उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते रविवार हुई हिंसा के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने योगी सरकार के प्रयासों पर उंगली उठाई है। प्रदेश सरकार की कोशिशों पर अपनी असंतुष्टि जाहिर करते हुए अदालत ने पूरे मामले को किसी और एजेंसी को सौंपने की बात कही। राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर हम लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं। इसपर साल्वे ने कहा कि, मैं समझ रहा हूं कि जजों के मन में क्या है, कल तक सारी कमियां दूर कर ली जाएंगी। CJI ने कहा कि जिन अधिकारियों कोइस मामले की जांच में लगाया गया है, सभी वहीं के लोकल फील्ड अधिकारी हैं। यही दिक्कत है। क्या इस मामले में सीबीआई की सिफारिश की गई?
बता दें कि मामले के आरोपी आशीष मिश्रा की अबतक गिरफ्तारी नहीं हुई है। यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि मुख्य आरोपी को पेश होने का नोटिस भेजा गया है। दरअसल आज ही सुबह आशीष मिश्रा की क्रइम ब्रांच में पेशी होनी थी लेकिन वो हाजिर नहीं हुए। पुलिस ने उन्हें समन जारी कर आज 10 बजे पेश होने को कहा था। इस सिलसिले में पुलिस ने कल केंद्रीय मंत्री के घर के बाहर नोटिस भी चस्पा किया था। इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने आज नया नोटिस जारी किया है। सूत्र बता रहे हैं कि आशीष नेपाल फरार हो गये हैं। साल्वे ने कोर्ट में कहा कि मुख्य आरोपी को कल सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है। समय के अंदर पेश ना होने की स्थिति में कानून अपना काम करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान:
लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी की अबतक नहीं हुई गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को योगी सरकार को फटकार लगाया था। कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि, यह बेंच की एक राय है, अगर आरोपी कोई आम आदमी हो तो क्या उसके साथ भी यही रवैया होता?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की कोशिशों पर सवालिया निशान लगाते हुएकहा कि, यह आठ लोगों की नृशंस हत्या का मामला है और इसमें कानून को सभी आरोपियों के खिलाफ अपना काम करना चाहिए। बता दें कि न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक वैकल्पिक एजेंसी के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है जो इस मामले की जांच कर सकती है। कोर्ट ने इस मामले में तेज़ कार्रवाई करने का आदेश दिया और कहा कि काम ना करने वाले अधिकारियों की छुट्टी की जाए।