स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
कहानी 7वीं पास जॉनी लीवर के हंसी का बादशाह बनने की…
अपने गुदगुदाते अभिनय से सबको हंसाने वाले भारतीय सिनेमा के एक्टर जॉनी लीवर आज अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं। पढ़िए उनके मुश्किल सफर की शुरुआत से लेकर कामयाब मंजिल पाने तक की कुछ खास बातें।
किसी के चेहरे की हंसी को उदासी में बदलने के लिए हुनर की जरूरत नहीं, लेकिन एक उदास मन और परेशान दिमाग में हंसी की गुदगुदी छेड़ना बड़ी हुनरमंदी का काम है, और इस काम में निपुण हैं ज़ॉनी लीवर। जिन्होंने फिल्मी दुनिया में कॉमेडी को एक नया आयाम दिया और कॉमेडी का प्रतीक बने। आज बॉलीवुड में स्टेंडअप कॉमेडियन्स की बहार है, लेकिन अगर ये कहा जाए कि जॉनी लीवर बॉलीवुड के पहले स्टेंडअप कॉमेडियन हैं तो शायद ये कहना गलत नहीं होगा।
14 अगस्त 1957 को आन्ध्र प्रदेश में प्रकाशम जिले में क्रिश्चन परिवार में जन्मे जॉनी लीवर के पिता प्रकाश राव जनमूला हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में काम किया करते थे। कम ही लोग शायद ये जानते होंगे कि जॉनी लीवर का असली नाम जॉनी प्रकाश है। उन्हें ये नाम उनके दोस्तों से मिला,
जिनके साथ वे हिंदुस्तान यूनीलीवर में काम करते थे।
करियर के शुरुआती दौर में जॉनी लीवर मिमिकरी किया करते थेऔर देखते ही देखते वो एक हास्य कलाकार के रूप में लोकप्रिय हो गए, और दर्शकों के प्यार ने उन्हें कॉमेडी किंग बनाया। 1984 से अपनी अभिनय यात्रा की शुरुआत करने वाले जॉनी लीवर 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं, और अपनी हर फिल्म में उन्होंने ऐसी भूमिका निभाई है कि दर्शकों का दिल जीता है, आज उनके चाहने वालों की गिनती करोड़ों में है।
सबको अपने हंसोड़ अभिनय से गुदगुदाने वाले जॉनी लीवर का खुद का जीवन तमाम मुश्किलों से होकर गुजरा है। एक गरीब मध्यम वर्गीय परिवार पले बढ़े जॉनी लीवर दो भाई और तीन बहनों में सबसे बड़े थे, इसलिए जिम्मेदारियों के चलते अपनी शुरुआती पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके और सातवीं तक की पढ़ाई करके काम की तलाश में मुंबई आ गए, लेकिन मुंबई जैसे शहर में सिर्फ ख्वाब लेकर पैसे कमाना आसान नहीं। जॉनी लीवर ने भी अपने ख्वाबों को हकीकत में तब्दील करने के लिए हर मुश्किल सफर तय किया। उन्होंने फिल्मी गीतों पर लोगों को एंटरटेन करते हुए मुंबई में पेन बेचे। जॉनी एक अच्छे मिमिक्री आर्टिस्ट थे, जिसके लिए उस दौर में उन्हें 5 रुपये मिलते थे। उनके भीतर छिपी इस प्रतिभा को पहचाना राम कुमार और प्रताप जैन ने और जॉनी लीवर को स्टेज शो करने का मौका दिया। जॉनी लीवर का हुनर लोगों को लुभाने के कामयाब रहा, और साल 1982 में जॉनी लीवर को संगीतकार कल्यानजी-आनंदजी और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ स्टेज शेयर का गोल्डन चांस मिला।
एक स्टेज शो के दौरान ही सुनील दत्त साहब ने ज़ॉनी लीवर के हुनर को पहचाना और उन्हें फिल्म दर्द का रिश्ता में पहला ब्रेक दिया। बस इसके बाद उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा। फिल्मों में छोटे-मोटे रोल्स करने के साथ साथ जॉनी लीवर ने एक ऑडियो कैसेट कंपनी में भी काम किया, जो हंसी के हंगामे नामक कार्यक्रम बनाती थी। तमाम स्टेज शोज और फिल्मों में काम करने वाले जॉनी लीवर को काफी वक्त तक कोई ऐसी फिल्म नहीं मिली जो उनके हुनर को वास्तविक पहचान और वो कामयाबी दिला सके, जिसके वे हकदार थे, इसी बीच उन्होंने एक ऐसे प्रोग्राम में हिस्सा लिया जहां फिल्मी सितारों के साथ साथ फिल्म डायरेक्टर्स भी पहुंचे। इसी कार्यक्रम ने जॉनी लीवर की सफलता की इबारत लिखी और डायरेक्टर गुल आनंद ने उन्हें फिल्म जलवा में एक रोल ऑफर किया। इस फिल्म की कामियाबी ने उन्हें ऑफिशियल कॉमेडी एक्टर का खिताब दिलाया। फिर उनके पास लगातार बड़े ऑफर आने लगे। उन्होंने मुजरिम, काला बाजार, चालबाज, तेजाब, खिलाड़ी, आंसू बने अंगारे, कोयला, बाजीगर, अंजाम, करण अर्जुन, राजा हिंदुस्तानी, यस बॉस, अंटी नं 1, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, दुल्हे, राजा, कुछ कुछ होता है, कोई मिल गया, हम आपके दिल में रहते हैं, अनाड़ी, बादशाह जैसी सैकड़ों फिल्मों में अपनी एक्टिंग से गहरी छाप छोड़ी है। यूं तो
जॉनी लीवर की भूमिका हर फिल्म में हिट है, हां हंगामा, कुली नंबर 1, हाउसफुल 4 इनकी फेमस फिल्में हैं इसके अलावा उनकी पॉपुलर फिल्म जुदाई रही जिसमें उनका अब्बा, डब्बा, जब्बा काफी हिट हुआ। तेजाब, कसम, खतरनाक और किशन कन्हैया जैसी फिल्मों में मस्त किरदार निभाने वाले जॉनी लीवर को अब्बास-मस्तान के डायरेक्शन में बनी फिल्म बाजीगर में भी काफी पसंद किया गया, इसमें उन्होंने बाबूलाल का किरदार निभाया था। साल 2000 में तो जॉनी लीवर ने रिकॉर्ड 25 फिल्में दीं थीं। इनमें दुल्हन हम ले जाएंगे, हम तुमपे मरते हैं, हद कर दी आपने, कुंवारा, जानवर, मेला, बादल, हमारा दिल आपके पास है, फिजा, राजू चारा और जोरू का गुलाम जैसी हिट फिल्में शामिल हैं।
अपनी हर फिल्म में दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने की जिम्मेदारी जॉनी लीवर लगातार कई बरसों से निभाते आ रहे हैं। भले जॉनी लीवर आजकल पहले के मुकाबले फिल्मों में कम दिखते हैं लेकिन 1986 से लेकर आज तक कोई भी साल ऐसा नहीं रहा है जिसमें उनकी कोई फिल्म रिलीज ना हुई हो। वे आखिरी बार बिग स्क्रीन पर कूली नंबर वन में सारा अली खान और वरुण धवन के साथ नजर आए हैं।
ये उनके हुनर का ही दम है कि जॉनी लीवर अभी तक 13 फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उनकी बेटी जेमी लीवर भी कॉमेडी में अपने पिता से कम नहीं हैं। पिता की तरह वो भी काफी हुनरमंद हैं।