बल्लभगढ़ के निकिता तोमर मर्डर मामले (Nikita Tomar Murder Case) में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आ गया है। न्यायाधीश सतराज बासवाना की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार दिया है, जबकि इस मामले में तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अजरुद्दीन पर हथियार उपलब्ध कराने का आरोप था। इस बहुचर्चित मामले पर 26 मार्च को कोर्ट सजा सुनाएगी।
बता दें कि बीते साल 26 अक्टूबर को निकिता तोमर की तौसीफ ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हुई है। तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पीड़ित पक्ष के वकील एदल सिंह रावत ने यह जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार 26 अक्टूबर 2020 को मिल्क प्लांट रोड पर अग्रवाल कॉलेज से परीक्षा देकर घर लौट रही बी.कॉम फाइनल ईयर की छात्रा निकिता तोमर (20 वर्षीय) की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को कार सवार दो बदमाशों ने दिनदहाड़े अंजाम दिया था। खून से लथपथ निकिता को आनन-फानन में अस्पताल तो पहुंचाय गया लेकिन जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। निकिता की हत्या की पूरी घटना CCTV में कैद हो गई थी। वायरल वीडियो में यह साफ दिख रहा था कि दो लड़के निकिता को जबरन कार में खींचने की कोशिश कर रहे थे। जब बात नहीं बनी तो उन लोगों ने निकिता की गोली मार कर हत्या कर दी और फरार हो गये। निकिता के घरवालों के मुताबिक तौसीफ निकिता पर लंबे समय से शादी का दबाव बना रहा था। लेकिन जब निकिता ने हांमी नहीं भरी तो उसे दिनदहाड़े गोली मार दिया। 27 अक्टूबर को पुलिस ने दोनों आरोपियों – तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार कर लिया था। तौसीफ के एक और दोस्त अजरुद्दीन को भी देसी कट्टे का इंतजाम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मुख्य आरोपी तौसिफ का राजनीतिक परिवार से नाता है
निकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी तौसिफ राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है। तौसिफ के चाचा खुर्शीद अहमद हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे चुके हैं और दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं। तौसिफ का एक रिश्तेदार आफताब अहमद भी में कांग्रेस के नूंह (मेवात) से विधायक हैं। तौसिफ की उम्र 21 वर्ष है और वो फिजियोथेरेपिस्ट की पढ़ाई कर रहा है।