदारी को ध्यान में
रखते हुए युवाओं के नाम एक दिन रखा गया है 12 अगस्त।
युवा पीढ़ी की आवाज, उनके द्वारा किए गए कामों और युवाओं की सार्थक पहल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 12 अगस्त की तारीख को हर साल अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का मुख्य उद्देश्य है दुनियाभर के युवाओं को उनकी काबिलियत के मुताबिक शिक्षा व रोजगार मिले, ताकि देश के विकास में हर युवा की भागीदारी सुनिश्चित हो, क्योंकि युवा पीढ़ी का विकास ही देश के विकास की राह बनाता है और अपने देश के लिए ये दिन, दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा खास इसलिए हो जाता है क्योंकि भारत में युवाओं का औसत विश्व में सबसे ज्यादा है।
खैर… विषय पर लौटतें हैं…. इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई साल 2000 में, जब पहली बार International youth day मनाया गया। वैसे इस दिन को मनाने का सुझाव विश्व सम्मेलन द्वारा 1998 में दिया गया था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को 12 अगस्त की तारीख को युवा दिवस के रूप में बनाने का फैसला लिया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया था औऱ वैश्विक स्तर पर य़ुवा दिवस मनाया जाने लगा साल 2000 से।
बीते दो दशक से हर साल ये दिन एक खास विषय के साथ दुनियाभर में मनाया जाता है, विषय के मुताबित ही विश्वभर में युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों जैसे परेड, म्यूजिक कॉन्सर्ट, प्रदर्शनियों आदि का आयोजन किया जाता है, साथ ही विभिन्न संचार माध्यमों के जरिए दुनियाभर के युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम भी किए जाते हैं औऱ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा होती है। युवाओं को उनके कार्यों के लिए प्रोत्साहित और सम्मानित भी किया जाता है ताकि वो अपने कौशल से राष्ट्र हित में और बेहतर काम करने को उत्साहित हों और उनको देखने वाले भी उनसे प्रेरित होकर समाज को अपना योगदान दे सकें।
इस साल यानि 2021 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम है ट्रांसफ़ॉर्मिंग फ़ूड सिस्टम्स- यूथ इनोवेशन फ़ॉर ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ। इस विषय का उद्देश्य ये समझाना है कि ऐसे वैश्विक प्रयास, युवाओं की सार्थक भागीदारी के बिना सफलता हासिल नहीं कर सकते। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत के लिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला हिन्दुस्तान युवाओं का देश है, जहां यदि युवायों की योग्यता का सही इस्तेमाल हो तो भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयां हासिल कर सकती है, लेकिन बेरोजगारी से
जूझ रही या पीढ़ी भला इस भयंकर समस्या के साथ कैसे देश को विकास की राह पर ले जाए। इसलिए जरूरी है कि देश में युवाओं की काबिलिय़त के साथ साथ उनकी ऐसी विकराल समस्याओं के भी समाधान हों, ताकि युवा शक्ति-काबिलियत का गलत इस्तेमाल न हो। रोटी की भूख युवाओं को गलत राह पर न ले जाएं, देश को विकास की राह देने वाला युवा खुद किसी गलत रहा का मुसाफिर न हो, इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को युवाओं की स्थिति पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। खैर… ये एक बड़ा विषय है जिस पर वाकई गंभीर रूप से काम और विचार की दरकार है। कम-स-कम भारत के लिए तो युवा दिवस मनाना तभी सार्थक होगा जब युवाओं की ऐसी समस्याओं
का अंत होगा।