स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती
चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की
इसी सोच के साथ आज की युवा पीढ़ी भी कॉर्पोरेट सेक्टर की बड़ी बड़ी नौकरियों को छोड़कर स्वरोजगार खेती की राह पर है। कई ऐसे पढ़े लिखे युवा हैं जो अच्छी पढ़ाई और डिग्रियां हासिल करने के बाद खेती कर रहे हैं और दूसरे युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं, पढ़िए ऐसे ही एक पढ़े-लिखे युवा किसान की कहानी, जो इनवेस्टमेंट बैंकर की नौकरी को छोड़कर खेती कर रहे हैं और अपनी सफलता से इस बात को भी झुठला रहे हैं कि खेती घाटे का सौदा है।
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले नवदीप गोलेच्छा, कोई पुश्तैनी किसान नहीं हैं लेकिन आज खेती में इतने माहिर हैं कि पुश्तों से खेती करने वालों से ज्यादा लाभ महज कुछ साल की किसानी में कमा चुके हैं। नवदीप के पिता रीयल ऐस्टेट के कारोबार से हैं, बेटे को भी एक सफल बिजनेसमैन बनाना चाहते थे लेकिन नवदीप खूब पढ़लिख कर बने एक सफल किसान। नवदीप ने फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स में इंग्लैंड से एमएससी की, पढ़ाई में अच्छे थे तो कॉलेज टॉपर भी रहे और रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में ग्रेजुएट स्कीम के तहत नवदीप ने इन्वेस्टमेंट बैंकर की नौकरी पाई लेकिन मन किसी की चाकरी में लगा नहीं और नवदीप लाख रुपये महीने की नौकरी को छोड़कर भारत वापस आ गए।
नवदीप नौकरी नहीं अपना बिजनेस करना चाहते थे, तो घरवालों ने पापा के बिजनेस में शामिल होने का सुझाव दिया लेकिन नवदीप ने रीएलएस्टेट नहीं बल्कि रीयल बिजनेस यानि खेती में सफलता हासिल करने की ठानी और इसी व्यवसाय में अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल किया। वैसे वो लोग जो ये सोचते हैं कि खेती के लिए पढ़ाई लिखाई जरूरी नहीं, यहां एकदम गलत साबित होते हैं, क्योंकि यदि नवदीप को वो किताबी ज्ञान न होता जो है, तो शायद उनकी खेती में सफलता भी वैसी न होती जैसी आज है।
नवदीप ने खेती की शुरुआत करने से पहले इससे संबंधित तमाम जानकारियां जुटाईं, खेत की मिट्टी से लेकर, बीज, खाद, पानी, रखरखाव, उत्पाद और उसके बाजार में बिकने तक की हर जानकारी हासिल की। इस दौरान ये भी जाना समझा कि किस फसल की खेती में उन्हें कितनी लागत के बाद कितना मुनाफा होगा और तब सबकुछ जानने समझने के बाद नवदीप ने खेती शुरु की। उनके पास जमीन पहले से थी लेकिन उस जमीन का सही इस्तेमाल तब था जब उसपर उसी के अनुरुप फसल की खेती हो, तो नवदीप ने वैसा ही किया, भूमि और जलवायु के अनुकूल फलों की खेती को चुना और फलों में भी खेती के लिए चुना अनार।
नवदीप आर्थिक तौर पर एक संपन्न परिवार से हैं जाहिर हैं उन्हें खेती की शुरुआत में धन संबंधी वैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ा जो एक गरीब या साधारण परिवार के युवा को झेलनी पड़ती हैं, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि धन होने के बाद भी धन का सही इस्तेमाल और जमीन पर उसी के अनुरूप फसल का चयन भी एक सद्बुद्धि किसान का गुण है, जो नवदीप में था और उनके इसी सही फैसले ने उन्हें सफलता भी दिलाई। खेती जैसे व्यवसाय से कामियाबी की दासतां लिखने वाले नवदीप की कहानी इस बात की मिसाल है कि पैसे से पैसा कमाने के लिए मेहनत और हुनर दोनों की जरूरत है, और आज की युवा पीढ़ी हुनर के मामले में धनी है तो जाहिर है घाटे के व्यवसाय को मुनाफे से भरपूर बनाने में युवा पीढ़ी की भागीदारी काफी सर्थ सिद्ध हो सकती है।
ये नवदीप का हुनर और किताबी ज्ञान से मिली समझ का ही फल था कि ऐसा क्षेत्र, ऐसा मौसम जहां किसान के लिए एक फसल निकालना मुश्लिक पड़ता है वहां उन्होंने अनार, पपीते जैसे फलों के साथ साथ कागजी नींबू की मुनाफेमंद खेती की शुरुआत की, इतना ही बाजार के लिए भटके नहीं बल्कि फसल तैयार होने से पहले बाजार मुनासिब हुआ। नवदीप आज खेती की दुनिया का जाना पहचाना नाम हैं वे एक सफल किसान के साथ साथ सफल उद्यमी हैं जो इस स्वरोजगार से दूसरों के लिए भी रोजगार देने में सफल बने हैं। नवदीप आज नेचुरा फार्म के नाम से एक एग्रीटेक कंपनी चला रहे हैं जिसमें वे तमाम लोगों को रोजगार दिए हुए हैं।
बात हैं जहां तक खेती से कमाई की तो जोधपुर से 170 किलोमीटर दूर सिरोही में अपने 150 एकड़ के फार्म पर, 26 एकड़ में अनार, 8 एकड़ में नींबू, 3 एकड़ में कस्टर्ड एप्पल और 3 एकड़ में ड्रमस्टिक की खेती करते हैं साथ ही अपने फार्म पर इन्होंने 30 बॉक्स मधुमक्खी के भी रखे हैं। इस पूरी खेती से नवदीप सालाना डेढ़ करोड़ का मुनाफा जुटाते हैं, उन्हें अच्छा मुनाफा इसलिए भी होता है क्योंकि वो रासाय़निक की बजाए जैविक खेती को तवज्जो देते हैं, जिसकी डिमांड ज्यादा है और खेती में रसायनों का खर्च भी कम हो जाता है। महज आधे दशक यानि 5 साल के सफर में नवदीप आज खेती के जरिए सफलता की जिस बुलंदी पर हैं वो शायद उन्हें विदेश की वो इनवेस्टमेंट बैंकर वाली जॉब न दिला पाती, और दिला भी देती तो ये लोकप्रियता तो उन्हें शायद ही मिलती जो आज मिली है, खेती में अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल करने वाले नवदीप आज देश के सफल समृद्ध किसानों की लिस्ट में गिने जाते हैं। जो कई अवॉर्ड से भी सम्मानित किए जा चुके हैं, और नई पीढ़ी के लिए वो अपनी इस मेहनत से एक प्रेरणा बने हैं सो अलग।