1- देश में कमजोर पड़ती महामारी की दूसरी लहर के दौरान कल 24 घंटे में 50 दिन बाद सबसे कम मामले दर्ज हुए। कल नए संक्रमितों की संख्या 1 लाख 26 हजार 698 रही जबकि इस दौरान 2 हजार 782 लोगों की मौत हुई। इस दौरान कोरोना को मात देने वालों की संख्या भी 2 लाख 54 से ज्यादा रही। महाराष्ट्र में जहां 24 घंटे में नए संक्रमितों की संख्या 15 हजार के पार रही तो इस दौरान जान गंवाने वालों की संख्या 184 थी। राजधानी दिल्ली में नए संक्रमितों की संख्या तेजी से घट रही है कल यहां 648 नए संक्रमित मिले और 86 लोगों की मौत हुई। वहीं उत्तर प्रदेश में 1497 नए मामले सामने आए और 151 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई। मध्य प्रदेश में 1200 से ज्यादा नए केस मिले और 48 लोगों की जान गई। राजस्थान में भी 1500 नए मामलों की पुष्टि हुई और 68 लोगों की मौत हुई। वहीं तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 27 हजार 936 नए संक्रमित मिले और दौरान 478 लोगों की जान गई। कर्नाटक में 16 हजार 604 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई और 4111 लोगों की मौत हुई। केरल में 12 हजार 300 नए मामले सामने आए और 174 लोगों की जान गई। जबकि पश्चिम बंगाल में 10 हजार से ज्यादा मामले मिले और इस दौरान 131 लोगों ने संक्रमण के चलते अपनी जान गंवाई। देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर तो पड़ रही है लेकिन अभी भी मामले 1 लाख के पार हैं जिनमें ज्यादातर मामले दक्षिण के राज्यों के हैं। इसी बीच एक और बड़ी खबर कोरोना से जुड़ी ये है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इनको देशों के नाम से न पुकारा जाए और नए वेरिएंट्स को नाम दिए हैं, भारत मे मिले वेरिएंट को डेल्ट नाम दिया गया है। अब ये वेरिएंट डेल्टा (Delta) के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही सितंबर 2020 में ब्रिटेन में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के बी.1.1.7 वेरिएंट को अल्फा नाम दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में मिले बी.1.351 को बीटा नाम मिला है और नवंबर 2020 में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए P.1 वेरिएंट को अब गामा नाम से जाना जाएगा। आपको बता दें कि भारत ने हाल ही में कोरोना के वेरिएंट B.1.617.2 को ‘भारतीय वेरिएंट’ कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी थी। पहले भी WHO यह कहता रहा है कि किसी भी स्ट्रेन या वैरिएंट को देश के नाम से नहीं पहचाना जाना चाहिए।
2- कोरोना महामारी के चलते देश की जीडीपी में 4 दशक में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। नेशनल स्टैस्टिकल्स ऑफिस के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ -7.3% रही है। जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4 फीसदी रही थी। बीते चार दशक GDP ग्रोथ पर नजर डालें तो ये देश की अर्थव्यवस्था का सबसे खराब दौर है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 1979-80 में सूखा पड़ने की वजह से GDP ग्रोथ रेट -5.2% दर्ज की गई थी। बीते साल कोरोना काल के दौरान पहली दो तिमाही में गिरावट के तीसरी तिमाही में डगमगाती अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी थी और दिसंबर तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 0.5 फीसदी रही थी। वहीं चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 1.6 फीसदी रही। हालांकि सरकार द्वारा फरवरी में जो अग्रिम अनुमान जारी किया था उसमें 8 फीसदी की सालाना गिरावट की आशंका जताई थी, जिसकी तुलना में गिरावट कम रही है। वैसे कोरोना की दूसरी लहर के चलते चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भी महामारी का असर दिखाई दे सकता है, क्योंकि मार्च के आखिरी सप्ताह से कई राज्यों में लगी पाबंदियों के चलते अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
3- कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दौरान ऐसी कई खबरें आई हैं जिनमें कहा गया है कि लोगों को दो अलग अलग वैक्सीन की डोज दी गईं। जिसे लेकर लोग काफी परेशान दिखे, हालांकि बाद में बयान जारी कर ये कहा गया कि प्रोटोकॉल्स के तहत एक ही कंपनी की दोनों डोज लें लेकिन यदि दो अलग अलग वैक्सीन लग जाएं तो परेशान न हों। वैसे इसी बीच खबर आ रही है कि सरकार और प्रशासन अब वैक्सीन कॉकटेल को लेकर ट्रायल शुरू करने वाली है जो अगले कुछ हफ्तों में शुरु हो सकता है। जिन वैक्सीन्स को लेकर ये ट्रायल होगा उसमें कोवीशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतिनक समेत 8 वैक्सीन को शामिल किया जा सकता है। NTAGI यानि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन के तहत काम कर रहे कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि दो अलग-अलग वैक्सीन के ट्रायल से पता लगाया जाएगा कि क्या इससे इम्यून सिस्टम को और ज्यादा बूस्ट किया जा सकता है या नहीं। उन्होंने कहा कि हम दो ऐसी वैक्सीन का कॉम्बिनेशन तलाश रहे हैं, जो बेहतर नतीजे दे सकें। इस ट्रायल में ये पता लगाया जाएगा कि कौन सी दो अलग-अलग वैक्सीन देना ज्यादा फायदेमंद होगा। कौन सी वैक्सीन पहले और कौन सी बाद में देने से अच्छे नतीजे मिलेंगे।
4- 5जी की टेस्टिंग को लेकर देश ही नहीं दुनिया के अलग अलग हिस्सों से लोगों ने चिंता जताई है और 5जी टेस्टिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। अब इसमें एक और नाम शामिल हुआ है पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों के लेकर जागरुक बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला का, जिन्होंने 5जी टेस्टिंग के खिलाफ आवाज उठाते हुए इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसपर आगे की सुनवाई 2 जून को होगी। जूही चावला ने इस याचिका के माध्यम से 5जी टेस्टिंग से नेचर को होने वाले भविष्य के नुकसानों की आशंका के तहत इसका विरोध किया है। जूही चावला का कहना है कि हम टेक्नोलॉजी और उसके विस्तार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तमाम रिसर्च में ये सामने आया है कि आरएफ रेडिएशन कितना हानिकारक साबित हो सकता है, इंसानी स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं हैं। इससे ईको सिस्टम को ऐसे नुकसान होने का अंदेशा है जिनकी भरपाई नहीं की जा सकेगी। आपको बता दें कि एक तरफ जहां लोग 5जी के फायदे गिनाते नहीं थक रहे तो वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध करने वालों की भी कमी नहीं हैं, जो 5 जी टावर से निकलने वाले आरएफ रेडिएशन को इंसानों के साथ साथ प्रकृति और पक्षियों के लिए भी घातक बता रहे हैं।
5- योग गुरु बाबा राम देव की छेड़ी आयुर्वेद बनाम ऐलोपैथी की जंग खत्म होती नजर नहीं आ रही क्योंकि बाबा रामदेव एक के बाद एक लगातार टिप्पणियां कर, मुद्दे को और हवा दे रहे हैं। अब उन्होंने बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार का एक वीडिये शेयर कर फिर से एलोपैथी पर तंज कसा है। बाबा राम देव ने अक्षय कुमार के दो वीडियो कैप्शन के साथ शेयर किए हैं, जिनमें उन्होंने लिखा है, आप अपनी बॉडी के खुद ब्रांड अंबेसडर बनें। सिंपल और हेल्दी लाइफ जिएं। आओ दुनिया को दिखा देते हैं कि हमारे हिंदुस्तानी योग व आयुर्वेद में जो ताकत है, वो किसी अंग्रेज के केमिकल इंजेक्शन में नहीं है, साभार अक्षय कुमार। आपको बता दें कि इस वीडियों में अक्षय कुमार आयुर्वेद की खूबियों पर बोलते नजर आ रहे हैं। अक्षय कुमार कहते हैं, “मेरे बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि बीते 25 सालों से मैं आयुर्वेद को फॉलो करते आया हूं। कुदरत ने हमारे लिए बहुत बड़ा खजाना आयुर्वेद का दिया है, लेकिन हम उसकी कदर ही नहीं कर रहे हैं। हम अंग्रेजी दवाएं खा रहे हैं और स्टेरॉयड के इंजेक्शन ले रहे हैं। मजे की बात यह है कि हम जिन विदेशियों के तरीके अपना रहे हैं, लेकिन वे लोग यहां आयुर्वेद में इलाज खोज रहे हैं, मैं यह बात किसी आयुर्वेद कंपनी के ब्रैंड अंबैसडर के तौर पर नहीं बल्कि अपने शरीर के ब्रांड एंबैसडर के तौर पर बोल रहा हूं। आप इसे अपनाकर देखिए, मेरी गारंटी है कि आप हर सुबह मुस्कान के साथ उठेंगे”। वैसे ये नया नहीं है कि बाबा रामदेव ने ऐलोपैथी पर टिप्पणी की हैं, इससे पहले भी उन्होंने आमिर खान के टीवी शो सत्यमेव जयते में एक क्लिप शेयर कर एलोपैथी पर निशाना साधा था। इतना ही नहीं बाबा रामदेव ने फेसबुक पर IMA को निशाना बनाते हुए कहा है की योग का मज़ाक़ देश नहीं सहेगा, एलोपैथिक दवाओं के साथ योग भी जरूरी।