बिहार में एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में राज्य में 836 कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये हैं जिसके बाद एक्टिव केस का कुल संख्या बढ़कर 2942 हो गई है।
बता दें कि प्रदेश की राजधानी पटना में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना का इलाज करा रहे चार संक्रमितों की मौत हो गई। मृतकों में से तीन पीएमसीएच में जबकि एक एम्स में अपना इलाज करवा रहे थे। पीएमसीएच में पटना की पूनम देवी, छपरा की मीना देवी और गोपालगंज के मो. आलम की जबकि एम्स में बिहटा के अभय कुमार कोरोना से जंग हार गये।
पटना में अबतक के कुल संक्रमितों पर नजर डालें तो यह संख्या तकरीबन पचपन हज़ार (54782) है। करीब 53063 लोग स्वस्थ हो कर घर जा चुके हैं।
कंकड़बाग में तिवारी बेचर से सटे एक बड़े अपार्टमेंट में 13 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। साथ ही कंकड़बाग के पोस्टल पार्क और आरएमएस कॉलोनी में भी कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ते दिख रहे हैं।
शिक्षण संस्थान 11 अप्रैल तक बंद रहेंगे, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी
कोरोना के बढ़ते खतरे पर काबू पाने के लिए नीतीश सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों (स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर) को 11 अप्रैल तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है। आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) ने शनिवार को एक बैठक में यह निर्णय लिया ताकि कोरोना के मामलों को बढ़ने से थामा जा सके। बैठक में यह भी विचार किया गया कि संक्रमण के मामलों को देखते हुए 11 अप्रैल के बाद आगे के कदम पर निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना के शुरुआती दौर में, जब पूरा देश इस महामारी से जूझ रहा था, तब बीते वर्ष (2020) 13 मार्च को राज्य भर के शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया था। फिर करीब नौ महीने की बंदी के बाद चार जनवरी, 2021 को नौवीं से 12 वीं कक्षा और कॉलेजों को खोलने के आदेश दिये गये। लेकिन यह भी कहा गया कि 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल खोले जा सकेंगे। फिर जब कोरोना की गति धीमी हुई तो आठ फरवरी 2021 को कक्षा छह से आठ तक के लिए भी स्कूलों को खोल दिया गया। फिर आखिर में कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों को एक मार्च 2021 को खोलने के आदेश दिये गये थे।
शिक्षण संस्थानों को बंद करने के साथ ही बिहार सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि सार्वजनिक आयोजनों पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लगा दी जाये।