एक साल पहले आज ही के दिन (22 मार्च 2020) कोरोना वायरस के खिलाफ जंग की शुरुआत जनता कर्फ्यू के साथ भारत ने आधिकारिक रूप से की थी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतवासियों से कहा था कि अपने-अपने घरों में बंद होकर बीमारी को हराने की पहल में साथ दें। जनता कर्फ्यू के साथ इस बात का संदेश लोगों को दिया गया था कि घरों में बंद होकर (लॉकडाउन) के साथ कोरोना को काफी हद तक रोकना होगा। लोगों को मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने जैसी हिदायतें भी दी गई थीं।
जनता कर्फ्यू के साथ ही शुरु हुए जंग ने आगे लॉकडाउन का रूप लिया और फिर पूरा देश महीनों तक घरों में कैद रहा। बाजारों, दफ्तरों से लेकर स्कूल तक बंद रहे। देश की जनता को बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार रहा। लंबे समय के बाद भारत ने दो-दो वैक्सीन के माध्यम से दुनिया भर में अपनी पहचान स्थापित की लेकिन इस महामारी के खिलाफ जंग आज भी जारी है।
कोरोना के शुरुआती दौर से लेकर आज तक जबसे अधिक जूझने वाला राज्य रहा महाराष्ट्र्। महाराष्ट्र के अलावा, पंजाब और कर्नाटक में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं। लोगों की लापरवाही या फिर बीमारी को लेकर लोगों के अंदर आई शिथिलता के कारण बीमारी पर लगाम लगा पाना मुश्किल लग रहा है।
शादी-समारोह या फिर अन्य तरह के आयोजनों को लेकर मिली छूट के बाद लोगों ने सावधानी बरतना बंद कर दिया है।
दूसरी वजह है कि वैक्सीन आने के बाद से लोगों में लापरवाही आ गई है। इस साल 11 फरवरी के बाद देश में कोरोना के मामले रोज तेजी से बढ़ रहे हैं। 11 फरवरी को देशभर में केवल 9,353 केस दर्ज़ किए गये थे। लेकिन 20 मार्च को 43,815 मामले दर्ज हुए।