स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
परवीन बॉबी, बॉलीवुड की एक ऐसी सफल अभिनेत्री, जिसकी मौत ने सभी को हिला कर रख दिया। अपनी कामियाबी के दिनों में जितनी चमकी, बीमारी के दिनों में इतनी गुमनाम हुईं कि उनके मरने की खबर लोगों को दो दिन बाद मिली। एक ऐसी अभिनेत्री जिसकी जिन्दगी, स्टारडम, बिमारी, और फिर दुखद अंत, ये सब अपने आप में किसी फिल्मी स्टोरी या रहस्यों की भांति रहा। 4 अप्रैल 1954 को गुजरात के जूनागढ़ में एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुई परवीन बॉबी अपने माता- पिता की अकेली संतान थी। परवीन ने 1972 में मॉडलिंग की शुरुआत की और 1973 में उन्हें पहली फिल्म करने का मौका मिला।
पहली ही फिल्म से छा गईं
परवीन बॉबी की फिल्मों में आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। अपने कॉलेज के दिनों में परवीन, मिनी स्कर्ट पहनकर सिगरेट पी रही थीं तभी फिल्म जगत के मशहूर फिल्ममेकर बीआर इशारा की नजर परवीन बॉबी पर पड़ी, और उन्होंने पहली नजर में ही परवीन को अपनी फिल्म की हिरोइन बनाने का फैसला लिया। उन्हीं दिनों फिल्मों में डेब्यू कर रहे थे सलीम दुर्रानी, और परवीर को पहली फिल्म सलीम दुर्रानी के साथ करने का मौका मिला, फिल्म थी ‘चरित्र’। ये फिल्म तो सफल नहीं हुई लेकिन परवीन बॉबी लोगों के दिलों पर छा गईं। अपनी अदाओं और बोल्ड अंदाज से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया। परवीन ने पहली सुपरहिट फिल्म ‘मजबूर’, अमिताभ बच्चन के साथ की, इसके बाद उन्होंने बिग बी के साथ ‘दीवार’, ‘नमक हलाल’, ‘अमर अकबर एन्थोनी’ और ‘शान’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।
आइने पर लिखा था ‘मैं बहुत हसीन हूं’
परवीन बॉबी को लेकर एक और बात बताई जाती है कि वे हमेशा अपने साथ एक छोटा सा आइना रखती थीं, जिसे वो हमेशा देखा करती थीं, इस शीशे को लेकर उनका कहना था कि उसपर लिखा था, ‘मैं बहुत हसीन हूं’। उस शीशे को वो हमेशा साथ रखती थीं। ये परवनी बॉबी की बोल्ड अदाओं और ग्लैमरस अंदाज ही था जो साल 1976 में टाइम्स मैगजीन ने उन्हें अपने कवर पेज पर जगह दी। ये वो दौर था जब किसी हिरोइन को टाइम्स के कवर पर नहीं देखा गया था। परवीन बॉबी, सिने जगत में 70 के दशक की एक ऐसी अभिनेत्री रही जिन्होंने ग्लैमर की परिभाषा ही बदल दी। परवीर उस दौर की सफल अदाकाराओं में सबसे महंगी एक्ट्रेस की लिस्ट में टॉप पर थीं, लेकिन चकाचौंध भरी जिंदगी में परवीन जितनी ग्लैमरस नजर आती थीं, निजी जीवन में उतना की फीकापन था।
‘सिजोफ्रेनिया’ के नाम पर महेश भट्ट ने रिश्ता तोड़ा
करियर के शुरुआती दौर में उन्हें डैनी से मोहब्बत हुई, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला, फिर उनका नाम कबीर बेदी के साथ भी जुड़ा लेकिन परवीन और कबीर की दोस्ती भी बहुत दिनों न चल सकी। इसके बाद परवीन की जिंदगी में महेश भट्ट की एंट्री हुई, जो पहले से शादीशुदा थे। परवीन का करियर उस वक्त बुलंदियों पर था, जब दोनों में बेशुमार इश्क हुआ तो साल 1977 में महेश भट्ट अपनी पत्नी को छोड़कर परवीन के साथ लिवइन में रहने लगे। दो साल लिवइन में रहने के बाद एक दिन महेश भट्ट को मालूम हुआ कि परवीन, सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी का शिकार हैं।
एक दिन जब महेश घर वापस आए तो उन्होनें देखा कि परवीन फिल्म के कॉस्ट्यूम पहने, हाथ में चाकू लिए, एक कोने में बैठी हैं, जब परवीन ने महेश को देखा तो उन्हें चुप रहने का इशारा किया और कहा कि बात मत करो, कमरे में कोई है और मुझे मारने की कोशिश कर रहा है। और आपको जानकर हैरानी होगी कि परवीन ने किसका नाम लिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन का नाम लिया, इतना ही नहीं उन्होंने अमिताभ बच्च के खिलाफ पुलिस कंप्लेट तक की, कोर्ट केस किया, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो परवीन के आरोप को साबित कर सके। परवीन अक्सर ऐसी हरकतें करती थीं, कि कोई उन्हें मारना चाहता था। वो अक्सर डरी-डरी रहती थीं और डॉक्टर को दिखाने पर परवीन की बीमारी का पता चला। डॉक्टर्स का कहना था कि परवीन को ठीक करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक्स देने होंगे लेकिन महेश ऐसा नहीं चाहते थे। धीरे-धीर परवीर की मानसिक समस्या बढ़ने लगीं और उन्हें मीडिया-पब्लिक की नजरों से दूर रखा जाने लगा। इस दौरान महेश भी विवादों में घिरे, जब कहा गया कि उन्होंने परवीन की कामियाबी का इस्तेमाल किया है और वो नहीं चाहते कि परवीन ठीक हों, खैर… फिर कुछ वक्त बाद परवीन फिल्म जगत से नाता तोड़ विदेश चलीं गईं और लौंटी तो खूबसूरती मोटापे में बदल चुकी थी, बीमारियां भी बढ़ गई थीं और तन्हाई भी।
डैनी, कबीर बेदी और महेश भट्ट जैसी फिल्मी हस्तियों के साथ परवीन के अफेयर के चर्चे खूब हुए लेकिन मोहब्बत किसी के साथ सफल नहीं हुई और परवीन की दुनिया से विदाई भी तन्हाई में ही हुई। हां, परवीन की मौत के बाद भी उनसे मोहब्बत निभाई महेश भट्ट ने। जब 22 जनवरी 2005 को परवीन की लाश उनके अपार्टमेंट में बेहद खराब हालत में मिली तो उनकी बॉडी को क्लेम करने वाला भी कोई नहीं था, ऐसे में महेश भट्ट ने उनकी बॉडी क्लेम की और अंतिम संस्कार कराया। परवीन जितनी बेहतरीन अदाकारा थीं उनका अंत उतना ही दुखद रहा, उनकी दुनिया से ऐसी विदाई अपने आप में एक दुख भरी लंबी कहानी सी है, जो उनकी तमाम कामियाबियों पर भारी पड़ी।