1- 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरु होने जा रहा है, वैक्सीनेशन शुरु होने से पहले ही इसे लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। अब कोरोना वैक्सीन पर हो रही राजनीति में यूपी के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर का नाम शामिल हुआ है। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जो लोग वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिकों पर सवाल उठा रहे थे वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन तैयार करके उनके मुंहपर जूता मारा है। देश के वैज्ञानिकों ने कम संसाधनों में भी कोरोना की वैक्सीन तैयार की है, सरकार वैज्ञानिकों को अच्छे संसाधन मुहैया कराए तो हमारे देश के वैज्ञानिक दुनिया के सबसे अच्छे वैज्ञानिक होंगे। वैक्सीन पर हो रही पॉलिटिक्स पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन से परेशानी है उन्हें देश छोड़कर चले जाना चाहिए। ये वैक्सीन मोदी की नहीं, हमारे देश के वैज्ञानिकों की है, मैं भी वैक्सीन लगवाउंगा।
2- उत्तर भारत में ठंडी हवाओं के चलते सर्दी का सितम जारी है। मौसम विभाग की मानें तो 15 जनवरी तक सर्दी से राहत नहीं मिलेगी, और अगले 3-4 दिन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों के न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है, साथ ही घना कोहरा छाए रहने की भी संभावना है। आपको बता दें कोहरे के चलते कम विजिबिलिटी के कारण देश में हर साल होने वालेहादसों में करीब 10 हजार मौतें होती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या यूपी व बिहार के लोगों की होती है। इसलिए कोहरे के दौरान सावधानी बरतें। मौसम विभाग ने राजस्थान के कई इलाकों में शीत लहर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत में जहां शीत लहर अपना असर दिखाएगी तो वहीं दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों खासतौर पर तमिलनाडु और केरल में बारिश की संभावना है।
3- कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुई बोर्ड कक्षाओं की अधूरी पढ़ाई की भरपाई के लिए, मंगलवार 12 जनवरी को संसद की एक समिति ने शिक्षा मंत्रालय को ये सुझाव दिया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को क्वेश्चन बैंक मुहैया कराया जाए, औऱ फिर बोर्ड एग्जाम्स के लिए इसी प्रश्न बैंक में से सवाल दिए जाएं। इस समिती ने गरीब परिवारों के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की व्यावहारिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए। साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्रालय को विज्ञापन व दूसरे माध्यमों से दूरदर्शन औऱ आकाशवाणी के जरिए सभी विषयों की पढ़ाई के प्रसारण का प्रचार-प्रसार करना चाहिए था।
4- तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानं व सरकार के बीच छिड़ी तकरार को ख्तम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता निकाला और मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी, साथ ही एक 4 सद्स्यीय कमेटी का गठन किया है, जो किसानों की चिंताओं के समाधानों पर बात करेगी। ये कमेटी 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और पहली बैठक 10 दिन कें अंदर करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया है उनमें हैं- अनिल धनवत, अशोक गुलाटी, भूपेन्द्र सिंह मान और पीके जोशी, चारों ही शख्सियतों को कृषि क्षेत्र की खासी समझ है, लेकिन किसान संगठनों के नेताओं को कमिटी के लिए चुने गए नामों पर एतबार नहीं, एतराज है। किसान नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस ने भी कृषि कानूनों पर विचार के लिए बनाई गई कमिटी की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कमिटी के लिए चुने गए लोग अप्रयक्ष रूप से सरकार के ही लोग हैं, जो बाजारवाद और पूंजीवाद हितैषी हैं साथ ही इऩ कृषि कानूनों के समर्थक भी हैं, ऐसे में कमेटी जो भी फैसला करेगी, जाहिर तौर पर वो सरकरा और कृषि कानूनों के पक्ष में ही होगा, इसलिए जबतक कानून पूरी तरह रद्द नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा। एक तरफ जहां कोर्ट के फैसले को किसानों की पहली जीत कहा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इसे किसानों के खिलाफ साजिश भी माना जा रहा है। महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी का कहना है कि किसानों द्वारा 26 जनवरी को किए जाने वालो आंदोलन को रोकरने के लिए कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगाई है।
5- पटना में बेखौफ अपराधिनों ने एक बार फिर शासन व्यवस्था की दज्जियां उड़ाईं, पटना के पुनाइचक एरिया में कुसुम विला अपार्टमेंट के पास बदमाशों ने इंडिगो के स्टेशन हैड रूपेश सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। 15 गौलियों से छलनी हुए रुपेश की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक रूपेश एयरपोर्ट से घर की तरफ लौट रहे थे तब बाइक सवार दो बदमाशों ने कार में बैठे रूपेश पर फाइरिंग की। जिस वक्त बदमाशों ने इस वारदात को अंदाम दिया अपार्टमेंट के गार्ड भी गेट पर मौजूद नहीं थे। गोलियों की अवाज सुनकर आसपास के लोग अपार्टमेंट के बाहर पहुंचे, जिन्होंने घायल रेश को अस्तपाल में भर्ती कराया लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस वारदात के बाद जहां पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं स्थानीय लोगों में भी खासी नाराजगी है। फिलहाल पटना पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।