भारत में अभी वेडिंग सीजन चल रहा है। शादी की तैयारियां जोर-शोर से की जाती है, कोई कोर-कसर न रह जाए हर कोई यही चाहता है। इसके लिए कई घरों में तो पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। लोग विदशों में वेडिंग डेस्टिनेशन तलाशते हैं। ….. ऐसे ही ट्रेंड को देखते हुए Made in India के बाद पीएम मोदी ने अब वेड इन इंडिया का नारा दिया है।
उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने युवाओं से ‘वेड इन इंडिया मूवमेंट’ को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। उन्होंने लोगों से विदेशों के बजाय भारत में ही शादी करने को कहा है, जिससे भारत का पैसा बाहर न जाए और लोकल बिजनेस को भी बढ़ावा मिले। पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के अमीर और संपन्न लोगों से कहना चाहता हूं कि जोड़ियां भगवान बनाते हैं। लोग भगवान के चरणों के बजाय विदेशों में शादी करते हैं। ऐसा करने से बचें और उत्तराखंड जैसी देव भूमि में आकर डेस्टिनेशन वेडिंग करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने का भी मंत्र देते हुए अमीरों, संपन्न लोगों व युवाओं से अपील की कि वे अगले पांच वर्षों में वे उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उत्तराखंड में एक साल में पांच हजार शादियां भी होती हैं तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार होगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा साथ ही आजीविका के नए अवसर भी मिलेंगे।
देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि सरकार इस मध्य हिमालयी राज्य में तीर्थाटन व पर्यटन पर विशेष जोर दे रही है और इसी क्रम में सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं।
उत्तराखंड की धार्मिक मान्यताएं न सिर्फ भगवान के दर्शन के लिए बल्कि सात फेरे लेने के लिए भी विख्यात है। यहां पर ही वो स्थान है जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे। उत्तराखंड में त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में पहले से ही विद्यमान है।