1- आज, 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरु हो रहा है जो 13 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक की। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों के 40 से ज्यादा नेता मौजूद थे। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों खासतौर पर विपक्ष के सुझाव मूल्यवान हैं, क्योंकि वे चर्चा को समृद्ध बनाते हैं। बैठक में उन्होंने साफ किया कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं के तहत कोई मुद्दा उठाया जाता है तो सरकार कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही पीएम ने बैठक में संसद के कामकाज के सुचारू संचालन और जिन 31 विधेयकों पर चर्चा होगी, उन्हें पारित कराने के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा। वहीं बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए, संसद के इस सत्र में कुल 19 बैठकें होंगी। मेरी सभी पार्टियों के साथ चर्चा हुई है, संसद में विभिन्न मुद्दों पर सार्थक और सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस सत्र में छोटे दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा।
2- मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यदि प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनती है और योगी आदित्यनाथ ही सीएम बनते हैं तो वो उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। अपने इस बयान के बाद मुनव्वर राणा चौतरफा पलटवारों से घिर गए हैं। मुनव्वर राणा के इस बयान का तंजिया जवाब देते हुए बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता ट्वीट किया, मुनव्वर राणा भाग-भाग योगी आया। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने मुनव्वर राणा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि साहित्यकार के सियासी बयानों से ऐसे खतरे उत्पन्न होते हैं। मुनव्वर सियासत में मजहबी रंग घोल रहे हैं, उन्हें कहीं दूसरी जगह मकान तलाश लेना चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में फिर से योगी की वापसी होने जा रही है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने मुनव्वर राणा के बयान के जवाब में कहा कि यूपी में रहने की शर्त अगर 2022 में बीजेपी की सरकार न बनने की है तो मुनव्वर राणा को अपना बोरिया बिस्तर बांध लेना चाहिए क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा की फिर से बहुमत की सरकार बनने जा रही है।
3- बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाली मध्यप्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, सेल्फी वाले बयान को लेकर। दरअसल मंत्री जी ने अब अपनी सेल्फी की फीस निर्धारित कर दी है, जो भी कार्यकर्ता उनके साथ सेल्फी लेगा उसे 100 रुपये की फीस देनी होगी, और इससे जो भी पैसा इकट्ठा होगा वो पार्टी फंड में जमा किया जाएगा। रविवार को अपने खंडवा दौरे के दौरान ऊषा ठाकुर ने कहा कि सेल्फी की वजह से उनका बहुत वक्त जाया होता है, और इसीलिए सेल्फी पर फीस लगाने पर विचार किया है। उन्होंने कहा, हमारे यहां मंडल कार्यकारिणी है, जिस मंडल में जो जितनी सेल्फी लेगा, उसे हर सेल्फी के लिए 100 रुपए कोषाध्यक्ष के पास जमा करने होंगे। यह रकम संगठन के काम आएगी। आपको बता दें कि इससे पहले कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हनुमान चालीसा और शंख बजाने वाला बयान भी काफी चर्चाओं में रहा था।
4- तमाम खींचतान के बाद नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए, साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। पार्टी ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी है वहीं संगत सिंह गिलजान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। पंजाब से दिल्ली तक रविवार को भी हचलच का दौर जारी रहा, प्रताप सिंह वाजबा और सीएम अमरिंदर सिंह के सुर मिलने के बाद सिद्धू की ताजपोशी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे, लेकिन फिर सोनिया गांधी ने खुद कमान संभाली और सांसदों व नेताओं से फोन पर बात की जिसके बाद सिद्धू के विरोध में खड़े नेताओं के सुर नरम हुए और आखिरकार नवजोत सिंध सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी गई।
5- रविवार को पब्लिश हुई एक रिपोर्ट में दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों की कंसोर्टियम ने ये दावा किया है कि दुनियाभर में सरकारें पत्रकारों और ऐक्टिविस्टों की जासूसी करवा रही हैं, जिसके लिए इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के हैकिंग साफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया। पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्रॉइड डिवाइस को हैक कर लेता है। इससे मैलवेयर भेजने वाला व्यक्ति उस फोन मे मौजूद मैसेज, फोटो और ईमेल को तो देख ही सकता है साथ ही इस सॉफ्टवेयर के जरिए उस फोन पर आ रही कॉल को रिकॉर्ड भी कर सकता है। दरअसल द गार्जियन ने पेगासस स्पाईवेयर साफ्टवेयर के डेटा पर स्टडी कर ये दावा किया है कि भारत समेत कई देशों में सरकारों ने करीब 180 पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और ऐक्टिविस्ट्स की जासूसी की है, जिसमें भारत में भी 30 लोगों की जासूसी का दावा किया गया है। जिनमें वायर के एक सह-संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन और वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा का नाम शामिल है। हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है।
6- कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक और वायरस की खबर ने चिंताएं बढ़ा दी हैं, हालांकि इस वायरस की पहचान 1932 में की गई थी। बीजिंग में मंकी बी वायरस से संक्रमित हुए पशु चिकित्सक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मंकी बी वायरस से संक्रमित होने वाले 53 साल के पशु चिकित्सक गैर-मानव प्राइमेट्स पर रिसर्च करने वाली संस्था के साथ काम करते थे, मार्च की शुरुआत में दो मरे हुए बंदरों के शरीर की चीरफाड के करीब एक महीने बाद उन्हें उल्टी- मिचली जैसे शुरुआती लक्षण दिखाई देने लगे थे इसके बाद रिसर्चर्स ने डॉक्टर को मंकी बी वायरस से संक्रमित पाया और अब उनकी मौत हो गई, हालांकि उनका परिवार संक्रमण से बच गया, उनके सैंपल्स निगेटिव पाए गए हैं। मंकी बी वायरस काफी घातक बताया जा रहा है क्योंकि इससे संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है।